21 से 30 दिसंबर तक होगा शिल्पग्राम उत्सव
राज्य सरकार द्वारा कोरोना के कारण लगी सभी पाबंदियों को हटा ली गई- पश्चिमी क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र निदेशक डॉ. किरण सोनी गुप्ता
शिल्पग्राम में पारंपरिक झोपड़ियों की लिपाई-पुताई और मांडणा बनाने का काम शुरु
कोरोना महामारी के दौरान साल 2009 के बाद इस साल शिल्पग्राम उत्सव का आयोजन तय हो गया है। पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र की ओर से शिल्पग्राम महोत्सव को लेकर तैयारियां शुरु कर दी गई है। 21से 30 दिसंबर तक यहां शिल्पग्राम में कला संगम और सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। इसके लिए राजभवन से स्वीकृति मिल चुकी है। पश्चिमी क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र की निदेशक डॉ. किरण सोनी गुप्ता ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा कोरोना के कारण लगी सभी पाबंदियों को हटा दिया गया है। यही वजह है कि केंद्र की ओर से शिल्पग्राम उत्सव की तैयारियां शुरु कर दी गई है।
इसके तहत शिल्पग्राम में पारंपरिक झोपड़ियों की लिपाई-पुताई और मांडणा बनाने का काम शुरु कर दिया है। इसके साथ ही इस बार मेले में शिल्पी और कलाकारों को ही आमंत्रित किया जाएगा। इसमें कोई भी ट्रेडर्स नहीं होंगे। देश के सभी सांस्कृतिक जोन के माध्यम से नेशनल और इंटरनेशनल शिल्पियों व कलाकारों को आमंत्रित किया जाएगा। सांस्कृतिक कार्यक्रम में भी पूरे देश के कलाकारों की भागीदारी हो, इसके प्रयास किए जा रहे है।
मेले में 23 राज्यों के कलाकार दिखाते हैं कला
महोत्सव में हर साल 23 राज्यों के कलाकार अपनी संस्कृति और कला का प्रर्दशन शिल्पग्राम में करते है। यहां राजस्थान, गुजरात, मणिपुर, मिजोरम, तेलगांना, लद्दाख, दमन-दीव,नागालैंड, उत्तराखंड, उड़ीसा, त्रिपुरा, मध्यप्रदेश, पांडिचेरी, झारखंड, पंजाब, महाराष्ट्र, जम्मू-कश्मीर, हरियाणा, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, असम, आंध्र-प्रदेश, पांडिचेरी आदि राज्यों के कलाकार आते है।