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गांवाें में चल रही रोडवेज की धक्का गाड़ी

रणघाटी में इसकी स्पीड कम होने के कारण रोडवेज कर्मचारियों ने कुछ सवारियों को नीचे उतार दिया

 

उदयपुर। उदयपुर डिपो की आसपास के गांवों में चलने वाली गाडि़याें की स्थिति ज्यादा अच्छी नहीं है। कई बार ये बसें बीच रास्ते में खड़ी हो जाती है तो कई बार घाटियों पर इनका दम फुल जाता है। ऐसा ही वाकया शुक्रवार को झाड़ोल मार्ग के रणघाटी क्षेत्र में दिखाई दिया।

जानकारी के अनुसार झाड़ोल से उदयपुर की ओर आ रही उदयपुर डिपो की गाड़ी में अधिक सवारियां होने से रणघाटी में इसकी स्पीड काफी कम पड़ गई। ऐसे में रोडवेज कर्मचारियों ने कुछ सवारियों को नीचे उतार दिया। इसके बाद बस को घाटे पर चढ़ाया गया। इस दौरान यात्री पैदल ही धीरे-धीरे घाटी चढ़े और बस में बैठकर उदयपुर की ओर रवाना हुए। बस में सवार लोगों ने बताया कि यह बस आए दिन खराब होती है। इसके झाड़ोल पहुंचने का समय दोपहर 3 बजे हैं, शुक्रवार को यह बस 3.30 बजे झाड़ोल पहुंची। कई बार मार्ग में बंद होने पर सवारियों को अन्य वाहनों से गंतव्य तक पहुंचना पड़ता है।

मार्ग में दो घाटे

उदयपुर से झाड़ोल तक करीब 50 किलोमीटर का सफर है। इस दौरान मार्ग में रण घाटी और खेरिया घाटा आता है। दोनों ही घाटे खड़े होने से पुरानी और काम मांगने वाली रोडवेज की बसों का इन्हें चढ़ने में दम फुल जाता है। इन बसों के एक्सल टूटना, टायर निकलना, स्टेयरिंग फैल होना आम बात है।

खराब बसों के कारण निजी वाहनों में आवागमन करना पसंद करते हैं

रोडवेज की बसों के मार्ग में खराब होने की आए दिन होने वाली घटनाओं के चलते लोग इनमें सफर करने से कतराने लगे हैं। कुछ विद्यार्थियों ने बताया कि बसों की कंडिशन अच्छी हो तो इनमें सफर करें। इन बसों के आए दिन खराब होने के चलते वे निजी जीप और अन्य वाहनों से उदयपुर आवागमन करना पसंद करते हैं।

हेमंत शर्मा, मुख्य प्रबंधक, उदयपुर आगार ने बताया की आसपास के लोकल रूटों पर पुरानी बसों का संचालन किया जाता है, लेकिन इनकी मेंटेनेंस नियमित रूप से कराई जा रही है। घाटे पर बस से यात्रियों को उतारने की समस्या की जानकारी नहीं है। अगर ऐसा है तो मैं दिखवाता हूं।