Rajsamand:उप मुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा का राजसमंद दौरा
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News-उप मुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा का राजसमंद दौरा
राजसमंद। मंगलवार को उप मुख्यमंत्री डॉ प्रेमचंद बैरवा ने राजसमंद जिले को शिक्षा के क्षेत्र में कई सौगातें दी। उप मुख्यमंत्री डॉ बैरवा ने सेठ रंगलाल कोठारी राजकीय महाविद्यालय, राजसमंद में 1 करोड़ 22 लाख रुपए की लागत से निर्मित 5 नवीन कक्षों का लोकार्पण किया। साथ ही कालीबाई भील मेधावी छात्रा स्कूटी योजना तथा देवनारायण छात्रा स्कूटी वितरण योजना के तहत 22 छात्राओं को स्कूटी भेंट की जिसके पश्चात उनकी खुशी का ठिकाना न रहा। छात्राओं ने मुस्कुरा कर कहा कि वे अब आत्मनिर्भर होंगी और दूरी अब शिक्षा में बाधा नहीं होगी।
इस अवसर पर सांसद महिमा कुमारी मेवाड़, राजसमंद विधायक दीप्ति माहेश्वरी, राजसमंद प्रधान अरविंद सिंह राठौड़, पूर्व विधायक बंशीलाल खटीक, उप जिला प्रमुख सोहनी देवी, प्रधानाचार्य डॉ सुमन बडोला आदि मौजूद रहे।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि ये नवीन कक्षा कक्ष आत्मनिर्भरता की नींव है जो युवाओं को विकसित भारत में भागीदार बनाएंगी। स्कूटी के माध्यम से बेटियां अब किसी पर निर्भर नहीं रहेंगी और निर्बाध शिक्षा प्राप्त कर सकेंगी। मेवाड़ की धारा पर आकर वे सदैव अनुभूत करते हैं कि राजस्थान का भविष्य उज्ज्वल है जिसका आधार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा है।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि आज का दिन केवल एक शिलान्यास या उद्घाटन का दिन नहीं है, यह दिन हमारे सोच, हमारी सरकार की प्रतिबद्धता और शिक्षा के प्रति हमारे विश्वास का प्रतीक है। आज मेवाड़ की इस पवित्र और ऐतिहासिक धरा पर खड़े होकर मैं यह स्पष्ट रूप से अनुभव कर रहा हूं कि राजस्थान का भविष्य उज्ज्वल है और उसका आधार उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा ही है।
यह केवल एक निर्माण कार्य नहीं, बल्कि ये कक्षाएं उस नवाचार, उस आत्मनिर्भरता और उस आत्मविश्वास की नींव हैं, जो हमारे युवाओं को विकसित भारत के निर्माण में भागीदार बना रही हैं। आपके महाविद्यालय में 1,737 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं, जिनमें 788 छात्र और 949 छात्राएं हैं। यह इस बात का संकेत है कि हमारी बेटियां शिक्षा के प्रति सजग, जागरूक और प्रेरित हैं और इसी विश्वास को और बल देने हेतु आज हम स्कूटी भी वितरित कर रहे है।
स्कूटी देना एक साधन देना ही नहीं, बल्कि यह संदेश है कि अब हमारी बेटियां अपनी शिक्षा के लिए किसी पर निर्भर नहीं रहेंगी, वे स्वयं अपने सपनों को साकार करेगी। आज हमारी बेटियां स्वयं कॉलेज आ रही हैं, स्वयं अपने भविष्य को आकार को दे रही हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार की दृढ़ संकल्प शक्ति का परिणाम है कि इस वर्ष बजट में 33 नवीन राजकीय महाविद्यालय खोले गए हैं, जिनमें से 21 सहशिक्षा और 12 महिला महाविद्यालय हैं। यह संख्या केवल आंकड़ा नहीं, बल्कि हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
डॉ बैरवा ने कहा कि राजस्थान की इस वीर धरा पर आज 664 राजकीय महाविद्यालय हैं। इनमें से 373 राजसेस के अधीन संचालित हो रहे हैं और 291 राजकीय महाविद्यालय हैं। यह विस्तार केवल संख्या की वृद्धि नहीं है, बल्कि हमारी उस नीति का परिणाम है, जो गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को हर गांव, हर बस्ती तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है।
सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अन्तर्गत सेमेस्टर सिस्टम, एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट और चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम लागू करके शिक्षा को अधिक आधुनिक और व्यावहारिक बना रही है। इस वर्ष हमारी सरकार ने 5 महाविद्यालयों को यूजी से पीजी कॉलेज में क्रमोन्नत किया है। स्नातक स्तर पर 15 नवीन विषय और स्नातकोत्तर स्तर पर 12 नवीन विषय प्रारंभ किए गए हैं। 3 महाविद्यालयों में विज्ञान संकाय और 1 महाविद्यालय में वाणिज्य संकाय की शुरुआत की गई है। यह विस्तार हमारी उस सोच का प्रतिबिंब है जो विविधता में एकता के सिद्धांत पर आधारित है।
उन्होंने कहा कि उन्हें गर्व है कि सरकार ने इस वर्ष 142 राजकीय और राजसेस महाविद्यालयों भवनों का लोकार्पण किया है। यह संख्या केवल उपलब्धि नहीं, बल्कि हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है। हमारी सरकार का मानना है कि संख्या नहीं, गुणवत्ता पर विश्वास रखना चाहिए। डॉ बैरवा ने कहा कि हमारी सरकार की शिक्षा नीति का आधार समान अवसर और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना है ।
सरकार ने स्वामी विवेकानंद एकेडमिक एक्सीलेंस स्कॉलरशिप के अंतर्गत 300 सीटों पर विदेशी संस्थानों में और 200 सीटों पर देश के उत्कृष्ट शैक्षणिक संस्थानों में राजकीय व्यय पर विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने का अवसर प्रदान किया है। तकनीकी शिक्षा के लिए 33 जिला मुख्यालयों पर स्थित महाविद्यालयों में बीबीए और 7 संभाग स्तर पर एमबीए कोर्स की स्वीकृति जारी की है। इसके अतिरिक्त बीसीए और एमसीए कोर्स भी प्रारंभ किए गए हैं।
उन्होंने आगे कहा कि मेवाड़ की वीर धरा महाराणा प्रताप, राणा सांगा, और वीर दुर्गादास जैसे महान वीरों की भूमि है। आज हमारी बेटियां भी उसी वीरता और संकल्प के साथ आगे बढ़ रही हैं। हमारी सरकार का दृढ़ विश्वास है कि शिक्षा के माध्यम से हम न केवल व्यक्तिगत विकास करते हैं, बल्कि राष्ट्रीय विकास में भी योगदान देते हैं।
आज जब हम कक्षा कक्षों का लोकार्पण कर रहे हैं, तो मैं आप सभी से कहना चाहूंगा कि यह केवल ईंट, पत्थर और कंक्रीट का भवन नहीं है, बल्कि सपनों को साकार करने का मंदिर है। यह ज्ञान का केंद्र है, संस्कारों का केंद्र है, और चरित्र निर्माण का केंद्र है।
सांसद और विधायक ने की विकास कार्यों की घोषणा :
कार्यक्रम में राजसमंद सांसद महिमा कुमारी मेवाड़ द्वारा महाविद्यालय ग्राउंड के विकास कार्य के लिए 30 लाख रुपए की घोषणा की गई। इसी तरह राजसमंद विधायक दीप्ति माहेश्वरी द्वारा 10 लाख रुपए की घोषणा नवीन स्टेट ऑफ आर्ट लाइब्रेरी के लिए की गई। दोनों घोषणाओं के पश्चात तालियों से पांडाल गूंज उठा और सभी ने जनप्रतिनिधियों का आभार जताया।
कृषि महाविद्यालय के लिए जताया आभार:
राजसमंद विधायक दीप्ति माहेश्वरी ने मंच से कृषि महाविद्यालय की सौगात देने के लिए उप मुख्यमंत्री डॉ बैरवा का आभार जताया। माहेश्वरी ने कहा कि उप मुख्यमंत्री बैरवा सदैव ही आमजन की परेशानियों को लेकर चिंतित रहते हैं। अपने निवास पर भी वे प्रतिदिन अधिकतम लोगों की समस्याएं सुनकर समाधान करते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार हर वर्ग के कल्याण को लेकर प्रतिबद्ध है। विधायक दीप्ति माहेश्वरी ने छात्र-छात्राओं को आज के दौर में सोशल मीडिया के दुष्प्रभावों से बचते हुए अध्ययन और खेल संबंधी गतिविधियों पर ध्यान देने की अपील की।
ये रहे मौजूद:
इस अवसर पर जिला कलेक्टर अरुण कुमार हसीजा, सहायक निदेशक क्षेत्रीय कार्यालय कॉलेज शिक्षा श्री सतीश आचार्य, पूर्व विधायक बंशीलाल खटीक, समाजसेवी गोपाल कुमावत, पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष देवेश पालीवाल आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम के अंत में जिला नोडल स्कूटी प्रभारी डॉ. बृजेश कुमार बासोतिया ने सभी अतिथियों का धन्यवाद व आभार प्रकट किया। मंच संचालन महाविद्यालय की डॉ. विभा शर्मा और विजेंद्र शर्मा ने किया। कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्रो. दुर्गेश शर्मा, डॉ. प्रतीक विजय डॉ. गोपाल लाल कुमावत, डॉ. मनदीप सिंह डॉ. अनिल कुमार कालोरिया, खुशबू, दयाशंकर, सुनील कुमार सोनी, विजय कुमार रेगर, नारायण लाल कुमावत, नेमीचंद, तरुण कुमार, मुकेश कुमावत एवं महाविद्यालय विद्यार्थी उपस्थित थे।
News-राजकीय महाविद्यालय राजसमंद में कक्षा-कक्ष लोकार्पण एवं मेधावी छात्राओं को स्कूटी वितरण समारोह सम्पन्न
राजकीय महाविद्यालय राजसमंद में मंगलवार को उपमुख्यमंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा के मुख्य आतिथ्य में नवनिर्मित पाँच कक्षा-कक्षों का लोकार्पण किया गया। इस अवसर पर कालीबाई भील मेधावी छात्रा एवं देवनारायण छात्रा स्कूटी योजना के अंतर्गत 22 प्रतिभावान छात्राओं को स्कूटी वितरित कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के दौरान “एक पेड़ माँ के नाम” अभियान के अंतर्गत महाविद्यालय परिसर में पौधारोपण भी किया गया। समारोह में सांसद महिमा कुमारी मेवाड़ एवं विधायक दीप्ति किरण माहेश्वरी की गरिमामयी उपस्थिति रही।
समारोह को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री डॉ. बैरवा ने कहा कि शिक्षा के मंदिरों में ही भारत का भविष्य गढ़ा जाता है। विद्यार्थियों को अच्छा वातावरण उपलब्ध कराना चाहिए, जिससे वे राष्ट्र सेवा के संकल्प के साथ आगे बढ़ें। उन्होंने कहा कि शिक्षा से ही हमारे संस्कार जीवित रहते हैं और विकसित भारत के निर्माण में युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने बालिकाओं को आत्मनिर्भर बनाने एवं उनका आत्मविश्वास बढ़ाने के उद्देश्य से स्कूटी योजना का महत्व भी बताया।
उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति छात्रों को कुशल, आत्मनिर्भर बनाने और रोजगारपरकता तथा कौशल विकास पर बल देती है, जिससे उनका भविष्य उज्ज्वल हो। अंत में विद्यार्थियों से परिश्रम, अनुशासन और आत्मविश्वास के साथ राष्ट्र निर्माण में योगदान देने का आह्वान करते हुए महाविद्यालय परिवार को शुभकामनाएँ दीं।
News-सांसद महिमा कुमारी मेवाड़ ने की जनसुनवाई, सहानुभूति से सुनी समस्याएं, समाधान के दिए निर्देश
राजसमंद। सांसद महिमा कुमारी मेवाड़ ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट स्थित अपने कार्यालय में आमजन की जनसुनवाई की। जनसुनवाई के दौरान उन्होंने जिले के विभिन्न क्षेत्रों से आए नागरिकों की समस्याएं गंभीरता से सुनी और संबंधित अधिकारियों को त्वरित कार्यवाही के निर्देश दिए।
जनसुनवाई में मुख्य रूप से पेयजल, बिजली, सड़क, अतिक्रमण, राजस्व, आवास, पेंशन आदि जैसी समस्याएं सामने आईं। श्रीमती मेवाड़ ने प्रत्येक फरियादी की बात को गंभीरतापूर्वक सुनते हुए अधिकारियों को निर्देशित किया कि समयबद्ध समाधान सुनिश्चित किया जाए और हर स्तर पर आमजन को राहत प्रदान करने की मानसिकता से कार्य किया जाए।
उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा है कि हर जरूरतमंद को समय पर न्याय और राहत मिले। उन्होंने संबंधित विभागों को स्पष्ट निर्देश दिए कि शिकायतकर्ता को बार-बार कार्यालयों के चक्कर न लगाने पड़ें। सांसद ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति तक राहत पहुँचाना उनकी प्राथमिकता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जनप्रतिनिधि के रूप में वे जनता की समस्याओं के समाधान के लिए सदैव तत्पर हैं। उन्होंने भरोसा दिलाया कि जनसमस्याओं के निस्तारण में कोई कोताही नहीं बरती जाएगी।
News-उप मुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा की समीक्षा बैठक
राजसमंद, 15 जुलाई। उप मुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक में वर्ष 2024-25 एवं 2025-26 की बजट घोषणाओं, फ्लैगशिप योजनाओं, वंदे गंगा जल संरक्षण-जन अभियान और पंडित दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय संबल पखवाड़े सहित अन्य कल्याणकारी योजनाओं, कार्यक्रमों एवं गतिविधियों आदि की विस्तार से समीक्षा की।
बैठक में सांसद श्रीमती महिमा कुमारी मेवाड़, कुंभलगढ़ विधायक सुरेंद्र सिंह राठौड़, राजसमंद विधायक दीप्ति माहेश्वरी, नाथद्वारा विधायक विश्वराज सिंह मेवाड़, जिला प्रमुख सोहनी देवी, प्रधान अरविंद सिंह, उप जिला प्रमुख सोहनी देवी, जिला कलक्टर अरुण कुमार हसीजा, एडीएम नरेश बुनकर, जिला परिषद सीईओ श्री बृजमोहन बैरवा, नगर परिषद सहित समस्त विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे। कलक्टर हसीजा ने प्रत्येक बजट घोषणा की नवीनतम प्रगति से जनप्रतिनिधियों को अवगत कराया।
बैठक में डॉ बैरवा ने सभी विभागों के जिला स्तरीय अधिकारियों से विभिन्न योजनाओं की अद्यतन प्रगति, क्रियान्वयन की स्थिति तथा भविष्य की कार्ययोजना के संबंध में विस्तृत जानकारी ली। उप मुख्यमंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि बजट घोषणाएं राज्य सरकार की प्राथमिकताओं का आईना होती हैं तथा इनका त्वरित और प्रभावी क्रियान्वयन सरकार की प्रतिबद्धता का प्रतीक है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि समस्त कार्य निर्धारित समयसीमा में पूर्ण हों और गुणवत्ता से किसी भी स्तर पर समझौता न किया जाए। सभी विभागों से आपसी समन्वय और नियमित अनुश्रवण सुनिश्चित करने पर बल दिया गया।
बैठक के दौरान विभिन्न घोषणाओं जैसे- स्टोन मंडी, प्रभु द्वारकाधीशजी के मंदिर में उन्नयन संबंधी कार्यों, सार्वजनिक निर्माण विभाग की घोषणाओं के अंतर्गत केलवा से आमेट, मादड़ी से लसानी ताल वाया आमेट–देवगढ़, चारभुजा से सेवंत्री, एवं बडारडा पुठिया से फरारा महादेव तक लगभग 70 किलोमीटर लंबी सड़कों के निर्माण, सुदृढ़ीकरण एवं डामरीकरण कार्यों की प्रगति की समीक्षा की गई। ऊर्जा विभाग के अंतर्गत भीम क्षेत्र के धांसरिया एवं जालपा में प्रस्तावित 33/11 केवी जीएसएस निर्माण की स्थिति पर चर्चा हुई।
स्वायत्त शासन विभाग की घोषणाओं के तहत नाथद्वारा शहर में शहरी स्वच्छता, ठोस कचरा प्रबंधन एवं जलापूर्ति विस्तार हेतु तैयार की जा रही तीन वर्षीय योजना की प्रगति की जानकारी ली गई। पर्यटन विभाग द्वारा पिपलांत्री को इको-टूरिज्म स्थल के रूप में विकसित करने की योजना, चिकित्सा विभाग की आत्मा व सांगठकला में पीएचसी क्रमोन्नयन एवं जिला चिकित्सालय में बेड क्षमता वृद्धि संबंधी कार्यों की स्थिति पर भी विचार-विमर्श हुआ।
उच्च शिक्षा विभाग द्वारा भीम महाविद्यालय में वाणिज्य संकाय की स्थापना, पशुपालन विभाग द्वारा नाथद्वारा में प्रोटीन पशु आहार संयंत्र की स्थापना तथा जल संसाधन विभाग की सिंचाई परियोजनाएं जैसे दातो का देव, भोपाल सागर, सांगठ बांध, कुंडेली एवं चावण्डिया नहर सहित एनीकट मरम्मत कार्यों की प्रगति आदि की समीक्षा की गई।
डॉ बैरवा ने विभिन्न फ़्लैगशिप योजनाओं जैसे- कुसुम योजना, लाडो प्रोत्साहन योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन, कर्मभूमि से मातृभूमि अभियान, स्वच्छ भारत मिशन (शहरी), स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण), स्वामित्व योजना, मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान 2.0, अटल ज्ञान केंद्र, मुख्यमंत्री शिक्षित राजस्थान अभियान, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, अटल प्रगति पथ, प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी), प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण), मुख्यमंत्री स्वनिधि योजना, पीएम विश्वकर्मा योजना, मिशन हरियालो राजस्थान, जल जीवन मिशन, अमृत योजना, पंच गौरव योजना, पंडित दीनदयाल उपाध्याय गरीबी मुक्त गांव योजना, नमो ड्रोन दीदी, सोलर दीदी, लखपति दीदी, बैंक सखी, कृषि सखी एवं पशु सखी आदि की समीक्षा करते हुए हर पात्र को लाभान्वित करने के निर्देश दिए।
अंत में जिला परिषद सीईओ बृजमोहन बैरवा ने वंदे गंगा (जल संरक्षण- जन अभियान) तथा डीओआईटी के उप निदेशक मनोज मीणा ने अंत्योदय संबल पखवाड़े की प्रगति से अवगत कराया। डॉ. बैरवा ने निर्देश दिए कि जिन बजट घोषणाओं पर अभी तक कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है, उन्हें शीघ्र प्रारंभ किया जाए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि बजट घोषणाएं केवल दस्तावेज नहीं, बल्कि जन अपेक्षाओं की पूर्ति का माध्यम हैं। इन्हें जमीनी स्तर तक पहुंचाना हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है।