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युवाओं में सोशल मीडिया की दीवानगी जान पर भारी पड़ सकती है

सावधान! रील्स बनाने के चक्कर में दांव पर न लग जाए रीयल लाइफ

 

Reels Addiction: अगर आप में भी सोशल मीडिया पर रील्स बनाकर अपलोड करने की दीवानगी है तो संभल जाएं। कहीं रील्स बनाने के चक्कर में आपकी रीयल लाइफ दांव पर ना लग जाए। दरअसल, इन दिनों सोशल मीडिया जैसे कि इंस्टाग्राम, यू-ट्यूब आदि पर रील्स अपलोड करने का खुमार हर वर्ग के लोगों पर दिखायी दे रहा है। ख़ासकर युवाओं पर तो सबसे ज्यादा। यही वजह है कि कुछ सेकंड्स की रील्स बनाने के लिए वे किसी भी तरह का जोखिम लेने में पीछे नहीं हटते और होश खो बैठते हैं। ऐसे में हादसा होने का डर रहता है और शहर व देश, प्रदेश में इस तरह की घटनाएं हो भी चुकी हैं।

रील्स बनाने में सबसे आगे युवा, बच्चे और बुजुर्ग भी पीछे नहीं: सोशल मीडिया पर रील्स का क्रेज देखने को मिल रहा है। खासकर युवा तो इसके पीछे दीवाने हैं। वहीं, बच्चे और बुजुर्ग भी इसमें पीछे नहीं। मनोविशेषज्ञों के अनुसार ये एक तरह का एडिक्शन बनता जा रहा है। लोग रील्स बनाने में इतने मशगूल हो जाते हैं कि उन्हें पता नहीं चलता कि वे कहां हैं। होश खो बैठते हैं। इसकी दीवानगी अच्छी नहीं। इससे मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ता है। यदि नहीं संभले तो ये दूसरों की जिंदगी भी खतरे में डाल सकते हैं।

इस तरह की रील्स बनाते हैं…..

● कभी वाहन चलाते समय स्टंटबाजी

● कभी सड़कों व चौ़ेराहों पर डांस, स्टंट करना

● फतहसागर व पिछोला झील किनारे बंसियों पर खड़े होकर रील्स बनाना

● कभी किसी पहाड़ पर खड़े होकर अजीब हरकतें करना

● कहीं झरनों व जलाशयों के बीचोंबीच जाकर पानी में बेपरवाह मस्ती करते हुए रील्स बनाना

● कभी रेलवे ट्रेक पर जाकर या प्लेटफार्म या चलती ट्रेन में दरवाजे पर खड़े होकर रील्स बनाना

केस 1

25 जुलाई को उदयपुर के उबेश्वर महादेव मार्ग पर मोरवानिया नदी में तेज बहाव के बाद दो युवक बाइक पर रील बनाने निकल पड़े। इस दौरान दोनों युवक पुलिया पर तेज बहाव के बीच फंस गए। करीब एक घंटे तक दोनों युवक पुल पर बने पिलर को पकड़े खड़े रहे। बाद में दोनों को हाइड्रोलिक क्रेन की मदद से रेस्क्यू किया गया। अगर समय पर उन्हें कोई ना देखता या पानी का बहाव और तेज हो जाता तो हादसा होना तय था।

केस 2

इसी तरह गुजरात से अपने दोस्तों के साथ नांदेश्वर चैनल पर घूमने गई एक युवती की भी जान पर बन आई थी, लेकिन दोस्तों ने उसे तुरंत गहराई में जाने से बचा लिया। युवती रील बनाने के लिए अच्छा व्यू लेने के लिए पानी के बीचोंबीच ऐसी जगह चली गई, जहां गहराई का अंदाजा नहीं था। अचानक उसका पैर फिसला और वो पानी में गिर गई। उसी दौरान उसके दोस्तों ने देख लिया तो तुरंत उसको निकाल ले आए।

आरएनटी मेडिकल कॉलेज के डॉ. सुरेश गोचर कहते है की रील बनाना और देखना दोनों ही एडिक्शन बन चुका है। आजकल युवाओं का रीयल फ्रेंड सर्कल कम होता जा रहा है और वर्चुअल फैंस और फॉलोअर्स बढ़ाकर वे सेल्फ सेटिस्फाइ हो रहे हैं। ये अपने आप को एक्सप्रेस करने का एक तरीका बन गया है और दूसरा उस पर जो लाइक्स मिलते हैं, वो रिवार्ड का काम करते हैं। जैसे कोई भी अगर फ्रस्ट्ररेटेड है तो वो इससे अच्छा महसूस करता है। इससे वे मोटिवेट होते हैं। लेकिन, एडिक्शन किसी भी चीज का खराब होता है। इसलिए इससे बचना चाहिए। खासकर यदि रील्स कहीं बाहर जाकर बना रहे हों, या कोई रिस्की जगह हो तो ऐसा बिल्कुल ना करें और दूसरों को भी ऐसा ना करने के लिए प्रेरित करें।