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जिला सलूम्बर के किसानों को दिया गया जैविक खेती पर प्रशिक्षण

प्रसार शिक्षा निदेशालय, महाराणा प्रताप कृषि एवम् प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर में विषय विशेषज्ञों द्वारा जैविक खेती के सन्दर्भ में आवश्यक प्रशिक्षण दिया गया। साथ ही जैव उर्वरकों तथा जैव कीटनाशीयों आदि जैविक उत्पादों का कृषकों द्वारा स्वयं अपने स्तर पर उपलब्ध संसाधनों के उपयोग से तैयार कर उपयोग करने के सम्बंध में सजीव प्रदर्शन के साथ जानकारी प्रदान की गई।

वर्तमान में कृषि में रासायनिक उर्वरकों, कीटनाशकों, कवकनाशियों तथा अन्य रसायनों के अत्यधिक प्रयोग से मानव, अन्य जीव जन्तुओं एवम् मृदा स्वास्थ्य पर हानिकारक एवम् विपरित प्रभावों को दृष्टिगत रखते हुऐ उक्त रसायनों के संतुलित उपयोग के साथ ही जिला सलूम्बर में जैविक खेती के बेहतर विकल्प को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से आदर्श कृषक तैयार कर इन कृषकों के माध्यम से जिले में अन्य कृषकों को भी जैविक खेती हेतु प्रोत्साहित किया जा कर जिले को जैविक खेती में आदर्श तथा अग्रणी बनाये जाने की आवश्यक्ता को महसूस किया गया।

अतः उक्त अवधारणा को जिला कलक्टर सलूम्बर की पहल पर नवाचार कार्यकम के तोर पर लिया जा कर उक्त की कियान्विती हेतु जिले के प्रत्येक ब्लॉक से 5-5 किसानों का चयन किया गया। किसानों को विश्वविद्यालय परिसर में ही केवल जैविक उत्पादों के उपयोग से बेहतरीन बढ़वार के साथ तैयार गैहूँ, चना, मैथी आदि फसलों का मुआयना भी करवाया गया।

उक्त कार्यकम संयुक्त निदेशक कृषि (विस्तार), गौस मोहम्मद, सलूम्बर द्वारा कियान्वित एवम् हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड, जावर माईन्स, अभिमन्यू सिंह (जनसम्पर्क अधिकारी) के सहयोग से सम्पादित किया गया। उक्त प्रशिक्षक में जिला कलक्टर जसमित सिंह संधु स्वयं प्रशिक्षण में उपस्थित होकर विश्वविद्यालय की विभिन्न इकाइयों का अवलोकन किया एवं किसानो से गोष्ठी में सवांद स्थापित किया एवं जैविक खेती अपनाने पर बल दिया।

डॉ. आर. ए. कौशिक, निदेशक प्रसार शिक्षा निदेशालय, डॉ. आर. एस. राठौड़ समन्वयक कृषि प्रोद्योगिकी सुचना केन्द्र, पुरुवोत्तम लाल भट्ट उपनिदेशक उद्यान संलुम्बर, अभिमन्यु सिंह, नेहा दिवान (सी. एस.आर.) इत्यादी ने इस गौष्ठी में भाग लिया। डाॅ. रवीकान्त शर्मा परियोजना प्रभारी अखिल भारतीय नेटर्वक, श्रवण कुमार यादव एवं रवी जैन जैविक अनुसंधान परियोजना इकाई का अवलोकन कराया व इसकी उपयोगिता बताई।