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रेजीडेंट डॉक्टर्स के सम्पूर्ण हड़ताल पर जाने से चरमराई व्यवस्था

इनकी जगह सीनियर डॉक्टर्स ने ड्यूटी दी लेकिन मरीजों की जबर्दस्त भीड़ को नहीं संभाल पाए

 

उदयपुर संभाग के सबसे बड़े सरकारी महाराणा भूपाल हॉस्पिटल में रेजीडेंट डॉक्टर्स के सम्पूर्ण हड़ताल पर जाने से बुधवार को मरीजों के इलाज की व्यवस्थाएं गड़बड़ा गई। करीब 400 रेजीडेंट डॉक्टर्स हड़ताल पर हैं। इनकी जगह सीनियर डॉक्टर्स ने ड्यूटी दी लेकिन मरीजों की जबर्दस्त भीड़ को नहीं संभाल पाए। 

इधर, ट्रोमा इमरजेंसी में आने वाले एक्सीडेंटल मरीज एक से डेढ़ घंटे तक दर्द से कराहते रहे। उन्हें समय पर इलाज नहीं मिला। यही हालात आउटडोर की रही। आसपास प्राथमिक व सामुदायिक केन्द्रों से कई केस उदयपुर रेफर हुए, लेकिन उन्हें यहां तत्काल इलाज नहीं मिल पाया। कई गंभीर रोगी और बुजुर्ग मरीज हॉस्पिटल के हालात को देखकर वहां से वापस लौट गए। गंभीर मरीजों को भी भर्ती नहीं किया गया। आईसीयू, डिलीवरी रूम, ट्रोमा, ईमरजेंसी, एनआईसीयू से लेकर आउटडोर में मरीज और उनके परिजन परेशान होते रहे।

एक घंटे दर्द से कराहता रहा बेटा, करते रहे इलाज का इंतजार

पई गांव निवासी मरकी बाई ने बताया कि उसके बेटे का बाइक से एक्सीडेंट हो गया था। मुंह फट गया और पैर में चोट लगी। वह ट्रोमा इमरजेंसी में करीब एक घंटे तक बेटे को स्ट्रेचर पर लेकर खड़ी रही। बेटा दर्द से कराहता रहा लेकिन समय पर इलाज नहीं मिला। ऐसे ही कई परिजन अपने मरीज को लेकर डॉक्टर का इंतजार करते रहे।

करीब 80 से ज्यादा प्लांड ऑपरेशन टालने पड़े

एमबी हॉस्पिटल में करीब 80 से ज्यादा प्लांड ऑपरेशन टालने पड़े। इनमें सिजेरियन, मेजर सर्जरी, ऑर्थोपेडिक, जनरल सर्जरी, यूरोलॉजी, नेफ्रोलॉजी और माइनर ओटी आदि में रेजीडेंट नहीं होने के कारण ऑपरेशन टालने पड़े। बता दें, एमबी के करीब 400 रेजीडेंट्स राउंड द क्लॉक 24 घंटे ड्यूटी देते हैं।

मेडिकल कॉलेज में पढ़ाने वाले 50 डॉक्टर्स की ड्यूटी लगाई

रेजीडेंट के हड़ताल पर जाने से आरएनटी मेडिकल कॉलेज में पढ़ाने वाले करीब 50 डॉक्टर्स को आउटडोर और अन्य जगह ड्यूटी पर लगाया है। इसके लिए इवनिंग, मॉर्निंग व नाइट का रोस्टर बनाया है। इमरजेंसी, आईसीयू से लेकर ट्रोमा व लेवर रूम आदि रेजीडेंट मरीजों का इलाज करते हैं लेकिन इनके नहीं होने से आईसीयू और इमरजेंसी में मरीज परेशान होते रहे।

मांग पूरी नहीं होने तक जारी रहेगी हड़ताल: डॉ. शर्मा

रेजीडेंट यूनियन के पूर्व अध्यक्ष डॉ नवरत्न शर्मा ने बताया कि जिन पुलिस कर्मियों ने डॉक्टर्स पर लाठीचार्ज किया। उन पर कार्रवाई हो और राइट टू हैल्थ बिल में संशोधन किया जाए। मांग पूरी नहीं होने तक हमारी हड़ताल जारी रहेगी।