×

गांव में भामाशाह की छवि बना रखी थी मास्टरमाइंड शेर सिंह उर्फ़ अनिल मीणा ने 

आरपीएससी पेपर लीक मामला

 

सारण से प्राप्त राशि में से साढ़े उन्नीस लाख रुपए अब तक जब्त

सीनियर टीचर भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में रिमांड पर चल रहे आरोपी शिक्षक शेरसिंह मीणा को लेकर एसओजी उस गांव में पहुंचेगी, जहां वह दो माह पहले तक पदस्थ था। 

सिरोही जिले के स्वरूपगंज ब्लॉक के भावरी गांव के सरकारी स्कूल में वाइस प्रिंसिपल रहे शेरसिंह ने जिस गांव में पोस्टिंग हुई, वहां उसने भामाशाह वाली छवि बना रखी थी। शेरसिंह दोस्तों और लोगों को लाखों रुपए मदद के रूप में बांटता था। करीब दो माह पहले भूपेंद्र सारण के पकड़े जाने की खबर मिलते ही शेरसिंह मीणा भावरी से फरार हो गया था।

जांच में सामने आया कि शेरसिंह पिछले 10 वर्ष से भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक करवाने और नौकरियां लगाने के काम में सक्रिय है। वह यह काम अपनी सरकारी नौकरी के साथ करता था, लेकिन किसी को भी भनक नहीं हुई। वह पहले रेलवे में नौकरी लगाने के नाम पर लोगों से पैसे ठगता था।

फिर उसने भर्ती परीक्षाओं से करोड़ों रुपए कमाने की योजना बनाई। तब शेरसिंह मीणा फागी के सरकारी स्कूल में पदस्थ था। उसने पहले जगदीश विश्नोई के जरिए कांस्टेबल, जीएनएम भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक करने वाले गिरोह के सरगना भूपेंद्र सारण से दोस्ती की। इसके बाद आरपीएसी से भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक कर करोड़ों रुपए कमाने का प्लान बनाया। भर्ती परीक्षा का पेपर आते ही उसने पेपर करीब एक करोड़ रुपए में भूपेंद्र सारण को बेच दिया था।

सारण ने 20 लाख रुपए का कमीशन लेकर पेपर सुरेश ढाका को बेच दिया। इसके बाद ढाका ने पेपर उसके साले सुरेश विश्नोई को दिया था। सुरेश विश्नोई ने आगे पेपर अभ्यर्थियों को पांच से आठ लाख रुपए में बेचा था।

पेपर किसने किया लीक, यह स्पष्ट नहीं

मीणा की गर्लफ्रेंड अनीता मीणा की ओर से न्यायालय में उसके वकील केके ओझा ने दलील दी कि अगर एफआईआर के कंटेंट देखे जाएं तो उसमें पुलिस ने खुद ने कहा कि निश्चित रूप से यह बात नहीं कही जा सकती कि जो पेपर मिला है यह वही पेपर है जो लीक हुआ है। इसके अलावा इस मामले में यह बताया जा रहा है कि आरपीएससी का पेपर लीक हुआ है मगर पत्रावली में आज दिन तक यह तथ्य मौजूद नहीं है कि यह पेपर किसने लीक किया है। ओझा ने कहा कि अनीता मीणा पर आरोप लगे हैं कि वह शेरसिंह मीणा के साथ मिलकर निवेश करवाती थी।

इस बारे में भी एसओजी कोई स्पष्टीकरण कोर्ट के समक्ष नहीं दे पाया। उन्होंने कोर्ट को बताया कि एसओजी और पुलिस प्रशासन मामले में सिर्फ खानापूर्ति कर रहा है।

दिशाहीन जांच को आगे बढ़ाया जा रहा है। अब तक इस प्रकरण में शेरसिंह की भूमिका और मूल आरोपी पत्रावली पर मौजूद नहीं है जिसने यह पेपर लीक किया गया। साथ ही अनिता मीणा का शेरसिंह के साथ पेपर लीक में क्या सहयोग रहा, इस पर एसओजी कोर्ट में कोई स्पष्टीकरण नहीं दे पाई।

आरोपी अरुण की यह भूमिका

एसओजी ने मामले में शेरसिंह के दोस्त अरुण शर्मा को पकड़ा है। इस पर आरोप है कि इसे मीणा ने सामान्य ज्ञान का पेपर दिया था, जिसे उसे अपने जानकार अशोक नाथावत को पढ़ाने के लिए दिया था। 11 अप्रेल को एसओजी ने आरोपी शेरसिंह की निशानदेही पर भूपेंद्र सारण से पेपर के बदले 30 लाख रुपए देने के स्थान की तस्दीक की। वहीं 15 अप्रेल को मीणा की गर्लफ्रेंड अनीता मीणा के पीहर से मटके में रख जमीन में दबाए 19 लाख 50 हजार रुपए जब्त किए।