Rajsamand-5 नवंबर 2024 की प्रमुख खबरे
News-6 नवंबर को दायीं मुख्य नहर और 8 नवंबर को बायीं मुख्य नहर से छोड़ा जाएगा पानी
राजसमंद 5 नवंबर। राजसमंद वृहद सिंचाई परियोजना से वर्ष-2024 रबी फसल जल वितरण उपयोग समिति की बैठक मंगलवार शाम कलेक्ट्रेट में आयोजित हुई। बैठक में राजसमंद प्रधान अरविन्द सिंह राठौड़, उपखंड अधिकारी बृजेश गुप्ता, जल संसाधन खंड के अधिशाषी अभियंता प्रतीक चौधरी, नगर परिषद अधिशाषी अभियंता तरुण बाहेती, कृषि विस्तार संयुक्त निदेशक विनोद कुमार जैन आदि उपस्थित रहे। जल संसाधन खंड के अधिशाषी अभियन्ता प्रतीक चौधरी ने बैठक में बताया कि राजसमंद बांध इस जिले की सबसे बड़ी एवं एकमात्र वृहद सिंचाई परियोजना है। इस बांध की कुल जल भराव क्षमता 30 फीट गेज पर 3786 मीटर घन फुट है। बांध की दो मुख्य नहरें (बायीं और दायीं) बनी हुई है। नहर प्रणाली की कुल लम्बाई लगभग 162 किमी है। मंगलवार तक बांध का गेज 28 फीट एवं भराव क्षमता 3400 एमसीएफटी है।
चौधरी ने बताया कि बांध से कमांड क्षेत्र के काश्तकारों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने हेतु सिंचित क्षेत्र में 1 रेलनी और 3 पाण पानी की सिंचाई सुविधा मुहैया होगी। रेलणी के तहत बाई नहर 28 दिन और दाई नहर 32 दिन चलेगी। प्रथम पाण के तहत बाई नहर 26 दिन व दाई नहर 30 दिन चलेगी। द्वितीय पाण के तहत बाई नहर 26 दिन व दाई नहर 30 दिन चलेगी। ऐसे ही तृतीय और अंतिम पाण के तहत बाई नहर 28 दिन और दाई नहर 32 दिन चलेगी। बैठक में सर्वसम्मति से 6 नवंबर को दायीं मुख्य नहर और 8 नवंबर को बायीं मुख्य नहर खोला जाना तय हुआ। बांध का गेज 11 फीट आने पर नहरों को बंद किया जाएगा। आपसी विवाद होने पर सर्वप्रथम ग्राम पंचायत द्वारा अनुमोदित कमेटी द्वारा समाधान करवाना होगा।
News-विधायक दीप्ति किरण माहेश्वरी का आर के अस्पताल में औचक निरीक्षण
अव्यवस्थाओं पर जताई नाराजगी
राजसमंद। विधायक दीप्ति किरण माहेश्वरी ने आज आरके अस्पताल का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान अस्पताल में सफाई व्यवस्था और प्रारंभिक मरीज जांच में पाई गई अव्यवस्थाओं पर गहरा आक्रोश व्यक्त किया।
विधायक माहेश्वरी ने महिला, पुरुष, ICU और लेबोरेटरी वार्डों का निरीक्षण किया और विभिन्न सुविधाओं की स्थिति की समीक्षा की। निरीक्षण के दौरान डॉक्टरों की अनुपस्थिति पर गहरी नाराजगी जताई गई। उन्होंने अस्पताल के पीएमओ (PMO) को निर्देशित किया कि मौसमी बीमारियों के मद्देनजर डॉक्टरों की छुट्टियों पर नियंत्रण रखा जाए ताकि मरीजों को सुबह और शाम समय पर उपचार मिल सके।
विधायक ने अस्पताल प्रशासन को एक सप्ताह के भीतर सभी कमियों को दूर करने के आवश्यक निर्देश दिए। इसके साथ ही उन्होंने जिला कलेक्टर को भी निर्देशित किया कि समय-समय पर अस्पताल की व्यवस्थाओं का जायजा लें और सुधार की दिशा में प्रभावी कदम उठाएं।
जिला कलक्टर बालमुकुंद असावा ने ली जिला स्तरीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक
राजसमंद 5 नवंबर। जिला कलक्टर बालमुकुंद असावा ने मंगलवार को सभी विभागों के जिला स्तरीय अधिकारियों की मासिक समीक्षा बैठक का आयोजन में विभिन्न योजनाओं, विकास कार्यों, बजट घोषणाओं आदि की प्रगति पर विस्तार से समीक्षा करते हुए दिशा-निर्देश दिए। बैठक में एडीएम नरेश बुनकर, जिला परिषद सीईओ बृजमोहन बैरवा, एसडीओ बृजेश गुप्ता सहित शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास, कृषि, लोक निर्माण, बिजली, पेयजल, सहकारिता, नगर निकाय सहित हर विभाग विभाग के अधिकारी उपस्थित थे। बैठक के दौरान जिला कलक्टर असावा ने अधिकारियों को विभागीय कार्यों में पारदर्शिता और तत्परता बनाए रखने के निर्देश देते हुए विभिन्न विकास योजनाओं की समीक्षा की और लंबित कार्यों को शीघ्र पूरा करने पर जोर दिया। विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाओं को उपलब्ध कराने और कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा क्षेत्रों में सुधार की दिशा में आवश्यक कदम उठाने की बात कही।
कलक्टर ने संपर्क पोर्टल के प्रकरणों की समीक्षा के दौरान स्पष्ट निर्देश दिए कि अधिकारी पोर्टल पर शिकायत करने वाले परिवादी को राहत देना तब ही बताएं जब वे सच में उसे राहत दें, गलत सूचना अपलोड नहीं करें, गलत जवाब अपलोड करने पर जवाबदही तय होगी। उन्होंने राहत के संबंध में कम संतुष्टि प्रतिशत वाले विभागों को कड़ी फटकार लगाई। साथ ही उपखंड अधिकारी राजसमंद को निर्देश दिए कि हर विभाग के 10-10 परिवादियों को कलेक्ट्रेट से फोन करें और पूछें कि आपको सही में राहत मिली या नहीं। कलक्टर ने अधिकारियों से कहा कि शिकायतकर्ताओं से व्यक्तिगत बात करें और संवेदनशीलता के साथ आमजन की समस्याओं का समाधान करें क्योंकि संपर्क पोर्टल आमजन की शिकायतों के समाधान का सशक्त माध्यम है।
जिला कलक्टर ने अधिकारियों से कहा कि संपर्क पोर्टल पर दर्ज शिकायतों का समयबद्ध निस्तारण प्राथमिकता से किया जाए और जन समस्याओं के समाधान में कोई भी ढिलाई न बरती जाए। उन्होंने सभी विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि शिकायतों का निस्तारण न केवल गुणवत्तापूर्ण तरीके से हो, बल्कि उसे पोर्टल पर अद्यतन भी किया जाए ताकि शिकायतकर्ता को अपने समाधान की स्थिति का समय-समय पर पता चलता रहे। उन्होंने यह भी कहा कि शिकायतों का समाधान करते समय लोगों की संतुष्टि का विशेष ध्यान रखा जाए, और इसके लिए सभी विभागीय अधिकारियों को संवेदनशीलता के साथ काम करना चाहिए।
विद्युत विभाग के अधीक्षण अभियंता से लंबित घरेलू, अघरेलू, कृषि, औद्योगिक कनेक्शन के आवेदनों की स्थिति जानी और लंबित रहने का कारण पूछते हुए समय पर कनेक्शन करने के निर्देश दिए। इस तरह पीएम सूर्य घर योजना की समीक्षा करते हुए कम प्रगति होने पर निर्देश दिए कि अधिक से अधिक शिविर लगाकर उपभोक्ताओं को जोड़ें और योजना का जन मानस में प्रभावी प्रचार प्रसार करें। उन्होंने कहा कि इस योजना को लेकर वो विद्युत विभाग के कनिष्ठ अभियंता स्तर तक के सभी अधिकारियों के साथ 4 दिसंबर को बैठक करेंगे ताकि ठीक से क्रियान्वयन हो। उन्होंने यह भी कहा कि जिन लोगों के घरों में कनेक्शन लग गए हैं और जिन्हें बिजली पर खर्च से मुक्ति मिली है उनका उदाहरण अन्य लोगों को बताएं।
इसी तरह कलक्टर ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, अटल भूजल मिशन साहित जल ग्रहण विकास कार्यों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान 2.0 की समीक्षा के दौरान वाटरशेड अधीक्षण अभियंता अनिल सनाढ्य ने बताया कि प्रथम चरण में जिले के 55 ग्राम पंचायतों के 119 गवों में 1152 कार्य 40.80 करोड़ रुपए की लागत से होंगे। इसके बाद कलक्टर ने एमपीलेड और एमएलएलेड के लंबित कार्यों को शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग से सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाओं के सत्यापन, पालनहार की स्थिति की समीक्षा की। उप निदेशक जय प्रकाश चारण ने 99.1 प्रतिशत सत्यापन पूर्ण होना बताया। दिव्यांगजन के प्रमाण पत्र स्वीकृत करने में अधिक विलंब सामने आने पर कलक्टर ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को समस्त बीसीएमओ को इसके लिए पाबंद करते हुए एवं नियमित समीक्षा करते हुए त्वरित प्रभाव से पात्र दिव्यांगजन को प्रमाण पत्र देने के निर्देश दिए ताकि उन्हें राहत मिले और वे सरकार की योजनाओं का लाभ ले सकें। उन्होंने कहा कि समय पर दिव्यांग प्रमाण पत्र जारी नहीं होना खेद का विषय है, इसे गंभीरता से लिया जाएगा, इसमें लापरवाही बरती गई है जो सही नहीं है। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजन के प्रति अधिकारी पूरी तरह संवेदनशील रहें।
इधर जिला कलक्टर द्वारा अधिक से अधिक पात्र एवं वंचित बच्चों को पालनहार योजना से जोड़ने हेतु चलाए जा रहे अभियान का असर भी सामने आता दिखा। उप निदेशक (समाज कल्याण) जय प्रकाश चारण ने बताया कि 1 अप्रैल से 30 सितंबर तक 301 पालनहार स्वीकृत कर 538 बच्चों को स्वीकृति मिली थी। जबकि सिर्फ एक माह में यानि 1 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक 145 पालन स्वीकृत होकर 298 बच्चे लाभान्वित हो गए हैं। कलक्टर ने कहा कि अभियान अंतर्गत और अधिक प्रगति लाएं, एक भी पात्र बच्चा वंचित न रहे।
बैठक में कलक्टर ने आईएम शक्ति उड़ान योजना के साथ-साथ आंगनवाड़ी केंद्रों में आधारभूत सुविधाओं की भी समीक्षा की। आंगनवाड़ी केंद्रों की स्थिति ठीक नहीं पाए जाने पर पूछा कि सीडीपीओ क्या फील्ड में नहीं जा रहे, उन्होंने निरीक्षण कर व्यवस्थाएं सुधारने के निर्देश दिए। ऐसे ही गर्भवती महिलाओं के पंजीयन, टीकाकरण, संस्थागत प्रसव, माँ वाउचर योजना की स्थिति को लेकर समीक्षा करते हुए दिशा-निर्देश दिए। जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग से जिले में नियमित पेयजल सप्लाई, बाघेरी-चिकलवास परियोजना की प्रगति, जल जीवन मिशन आदि की समीक्षा करते हुए बेहतर प्रगति लाने के निर्देश दिए। रुडिप से नाथद्वारा में जल प्रदाय योजना की प्रगति जानी।
जिला रसद अधिकारी रणजीत सिंह ने एनएफएसए के तहत गेहूं वितरण, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना की स्थिति को लेकर जब जानकारी दी, तो असावा ने कहा कि फील्ड में जाए और उपभोक्ताओं से सीधे मुलाकात करें और फीडबैक लें कि खाद्यान्न मिल भी रहा है या नहीं, और खाद्यान्न की गुणवत्ता कैसी है। उन्होंने कहा कि जब तक गांवों में जाकर लोगों से नहीं मिलेंगे तब तक सही फीडबैक नहीं मिलेगा।
कलक्टर ने जिले में खाद-उर्वरक की उपलबद्धता और वितरण की स्थिति को लेकर बारीकी से समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि पूरी पारदर्शिता के साथ वितरण कार्य सुनिश्चित किया जाए, इसमें कोई कोताही नहीं हो। इसी तरह एमएसपी पर खरीद, राज्य सरकार की बजट घोषणाओं की अब तक हुई क्रियान्विति, ई फ़ाइल सिस्टम पर विभागों द्वारा किए जा रहे कार्यों की स्थिति, सहकारिता विभाग की योजनाओं आदि की समीक्षा कर दिशा-निर्देश दिए। बैठक के अंत में जिला कलक्टर ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे आगामी मासिक बैठक तक निर्धारित लक्ष्यों को पूरा करने के लिए कार्य करें और विकास कार्यों में कोई भी बाधा आने पर उन्हें समय पर अवगत कराएं। साथ ही सभी अधिकारी आपसी समन्वय से कार्य करते हुए आमजन को राहत प्रदान करें।