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राजसमंद जेल में कैदियों को नई दिशा दे रहे हैं हेमंत सालवी

यह जेलर कुछ हटके है

 

राजसमंद से एक प्रेरणादायक पहल सामने आई है-जहां जेलर हेमंत सालवी ने जेल की चारदीवारी के भीतर “सुधार और संस्कार” की नई शुरुआत की है।

राजसमंद के जिला कारागृह में काव्य गोष्ठी मंच राजसमंद के सहयोग से एक विशेष काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में बंदियों ने कविताओं के माध्यम से मेवाड़ के गौरवशाली इतिहास, जीवन मूल्यों और अपराध से दूर रहने के संकल्प को महसूस किया।

कार्यक्रम के दौरान कैदियों ने न केवल कविताएँ सुनीं, बल्कि अपने अनुभव भी साझा किए और यह संकल्प लिया कि वे जेल से बाहर निकलकर समाज में नई, सकारात्मक भूमिका निभाएंगे।

जेलर हेमंत सालवी की इस “कुछ हटके” पहल की पूरे जिले में चर्चा है। लोगों का कहना है कि उनकी यह सोच -“सजा नहीं, सुधार ही असली न्याय है”-वाकई समाज को नई दिशा दे रही है। उनकी यह पहल साबित करती है कि अगर सोच सकारात्मक हो तो जेल भी शिक्षा का केंद्र बन सकती है।