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आदमखोर लेपर्ड को मारने के लिए हैदराबाद से बुलाये गए शूटर शफात अली खान

उदयपुर के गोगुंदा में आदमखोर लेपर्ड का आतंक 

 

उदयपुर 2 अक्टूबर 2024। ज़िले के गोगुंदा में आदमखोर लेपर्ड के हमलों के कारण स्थानीय लोग खौफ में हैं। हाल ही में, एक 55 वर्षीय महिला की जान जाने के बाद, स्थिति और गंभीर हो गई है। पिछले 24 दिनों में इस लेपर्ड ने 8 लोगों की जान ली है, जिसमें 1 अक्टूबर को केलवों का खेड़ा गांव में एक महिला की हत्या शामिल है।

राजस्थान वन्य जीव प्रभाग के प्रधान मुख्य संरक्षक (PCCF) पवन कुमार उपाध्याय ने लेपर्ड को देखते ही गोली मारने के आदेश जारी किए हैं। इसके लिए 12 स्थानीय शूटर पहले से ही तैनात किए गए हैं। बुधवार को हैदराबाद से आए वरिष्ठ शूटर नवाब शफात अली खान गोगुंदा पहुंचे। उन्होंने राठौड़ों का गुड़ा गांव के स्कूल में CCF सुनील छिद्री और DFO अजय चित्तौड़ा से पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली और फिर दोपहर को जंगल की ओर बढ़ गए।

CCF सुनील छिद्री ने बताया कि इस विशेष अभियान में पुलिस, सेना और वन विभाग के जवान शामिल हैं, जिन्हें जौधपुर, राजसमंद, रणथम्बोर ,मुकुंदरा टाइगर रिज़र्व और उदयपुर से बुलाया गया है। सुरक्षा की दृष्टि से स्थानीय स्कूलों को भी बंद करवा दिया गया है। शूटर्स की टीम में बंसी लाल सांखला ,उदयपुर वन विभाग के डीपी सिंह,शेर सिंह मीणा, सुरेंद्र सिंह इन टीमों को लीड कर रहे हैं, इस ऑपरेशन को CCF सुनील छिद्री और डीएफओ अजय चित्तोड़ा के सुपरविजन में चलाया जा रहा है। इनमे से सभी पूर्व में लेपर्ड रेस्क्यू ऑपरेशन्स  में अपनी अहम् भूमिका निभा चुके हैं। 

Udaipur Times की टीम से बात करते हुए स्थानीय निवासी मोहन लाल मेघवाल ने बताया की गांव की रहने वाली कमला कुंवर पर हमला करने से पहले लेपर्ड ने उन्हें निशाना बनाने की कोशिश की थी, घटना उस समय हुई थी जब वह उदयपुर शहर से नौकरी करने के बाद सुबह वह अपने घर पहुंचे थे, लेकिन उनकी किस्मत अच्छी थी की जैसे ही लेपर्ड उनके सामने आया तो उन्होंने उसे देख कर चिल्लाना शुरू कर दिया जिस पर आस पास के लोग भी वहां आ गए और लोगों को देखकर वो वहां से भाग खड़ा हुआ। 

वहीं गांव के रहने वाले फतह लाल मेघवाल ने बताया की इस से पहले कभी ऐसी कोई घटना नहीं हुई, पहली बार ही इन दो गांवों में जिनकी आबादी 400 से 500 परिवारों की है वहां मंदिर के पुजारी सहित 2 लोगों की हत्या लेपर्ड ने की जिसके बाद अब गांव वासियों में खौफ का माहौल है। स्कूल भी बंद कर दिए है सभी चाहते हैं की इस आदमखोर लेपर्ड को जल्द से जल्द पकड़ा जाए या मारा जाए ताकि सभी चैन की सांस ले सकें। 

गांव के रहने वाले कालू लाल का कहना है की लोगों में इतनी दहशत है की खाने-पीने का भी कोई होश नहीं है, सभी डरे हुए हैं, घर से बाहर भी नहीं निकल पा  रहे, उन्होंने कहा की अभी तो सभी अधिकारी और टीम मौजद हैं, लेकिन अगर ये सभी हट जाएंगे और इस आदमखोर लेपर्ड को नहीं पकड़ा गया तो फिर स्थानीय लोगों का क्या होगा। ऐसी हालत है की घर से निकलकर केवल स्कूल जो की उनके घर से कुछ ही मीटर की दुरी पर है तो उन्हें 10 बार सोचना पड़ता है। जल्द प्रशानिक अधिकारी आईएसएम मामले में कार्यवाही करें और गांव वालों को राहत दें।      

बुधवार को उदयपुर पहुंचे वरिष्ठ शूटर नवाब शफात अली खान ने कहा की उदयपुर पहुँचते ही उन्होंने पहले वन विभाग के सीनियर अधियकारियों से मुलाक़ात की, स्थिति को समझा और अब आगे की रणनीति तैयार कर आदमखोर लेपर्ड को पकड़ने की कवायद की जाएगी।

 

गौरतलब है की 1 अक्टूबर को गोगुंदा के आस-पास जंगलों में व्यापक सर्च ऑपरेशन चलाया गया था, लेकिन लेपर्ड का कोई पता नहीं चला। अब तक 10 से अधिक टीमें इस लेपर्ड की खोज में जुटी हैं। बुधवार सुबह से सर्च ऑपरेशन फिर से शुरू किया गया है।

वहीँ लेपर्ड हमले में मृतक महिला के परिवार के अनुसार, लेपर्ड ने महिला को उसके घर से लगभग 100 मीटर दूर खींच लिया। महिला का घर पहाड़ी पर स्थित है और उसके आसपास कोई अन्य घर नहीं है। घर के पीछे पशुओं का बाड़ा है, जहां महिला काम कर रही थी। जब उसने हमला किया, तब महिला की गर्दन लेपर्ड के जबड़ों में फंस गई, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।

इस घटना के बाद, महिला के घर के आसपास दो पिंजरों को स्थापित किया गया है और लगभग 200 मीटर के एरिया को सील कर दिया गया है। वहां किसी भी प्रकार की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है। वन विभाग का अनुमान है कि लेपर्ड महिला का शिकार करने के बाद दोबारा उसी जगह आ सकता है।

आपको बता दे कि इस सर्च टीम में 90 से ज्यादा लोग शामिल हैं, जिसमें वन विभाग के कर्मचारी, पुलिस, सेना के जवान और कुछ ग्रामीण भी शामिल हैं। हर टीम में एक से दो शूटर और 7 रेंजर समेत स्थानीय कर्मचारी शामिल हैं। उदयपुर के अंबामाता थानाधिकारी डॉ. हनुवंत सिंह राजपुरोहित, सुखेर थानाधिकारी हिमांशु सिंह राजावत, और गोगुंदा थानाधिकारी शैतान सिंह भी इस ऑपरेशन में शामिल हैं। स्थानीय लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यह अभियान तेजी से जारी है