आदमखोर लेपर्ड की तलाश जारी, क्षेत्र में फैला सन्नाटा
उदयपुर - गोगुंदा में आदमखोर लेपर्ड के आतंक ज्यू का त्यूं बना हुआ है, वन विभाग के अधिकारीयों का कहना है की उस आदम खोर लेपर्ड को ढूंढ़ने के प्रयास लगातार जारी है, लेकिन फिलहाल कोई नए सुराग हाथ नहीं लगे है, नए सिरे से 50 ट्रैप कैमरे लगाए गए है और टीमें बिना रुके उस लेपर्ड का पता लगाने में लगी हुई है। लेकिन इन सब के बीच क्षेत्र के सैंकड़ों ग्रामीण घरों में कैद रहने को मजबूर हैं। खेती-बाड़ी ठप पड़ी है। बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे। दर्जनों गांवों में हालात अघोषित कर्फ्यू जैसे हैं।
आदमखोर अब तक 9 लोगों को शिकार बना चुका है। सितंबर के महीने मे आदमखोर लेपर्ड ने कुराबड़ में हमले के प्रयास के बाद झाड़ोल में धावा बोला। तो वहीं ज़िले के झाड़ोल के कीट में 8 सितंबर को रामलीबाई का शिकार किया। रामलीबाई का सिर उसके धड़ से 5 फीट दूरी पर मिला। लेपर्ड ने उसे गर्दन से दबोच लिया और उसे घसीटते हुए झाड़ियों में ले गया। इस इलाके में हुए लेपर्ड के इस हमले के बाद आदमखोर एक के बाद एक नौ शिकार कर चुका है। अभी उसकी लोकेशन राठौड़ों का गुड़ा गांव की 3 किलोमीटर की रेंज में बताई जा रही है।
दहशत इतनी है की ग्रामीण सूरज डूबने से पहले 2 घंटे पहले ही घरों में कैद हो जाते हैं। लेपर्ड मूवमेंट कर रहा है और इंसान दिखाई देते ही हमला कर रहा है। गौरतलब है की दूसरा शिकार 19 सितंबर को यहां किया था । उड़ीथल के दिलीप ने बताया कि आज भी पूरा गांव दहशत में है, क्योंकि आदमखोर अभी जिंदा है। ग्रामीण अब दिन में भी अकेले नहीं निकलते हैं। बाहर जाते समय खेती बाड़ी के औजार कुल्हाड़ी, हसियां, दांतली साथ लेकर जाते हैं। खेत से चारा लाते समय दो से तीन लोग निगरानी रखते हैं।
उड़ीथल के रहने वाले भंवरलाल बताते हैं की 19 सितंबर को शिकार करने के बाद एक बार फिर लेपर्ड का मूवमेंट देखने को मिला है। रात को लेपर्ड की आवाजों ने ग्रामीणों की नींद भी हराम कर रखी है, डर के कारण रात को कोई घर से बाहर नहीं निकलता है।
लेपर्ड के लगातार बने हुए खौफ के चलते ग्रामीण अपने खेत में नहीं जा रहे, बच्चों का स्कूल बंद है, लेपर्ड ने इंसानों का शिकार किया, क्योंकी वहां ग्रामीण बच्चों को अकेले स्कूल नहीं भेज रहे।
गोगुंदा रेंज के जिन गांवों में आदमखोर लेपर्ड ने 9 लोगों का शिकार किया, उन इलाकों में मातम है। परिवारों पर मुसीबत का जैसे पहाड़ टूट गया है। उड़ीथल कमली की दर्दनाक मौत से सहमा है परिवार गोगुंदा इलाके के छाली पंचायत के उड़ीथल गांव में 19 सितंबर को लेपर्ड के हमले में कमली कुमारी (16) की जान चली गई। वो खेत में बकरियां चराने गई थी। कमली के पिता अंबालाल अभी तक इस सदमे से उबर नहीं पाए हैं।
ग्रामीणों की मदद से कमली को तलाशा, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। अगले दिन उसका शव जंगल में मिला। ग्रामीणों का कहना है उनकी 4 बहनें थीं, जिनमें से कमली अब नहीं रही। उसकी कमी को वन विभाग की ओर से दिए गए 5 लाख रुपयों से पूरा नहीं किया जा सकता।
साथ ही जानकारी में आया है की लेपर्ड के आदमखोर घोषित होने के बाद उसे उसके अंजाम तक पहुंचने के लिए उदयपुर बुलाए गए देश के प्रसिद्ध मार्क्समैन (शूटर) नवाब शफात अली खान भी उदयपुर से लौटने का सोच रहे है। जब इस बारे में सीसीएफ उदयपुर सुनील छिद्री से पूछा गया तो उन्होंने भी इस बारे में या उनकी लोकेशन के बारे में ज्यादा जानकारी होने से इंकार किया।