Rajsamand-17 अगस्त 2024 की प्रमुख खबरे
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News-कलक्टर डॉ भंवर लाल ने जिला स्तरीय जनसुनवाई में सुनी आमजन की समस्याएं
अधिकारियों को हाथों-हाथ दिए समस्याओं का निस्तारण करने के निर्देश
राजसमंद जिला कलक्टर डॉ भंवर लाल ने शुक्रवार को कलेक्ट्रेट में जिला स्तरीय जनसुनवाई का आयोजन किया जिसमें उन्हों यहाँ आए नागरिकों की समस्याएं सुनी और त्वरित निस्तारण के निर्देश दिए। जनसुनवाई में एडीएम नरेश बुनकर, जिला परिषद सीईओ हनुमान सिंह राठौड़, एडिशनल एसपी महेंद्र पारीक, एसडीओ अर्चना बुगालिया सहित आदि अधिकारी डीओआईटीसी स्थित वीसी कक्ष में जुड़े। साथ ही सभी उपखंड अधिकारी, विकास अधिकारी, तहसीलदार आदि उपखंड स्तरीय अधिकारी वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से जुड़े।
कलक्टर ने प्रत्येक परिवादी को सबसे पहले अपने पास कुर्सी पर बैठाया और फिर उसकी समस्या को इत्मीनान से सुना। कलक्टर ने समस्याओं को गंभीरता से सुनते हुए मौके पर ही संबंधित विभाग के अधिकारी से समस्या और उससे संबंधित दस्तावेज पर चर्चा करते हुए परिवादी को राहत प्रदान करने के निर्देश दिए। इसके बाद परिवादी को भी आश्वस्त किया कि उनकी समस्याओं का उचित निराकरण किया जाएगा और प्रशासन उनके हित में हर संभव प्रयास करेगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे जनसुनवाई में प्राप्त शिकायतों को गंभीरता से लें और शीघ्रता से निपटाएं।
इस अवसर पर विभिन्न विभागों के अधिकारी भी उपस्थित थे जिन्होंने समस्याओं के समाधान में सहयोग प्रदान किया। जनसुनवाई में अतिक्रमण हटाने, पट्टा दिलाने, बिजली, पेयजल सहित विभिन्न विषयों से संबंधित शिकायतें प्राप्त हुई। परिवादियों ने अपनी समस्याओं को खुलकर साझा किया। जिला स्तरीय जनसुनवाई को मुख्यालय स्तर से भी जोड़ा गया और जन जनसुनवाई का मुख्यालय स्तर से निरंतर पर्यवेक्षण हुआ।
News-बच्चों के बीच पहुंचे सौ बाल साहित्यकार
राजसमन्द स्थित अंतरराष्ट्रीय संस्थान अणुव्रत विश्व भारती द्वारा प्रकाशित मासिक बाल पत्रिका ‘बच्चों का देश’ पत्रिका के रजत जयन्ती समारोह के अन्तर्गत ‘बाल साहित्य संवाद’ के रूप में एक अनूठा नवाचार किया गया। 17 अगस्त की सुबह देश भर से आए करीब सौ बाल साहित्यकार राजसमन्द क्षेत्र के 31 अलग-अलग स्कूलों में गए और बच्चों के साथ सीधा संवाद किया। अपनी तरह के इस अनूठे प्रयोग में पांच हजार से अधिक बच्चों ने सहभागिता की और साहित्य की विभिन्न विधाओं से परिचित हुए। बाल साहित्यकारों से रूबरू होने के परिणामस्वरूप अनेक बच्चों के मन में साहित्य सृजन के प्रति रुचि जगी। साहित्यकारों ने बच्चों की अपेक्षाएँ जानने के साथ ही उनकी जिज्ञासाओं का समाधान भी किया। सुबह 9 बजे अलग-अलग समूह में बाल साहित्यकार आयोजन स्थल अणुविभा मुख्यालय से विद्यालयों के लिए रवाना हुए।
विद्यालयों में साहित्यकारों ने अपनी रचनाओं की प्रस्तुति दी तथा कहानी, उपन्यास, कविता, गीत, नाटिका, संस्मरण, पत्र, पहेलियाँ, चित्रांकन आदि विधा में रचना सृजन पर बच्चों का मार्गदर्शन किया। कई साहित्यकारों ने अपनी बालोपयोगी पुस्तकें भी विद्यालय को भेंट कीं। संवाद के दौरान साहित्य में रुचि रखने वाले कई बच्चों ने ‘बच्चों का देश’ के पुराने अंकों में प्रकाशित रचनाओं का पाठ किया, वहीं कई बच्चों ने स्वरचित रचनाएं भी सुनाईं। प्रत्येक समूह के साथ गए अणुविभा कार्यकर्ता अथवा विद्यालय प्रतिनिधि ने संवाद सत्र का संचालन किया। दिल्ली से पधारे वरिष्ठ बाल साहित्यकार दिविक रमेश और रजनीकांत शुक्ल गांधी सेवा सदन स्कूल के विद्यार्थियों से संवाद करने पहुंचे। दिविक रमेश ने बच्चों को कविताएं सुनाईं तथा रचना प्रक्रिया की बारीकियों से भी अवगत कराया। ऑरेन्ज काउंटी स्कूल के विद्यार्थियों के मध्य उत्तराखण्ड से आए साहित्यकार मनोहर चमोली ने अपनी प्रसिद्ध कहानी ‘अब तुम गए काम से’ सुनाई। उन्होंने कहा कि कहानियां हमारे जीवन को, हमारे व्यवहार को बेहतर बनाती हैं। जोधपुर से आईं कवयित्री आशा पाण्डे ओझा ने कविताएं सुनाईं। उन्होंने कहा कि अच्छा इंसान बनने में साहित्य का बड़ा योगदान होता है। नवोदय विद्यालय राजसंमद के विद्यार्थियों के बीच उत्तराखण्ड से आए ‘बाल प्रहरी’ त्रैमासिक के संपादक उदय किरौला ने कहा कि सरल और मनोविनोद से जुड़ा साहित्य सभी को पसंद आता है। खटीमा, उत्तराखण्ड से पधारे रावेन्द्र रवि ने कहा कि स्कूली पढ़ाई में भी साहित्य मदद करता है। वरिष्ठ साहित्यकार राजीव ताम्बे और नीलम राकेष को लेकर अणुविभा अध्यक्ष अविनाष नाहर व उपाध्यक्ष डॉ. विमल कावड़िया लक्ष्मीपत सिंघानिया स्कूल, राजसमन्द पहुँचे। वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. परषुराम शुक्ल, डॉ. विभा शुक्ल व सुनीलकुमार माथुर राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, धोइन्दा, डॉ. सुरेन्द्र विक्रम व डॉ. आर.पी. सारस्वत गायत्री पब्लिक स्कूल, धोइन्दा और संगीता सेठी, अखिलेष श्रीवास्तव ’चमन’ व चक्रधर शुक्ल ने अपेक्स सीनियर सेकण्डरी स्कूल, धोइन्दा में पहुँचकर बच्चों के साथ संवाद किया।
इसके अलावा जिन विद्यालयों में बाल साहित्य संवाद का आयोजन किया गया, उनमें आदर्श विद्या मन्दिर, कांकरोली, सिविलाइजेशन सीनियर सेकेंडरी स्कूल, पीपरड़ा, क्रियेटिव ब्रेन अकेडमी, गुंजोल, इन्द्रप्रस्थ पब्लिक स्कूल, एमड़ी, जवाहर नवोदय विद्यालय, राजसमन्द, जीवन ज्योति पब्लिक स्कूल, पीपरड़ा, मातेश्वरी विद्या मन्दिर, हाउसिंग बोर्ड, कांकरोली, नवप्रभात उच्च माध्यमिक विद्यालय, एमड़ी, नोबल पब्लिक स्कूल, भावा, प्रगति पब्लिक स्कूल, एमड़ी, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, एमड़ी, राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय, लवाणा, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, पीपरड़ा, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, बोरज, राजकीय बालिका उ. मा. विद्यालय, कांकरोली, राजकीय बालिका उ. मा. विद्यालय, राजनगर, राजकीय विवेकानन्द उ.प्रा. विद्यालय, सूरजपोल, राजकीय बाल कृष्ण उ. मा. विद्यालय, कांकरोली, राजकीय महात्मा गांधी स्कूल, राजनगर, सविता इन्टरनेशनल सेकेंडरी स्कूल, नान्दोली, सविता इन्टरनेशनल स्कूल, राज्यावास, स्मार्ट स्टडी इंटरनेशनल स्कूल, गुंजोल, सोफिया पब्लिक स्कूल, भावा, सुभाष पब्लिक स्कूल तथा कांकरोली, सनराइज पब्लिक स्कूल, राजनगर शामिल हैं।
दोपहर बाद अणुविभा मुख्यालय ‘चिल्ड्रन’स पीस पैलेस’ में हुए विभिन्न सत्रों में साहित्यकारों ने “बाल साहित्य: भावी स्वरूप, चुनौतियां और समाधान”, “बाल साहित्य का पठन-पाठन: समाज व परिवार का दायित्व” तथा “आदर्श व्यक्तित्व निर्माण में बाल साहित्य की भूमिका” विषय पर चिंतन-मंथन किया। रात्रि 8 बजे से आयोजित कार्यक्रम में साहित्यकारों ने अपनी काव्य रचनाएं सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
बाल साहित्य समागम के तीसरे और अंतिम दिन 18 अगस्त को सुबह 6 से 7 बजे तक नौ चौकी पाल पर योग सत्र का आयोजन होगा। इसके बाद सुबह 11 बजे ‘चिल्ड्रन’स पीस पैलेस’ स्थित अहिंसा दीर्घा में साध्वीश्री डॉ. परमप्रभा जी और साध्वी श्री लब्धियषा जी के पावन सान्निध्य एवं अणुविभा अध्यक्ष अविनाष नाहर की अध्यक्षता में होने वाले समापन सत्र को अणुव्रत विश्व भारती सोसायटी तथा ‘बच्चों का देश’ पत्रिका परिवार के प्रतिनिधि संबोधित करेंगे। इस अवसर पर ‘बच्चों का देश’ पत्रिका के रजत जयन्ती विशेषांक भी लोकार्पण भी किया जाएगा।