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मरीज को झोली में डाल 5 से 7 किलोमीटर उबड़ खाबड़ रास्तों से पहुंचाते है अस्पताल

करीब 2 हजार घरों के साथ 3 से 4 हजार लोग निवास करते हैं परंतु आज भी इन लोगों को सड़के नसीब नहीं हो रही है
 

उदयपुर। जहां एक ओर केंद्र व राज्य सरकार करोड़ों रुपए विभिन्न योजनाओं पर खर्च कर हर गांव, ढाणी एवं मजरों को सड़कों से जोड़ने की बड़ी-बड़ी घोषणाएं करती हैं  परंतु, हकीकत यह है कि लोगों को पगडंडी भी नसीब नहीं हो रही हैं कोई बीमार हो या प्रसव, उस समय लोगों को झोली में डालकर ले जाना पड़ता है। 

झोली में उबड़-खाबड रास्तों का करीब 5 से 7 किलोमीटर तक सफर करने के बाद अस्पताल नसीब होता है। इस बीच में कई मरीज बीच रास्ते में ही दम तोड़ देते हैं। 

ऐसा ही मामला‌ जिले के सराडा उपखंड के कलात ग्राम पंचायत में देखने को मिल रहा है जहां के निवासी आज भी भौतिक सुख सुविधाओं से काफी दूर हैं ग्राम पंचायत के हल्दुदरा, गोटा पानी, घोडा फला, राता खेता, ऐडाफला, कलात में करीबन 3 हजार आबादी है‌ परंतु यहां कोई बीमार हो जाता है, तो उसे झोली में डाल कर कई किलोमीटर पगडंडी, उबड़-खाबड़ रास्तों से चल कर अस्पताल ले जाना पड़ता है। 

करीब 2 हजार घरों के साथ 3 से 4 हजार लोग निवास करते हैं परंतु आज भी इन लोगों को सड़के नसीब नहीं हो रही है एक व्यक्ति के बीमार होने पर आसपास घरों के दर्जनों लोग मिलकर मरीज को अस्पताल पहुंचाने को मजबूर है।