कैब ड्राइवर्स की हकीकत:चलना है तो चलो, नहीं तो उतर जाओ...!
उदयपुर, 20 अक्टूबर । रूटवाइज गाडियों का किराया निर्धारित नहीं करने के कारण आमजन को दुगना किराया देना पड़ रहा है। जिसके चलते आमजन को आर्थिक परेशानी के साथ नुकसान उठाना पड़ रहा है। टैक्सी एग्रीगेटर कंपनियां के कैब ड्राइवर यात्रियों से मनमाना किराया ले रहे है।
लोग एप से कैब या बाइक बुक करवाते है कैब चालक उनकी बुकिंग को एक्सेप्ट कर यात्री की लोकेशन पर पहुँच भी रहे है। परंतु उधर पहुँचने के बाद एप में बताए गए किराए से अधिक किराया देने की मांग कर रहे है और उन्हे उस लोकेशन से ले जाने से इनकार भी कर रहे । यात्रियों को मज़बुर होकर उन्हे मुँह मांगा किराया देना पड़ रहा है। साथ ही कैब ड्राइवर उस बुकिंग को कैंसिल कर अधिक किराए में लोगों को ले जा रहे है।
केस 1
बेंगलुरू से उदयपुर एयरपोर्ट पहुंचे पलाश ने घर जाने के लिए कैब बुक कराई तो ड्राइवर ने एप में आ रहे किराए को मानने से इंकार कर दिया । और अपने हिसाब से किराया बताया। जब पलाश नहीं माना तो ड्राइवर ने राइड कैंसल करने को कहा। ऐसे में पलाश ने राइड कैंसल कर दूसरी बुक कराई तो राइड कैंसलैशन के चार्ज भी लग गए।
केस 2
मुंबई से आई राधिका जब उदयपुर एयरपोर्ट पहुंची तो वहां से सूरजपोल तक जाने के लिए कैब की। कैब ड्राइवर ने एप के किराए में चलने में आना-कानी की और राइड कैंसल करने की बात कही। राधिका ने भी रात में अन्य गाड़ी उपलब्ध ना होने के कारण मजबूरी में ड्राइवर को गंतव्य पर चलने के लिए कह दिया तो वो उसे गंतव्य पर ले तो आया लेकिन मनमाना किराया वसूल लिया।
कैब ड्राइवर्स ने बताई अपनी बात
इस संबंध में जब कैब ड्राइवर्स से बात की गई तो उन्होंने बताया कि शहर में कुछ सालों पहले जब नई-नई कैब की सुविधा शुरू हुई थी, तब ड्राइवर्स को पेमेंट भी उस अनुरूप मिल रहा था, लेकिन जब ये कंपनिया नुकसान में आ गई तो उन्होंने ड्राइवर्स का पेमेंट कम कर दिया । अब कैब बुक करने पर जो किराया आता है,वह कम हो गया है। एसे में कैब ड्राइवर एप के अनुसार नहीं बल्कि मनमर्जी का किराया देने को कहते है। वही, यात्रियों के अनुसार, कैब वाले कॉल आने पर लोकेशन पर आने के लिए राजी हो जाते हैं लेकिन किराए को लेकर ही बहस हो जाती है।
सवारी के कई बार अधिक पैसे देने से इनकार करने पर वे कैब कैंसल करने की बात कह देते है, जिससे लोगों को जरूरत के समय कैब की सुविधा नहीं मिल पाती है। कैंसल चार्ज लगते है वो अलग।
प्रादेशिक परिवहन अधिकारी पी.एल.बामनिया, ने कहा की सभी का किलोमीटर के हिसाब से किराया निर्धारित है, अगर कैब संचालक पर्यटकों व यात्रियों से पैसा ज्यादा ले रहे हैं तो निश्चित रूप से उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
निगम की बसें शाम 7.30 बजे तक ही
शहरवासियों का कहना है कि फिलहाल दिन में नगरनिगम ने एयरपोर्ट तक बस की सुविधा कर रखी है लेकिन शाम 7.30 बजे बाद कोई बस नहीं है। ऐसे में एयरपोर्ट व जाने के लिए टैक्सी या कैब ही विकल्प होता है। रात के समय जब बस सुविधा नहीं होती तो कैब चालकों की मनमानी बढ़ जाती है। कैब के अलावा अन्य सुविधाएं न मिलने पर उन्हें मजबूरी में कैब बुक करनी पड़ती है और मनमाना किराया देना पड़ता है।
Source- Rajasthan Patrika