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Rajsamand: चार सालों से निरस्त 700 श्रमिक कार्ड फिर हुए जारी

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News-श्रमिकों के चेहरे पर आई मुस्कान

राजसमंद। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देशन में राज्य सरकार निर्धन एवं वंचित वर्ग के कल्याण हेतु संवेदनशीलता और प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है।जिला कलक्टर बालमुकुंद असावा के निर्देशन में जिले में लगभग चार सालों से भटक रहे श्रमिकों को श्रम विभाग ने राहत लेकर उनके घर खुशियां पहुंचाने का कार्य किया है।

दरअसल राज्य सरकार द्वारा निर्माण कार्य के क्षेत्र में कार्यरत श्रमिकों के कल्याण हेतु भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार मण्डल के माध्यम से निर्माण श्रमिकों का पंजीयन कर श्रमिक कार्ड दिया जाता है। इस कार्ड से लाभार्थी श्रमिक को मण्डल की योजनाओं जैसे: निर्माण श्रमिक शिक्षा एवं कौशल विकास योजना, प्रसूति सहायता योजना, श्रमिक की मृत्यु के पश्चात सहायता योजना सहित अन्य योजनाओं का लाभ दिया जाता है।

चार सालों से भटक रहे थे श्रमिक:

राजसमंद जिले में वर्षों से कई श्रमिक ऐसे थे जो कार्ड निरस्त होने से पुनः जारी करवाने हेतु भटक रहे थे। जिला कलक्टर के निर्देशन में श्रम विभाग द्वारा निरंतर श्रमिकों से संपर्क कर निरस्त आवेदनों की अपील करने हेतु आग्रह किया गया है। अपीलों की जांच पश्चात विभाग ने भी त्वरित कार्यवाही करते हुए इस काम को प्राथमिकता पर लिया और श्रमिकों को श्रमिक कार्ड जारी किए गए।

700 से अधिक श्रमिक कार्ड जारी:

श्रम कल्याण अधिकारी उमेश राइका ने बताया कि जिले में लगभग 800 निरस्त श्रमिक कार्ड को लेकर अपील श्रमिकों द्वारा प्रस्तुत की गई थी जिस पर निर्णय लेते हुए लगभग 700 श्रमिक कार्डों को स्वीकृत किया जा चुका है।

जिन श्रमिकों द्वारा अपीलें प्रस्तुत की गई है, जिनकी अपील स्वीकृत हो गई है वे नजदीकी ई मित्र पर जाकर नियमानुसार शुल्क जमा कर अपना श्रमिक कार्ड प्राप्त कर सकते हैं। जिन्होंने अभी तक अपील प्रस्तुत नहीं की है वे कलेक्ट्रेट स्थित श्रम विभाग कार्यालय कक्ष 302 में आकर या फोन नंबर 02952222522 पर संपर्क कर सकते हैं।

निर्माण श्रमिक की परिधि में आते हैं ये लोग

निर्माण श्रमिक से आशय उस व्यक्ति से है जो किसी भवन या अन्य निर्माण कार्य में कुशल, अर्द्धकुशल या कुशल श्रमिक के रुप में शारीरिक सुपरवाइजर तकनीकी या क्लेरिकल कार्य पारिश्रमिक के लिए करता हो।

निर्माण श्रमिक में पत्थर काटने वाले या पत्थर तोड़ने वाले या पत्थ पीसने वाले कामगार, मनरेगा श्रमिक, राज (मैसन) मिस्त्री, बढ़ई (कारपेंटर), पुताई करने वाले (पेन्टर), फिटर या बार बेंडर, सड़क या पाईप मरम्मत कार्य में लगे प्लम्बर, इलेक्ट्रीशियन, कुएं खोदने वाले, बेल्डिंग करने वाले, मुख्य मजदूर, मजदूर या बेलदार, स्प्रे मैन या मिक्सरमेन (सड़क बनाने में लगे), कुएं में गाद (तलछट) हटाने वाले गोताखोर, हथौड़ा चलाने वाले, छप्पर डालने वाले, मिस्त्री, लौहार, लकड़ी चीरने वाले, मिश्रण करने वाले (कंक्रीट मिक्सर चलाने वाले सहित), पम्प ऑपरेटर, मिक्सर चलाने वाले, रोलर चालक, बड़े यांत्रिकी कार्य जैसे भारी मशीनरी, पुल के कार्य आदि में लगे खलासी, चौकीदार, मोजाईक पॉलिश करने वाले, सुरंग कर्मकार, संगमरमर व अन्य पत्थर कर्मकार, चट्टान तोड़ने वाले एवं खनि कर्मकार (जो खान अधिनियम के अंतर्गत नहीं आते हैं), संनिर्माण कार्य से जुड़े मिट्टी का कार्य करने वाले, चुना बनाने की क्रिया में लगे कर्मकार आदि शामिल हैं। वह व्यक्ति जिसने पिछले 12 मास में कम से कम 90 दिन निर्माण श्रमिक के रूप में कार्य किया हो या नरेगा कार्य तथा जिसकी आयु 18 वर्ष से 60 वर्ष के मध्य हो, हिताधिकारी के रूप में पंजीयन कराने का पात्र है।

Newsकलक्टर की संवेदनशीलता से पन्नालाल को मिलेगी ढाई साल से रुकी हुई वृद्धावस्था पेंशन

राजसमंद 20 मार्च। जिला कलक्टर बालमुकुंद असावा जिला स्तरीय जनसुनवाई में आने वाले प्रकरणों को पूरी गंभीरता से लेते हुए समयबद्ध निस्तारण और राहत सुनिश्चित कर रहे हैं।

गुरुवार को जिला स्तरीय जनसुनवाई में नाथद्वारा के कुम्हारवाड़ा निवासी 72 वर्षीय पन्नालाल प्रजापत पिता घासी प्रजापत प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) में लाभ प्राप्त करने की मांग को लेकर पहुंचे थे। आवास को लेकर आयुक्त को निर्देश प्रदान करने के साथ ही जब कलक्टर ने जब बुजुर्ग से पूछा कि पेंशन मिलती है या नहीं? तो उसने बताया कि ‘साहब 36 महीने से मेरी वृद्धावस्था पेंशन सत्यापन के अभाव में रुकी हुई है, क्योंकि उम्र हो गई है, फिंगर प्रिंट नहीं आ रहे और एक आँख में भी समस्या है’।

इस पर कलक्टर ने संवेदनशीलता दिखाते हुए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उप निदेशक दीपेन्द्र सिंह शेखावत को हाथों-हाथ पीड़ित को राहत प्रदान करने के निर्देश दिए। अधिक उम्र होने से फिंगरप्रिन्ट और एक आँख में समस्या के कारण ई-मित्र पर सत्यापन संभव नहीं हो पा रहा था, ऐसे में तुरंत प्रभाव से नाथद्वारा उपखंड अधिकारी रक्षा पारीक की आईडी के माध्यम से प्रार्थी का सत्यापन किया गया।

उप निदेशक शेखावत ने बताया कि अब पन्नलाल को 36 माह से रुकी हुई पेंशन की राशि लगभग 27000 रुपए प्राप्त होंगे। वेरीफिकेशन होने के बाद कलक्टर ने जनसुनवाई में ही पीड़ित को स्वीकृति पत्र सौंप कर राहत दी और उसकी खुशी का ठिकाना न रहा। कलक्टर ने कहा कि और भी कोई परेशानी हो तो वे मिलने आ सकते हैं।

शेखावत ने बताया कि पन्नालाल प्रजापत की पेंशन मार्च 2021 को शुरू हुई थी और फरवरी 2022 तक उसे आखिर भुगतान हुआ। इसके बाद सत्यापन नहीं होने से वह वंचित हो गया लेकिन कलक्टर असावा की संवेदनशीलता से तुरंत राहत मिली।

News-जनसुनवाई में आई पानी, बिजली सहित 31 शिकायतें :

जिला स्तरीय जनसुनवाई में पेयजल, सड़क, बिजली, अतिक्रमण, नामांतरण, पट्टा वितरण सहित कई विषयों से संबंधित 31 परिवाद लेकर लोग उपस्थित हुए। कलक्टर ने हर समस्या को सुनते हुए नियमानुसार समाधान करने के लिए निर्देश दिए।

जनसुनवाई के बाद कलक्टर ने संपर्क पोर्टल पर विभिन्न स्तरों पर लंबित प्रकरणों की समीक्षा करते हुए लंबित रहने का कारण पूछा और कहा कि गुणवत्तापूर्ण समाधान करें। जनसुनवाई के प्रकरणों में संतुष्टि स्तर की समीक्षा करते हुए कलक्टर ने कहा कि समस्याओं का ठोस निस्तारण करें, साथ ही निस्तारण करते समय सामान्य उत्तर न दें और उत्तर तथ्यात्मक और संतोषजनक हो।

समस्याओं का समय पर हो समाधान :कलक्टर

कलक्टर ने कहा कि जनसुनवाई की समस्याओ का समुचित समाधान करना बेहद आवश्यक है, हमारे पास आमजन बड़ी उम्मीद लेकर आते हैं और यह सभी अधिकारियों का दायित्व है की वे सरकार की मंशा अनुरूप समस्याओं को ठीक से सुनकर उनका समाधान करें।

जनसुनवाई का राज्य स्तर से मुख्य सचिव द्वारा पर्यवेक्षण किया गया। जनसुनवाई में जिले के सभी उपखंडों से उपखंड स्तरीय अधिकारी वीसी के माध्यम से कनेक्ट हुए।

हर माह हो रही तीन जनसुनवाई:

जिले में प्रतिमाह तीन गुरुवारों को जनसुनवाई का आयोजन किया जा रहा है। माह के प्रथम गुरुवार को ग्राम पंचायत, द्वितीय गुरुवार को उपखंड स्तर पर अटल जन सेवा शिविरों के माध्यम से और तृतीय गुरुवार को जिला स्तरीय जनसुनवाई का आयोजन नियमित रूप से किया जाकर लोगों की समस्याओं का समाधान किया जा रहा है।

News-जल संरक्षण के लिए युवा पीढ़ी में जागरूकता जरूरी : विधायक दीप्ति किरण माहेश्वरी

राजस्थान विधानसभा में भूजल प्राधिकरण विधेयक पर चर्चा के दौरान विधायक दीप्ति किरण माहेश्वरी ने जल संरक्षण के महत्व को रेखांकित किया और युवा पीढ़ी में इस विषय पर चेतना जागृत करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने प्रदेश सरकार से आग्रह किया कि स्कूलों एवं महाविद्यालयों में जल संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए विशेष कार्यक्रम चलाए जाएं।

उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र राजसमंद के पिपलांत्री गांव का उदाहरण देते हुए कहा कि यह गांव वृक्षारोपण के माध्यम से भूजल स्तर में वृद्धि और विश्व में अपनी अनूठी पहचान के लिए जाना जाता है। पिपलांत्री में बेटी के जन्म पर परिवार द्वारा एक वृक्ष लगाने की परंपरा है। कुछ वर्ष पहले यह गांव भूजल की कमी से जूझ रहा था, लेकिन अब वहां पानी की उपलब्धता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।

विधायक दीप्ति माहेश्वरी ने चिंता जताते हुए कहा कि राजस्थान में भूजल स्तर प्रतिवर्ष औसतन 1 मीटर की दर से घट रहा है। उन्होंने अपने क्षेत्र के पड़ासली गांव का उदाहरण दिया, जहां इस वर्ष पांच नलकूप खुदवाए गए, लेकिन एक में भी पानी नहीं मिला। यह दर्शाता है कि हमें पक्ष-विपक्ष से ऊपर उठकर भूजल स्तर को बढ़ाने एवं जल संरक्षण के प्रभावी उपायों पर गंभीरता से कार्य करने की आवश्यकता है।

विधायक दीप्ति माहेश्वरी ने उद्योगों में भूजल के अनियंत्रित एवं अनावश्यक उपयोग पर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने सुझाव दिया कि उद्योगों में अपशिष्ट जल के पुनर्चक्रण को अनिवार्य बनाया जाना चाहिए। साथ ही, राज्य सरकार को वर्षा जल संचयन प्रणाली को व्यापक स्तर पर लागू करने के लिए विशेष प्रयास करने चाहिए।

News-गुप्ता ने ली राजनीतिक दलों की बैठक

राजसमंद। निर्वाचन विभाग के निर्देशानुसार विधानसभा क्षेत्र राजनीतिक दलों की निर्वाचन प्रक्रिया के सभी चरणों में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण पदाधिकारी बृजेश गुप्ता की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई। बैठक में समस्त मतदान केंद्रों पर बीएलए की नियुक्ति, मतदाता सूची में लिंगानुपात और ईपी अनुपात, नवीन मतदाताओं एवं नवविवाहित मतदाताओं के नाम जोडने, मृत मतदाताओं के नाम हटाने, संशोधन की प्रक्रिया आदि विषयों को लेकर राजनीतिक दलों से चर्चा की गई। बैठक में दलों से उचित सहयोग की अपेक्षा जताई गई।