राजस्थान राज्य कर्मचारी महासंघ की 11 सूत्रीय मांग
जिला कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
उदयपुर 7 फ़रवरी 2025। अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ ने अपनी 11 सूत्रीय मांगों के समर्थन और खेमराज चौधरी समिति की रिपोर्ट के विरोध में एक दिवसीय विशाल धरना प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के बाद महासंघ के प्रतिनिधियों ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर शीघ्र समाधान की मांग की।
महासंघ का कहना है कि 11 सूत्रीय मांग पत्र लंबे समय से सरकार के पास विचाराधीन है, लेकिन प्रशासनिक और वित्तीय मुद्दों पर सरकार का रवैया संवेदनहीन बना हुआ है। खेमराज चौधरी समिति की रिपोर्ट को लेकर भी कर्मचारियों में आक्रोश है। महासंघ का आरोप है कि रिपोर्ट में अधीनस्थ सेवा के लगभग 8 लाख कर्मचारियों के हितों की उपेक्षा की गई है, जबकि राज्य सेवा के अधिकारियों को बिना पक्ष सुने लाभान्वित किया गया है।
प्रमुख मांगे
- पुरानी पेंशन योजना बहाल हो:पीएफआरडीए अधिनियम को निरस्त कर 53 हजार करोड़ रुपये जीपीएफ खाते में जमा किए जाएं।
- समान काम-समान वेतन- सभी कार्मिकों के लिए न्यूनतम वेतन 26 हजार रुपये निर्धारित किया जाए।
- वेतन विसंगति दूर करें-मूल वेतन कटौती को निरस्त कर 2013 की अधिसूचना के अनुसार वेतन निर्धारण हो।
- महंगाई भत्ता एरियर का भुगतान-जनवरी 2020 से जून 2021 तक का एरियर नकद दिया जाए।
- ग्रामीण भत्ता: ग्रामीण क्षेत्र के कार्मिकों को 10% अतिरिक्त भत्ता दिया जाए।
- समयबद्ध पदोन्नति: सेवाकाल में 5 पदोन्नति के अवसर और 7, 14, 21, 28, एवं 32 वर्षों की सेवा पर पदोन्नति दी जाए।
- संविदा एवं आउटसोर्स कर्मचारियों का नियमितीकरण, सभी संविदा और आउटसोर्स कर्मचारियों को नियमित किया जाए।
- सहायक कर्मचारियों को एम.टी.एस. घोषित करें, न्यूनतम वेतन 26 हजार रुपये किया जाए।
- कार्यरत मंत्रालयिक कर्मचारियों के वेतन और भत्ते समान हों।
- विभिन्न संवर्गों की पदनाम परिवर्तन-ए.एन.एम./एल.एच.वी और अन्य संवर्गों के पदनाम परिवर्तन की मांग।
- समझौते/सहमतियों की क्रियान्विति:पूर्व में हुए समझौतों को लागू किया जाए।
महासंघ ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर शीघ्र सकारात्मक कार्यवाही नहीं की गई, तो भविष्य में आंदोलन तेज किया जाएगा, जिसकी पूरी जिम्मेदारी शासन और सरकार की होगी।