राणा पूंजा को राजपूत बताने पर बांसवाड़ा सांसद राजकुमार रोत ने जताई नाराज़गी
राजकुमार रोत ने मंत्री बाबूलाल खराड़ी और मन्नालाल रावत पर लगाए आरोप
उदयपुर के सांसद मन्नालाल रावत और बांसवाड़ा के सांसद और भारतीय आदिवासी पार्टी के नेता राजकुमार रोत इन दिनों किसी ना किसी बात पर एक दूसरे को आरोपों के घेरे में लाते रहते हैं। कभी किसी बात तो कभी किसी बात पर एक दूसरों पर आरोप प्रत्यारोप लगाते हुए देखे जाते हैं।
ऐसा ही एक मामला सोमवार उस वक़्त सामने आया जब राजकुमार रोत का एक वीडियो सोशल मीडिया के माध्यम से सामने आया जिसमे उन्होंने मन्नालाल रावत और TAD मंत्री बाबू लाल खराड़ी दोनों पर आरोप लगाते हुए कहा की ऐसा प्रतीत होता हैं की दोनों को आदिवासी के अधिकार और आदिवासियों के हक़ ख़तम करने के लिए बनाया गया हैं। दोनों ही आदिवासियों के हक़ अधिकार पर लगातार कटाक्ष करते आ रहें हैं।
उन्होंने कहा राणा पूंजा की जयंती रविवार को पुरे देश में आदिवासी समाज और अन्य समाजों ने धूम धाम से मनाई, लेकिन TAD मंत्री द्वारा एक विवादित बयान इस पर दिया गया जिसमे उन्होंने राणा पूंजा के भील होने से ही इंकार कर दिया और उन्हें सोलंकी राजपूत वंशज बता दिया। ऐसा करके वो एक इतिहास को ख़तम करने का काम कर रहें हैं।
उन्होंने कहा को सभी जानते हैं की राणा पूंजा के ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के आधार पर उनके वंशज भी हैं। रोत ने कहा की मंत्री जी को किसी विशेष संगठन द्वारा मानसिक रूप से पोषित किया जाता हैं और वो ऐसे बयानबाजी करते हैं क्यों की इन्हे वोट बैंक का डर हैं। इस घटना से ना सिर्फ आदिवासी समुदाय बल्कि अन्य समुदायों में भी आक्रोश पैदा हुआ हैं।
इन्होने कहा की जिस तरह से मानगढ़ का इतिहास हैं उसमे स्पष्ट लिख रखा हैं की, गोविन्द गुरु को जब ब्रिटिश गवर्नमेंट ने गुजरात कोर्ट में पेश किया तो उस कोर्ट का जजमेंट हैं जिसमे स्पष्ट लिखा हैं को भील राज कायम करने के लिए ये आंदोलन किया जा रहा था। ऐसे में मन्नालाल रावत का ना ही बांसवाड़ा से लेना देना हैं ना ही डूंगरपुर से लेना देना हैं और ना ही वो इतिहास जानते हैं। लेकिन किसी के इशारे पर कहीं ना कहीं पार्टी अलाकमान को खुश करने के लिए। इतिहास को खत्म करने में लगे हैं।