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शिक्षकों ने काउंसिलिंग का किया बहिष्कार

टीएसपी से नॉन टीएसपी में समायोजित सभी शिक्षकों की काउंसिलिंग एक साथ कराने की मांग को सुबह 8.30 बजे से लगाकर रात 8 बजे तक शिक्षक जमे हुए थे डाइट परिसर में

 

आज टीएसपी से नॉन टीएसपी में समायोजित 760 शिक्षकों की बजाय केवल 355 शिक्षकों को काउंसलिंग कार्यक्रम में शामिल किए जाने पर भारी रोष था। सभी शिक्षक डीओ माध्यमिक परिसर में एकत्रित होकर राजस्थान शिक्षक एवं पंचायती राज कर्मचारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष शेरसिंह चौहान के नेतृत्व में सभी 760 टीएसपी से नॉन टीएसपी में समायोजित शिक्षकों की एक साथ काउंसिलिंग की मांग को लेकर धरने पर बैठ गये।  

संयुक्त निदेशक स्कूली शिक्षा बल्लूराम खींचड़,मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी महेंद्र जैन, जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक मुख्यालय आशा मांडावत,अतिरिक्त संयुक्त निदेशक पुष्पेंद्र शर्मा ने आकर इन शिक्षकों को समझाने एवं काउंसलिंग में शामिल होने की कोशिश की परंतु शिक्षकों ने बताया कि वे लंबे समय से टीएसपी क्षेत्र में सेवाएं दे रहे हैं और बड़े संघर्ष के बाद उन सबको टीएसपी से नॉन टीएसपी में समायोजित किया गया है परंतु शिक्षा विभाग की लापरवाही के कारण अभी तक उन सभी के स्थान पर नवनियुक्त शिक्षकों ने रिलीवर के रूप में कार्य ग्रहण नहीं किया है।  

शिक्षकों ने कहा कि साथ ही कई अधिशेष शिक्षकों को अभी भी काउंसलिंग के लिए कार्य मुक्त नहीं किया है ऐसे में लगभग 400 शिक्षक अभी भी काउंसलिंग से वंचित है जिसमें बहुत सारे वरिष्ठ शिक्षक हैं साथ में विधवा परित्यक्ता शिक्षिकाएं भी शामिल हैं परंतु उनके साथ अन्याय किया जा रहा है साथ में जो काउंसलिंग की सूची जारी की गई है उसमें बहुत सारे वरिष्ठ शिक्षकों को कनिष्ठ दिखाया गया है नॉन टीएसपी क्षेत्र के सभी शिक्षकों ने एकता दिखाते हुए इन सभी मांगों का समाधान करके ही काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू करवाने की मांग की। 

उन्होंने बताया कि सभी शिक्षा अधिकारियों ने हठधर्मिता दिखाते हुए शाम 5:00 बजे काउंसलिंग प्रक्रिया डायट परिसर में शुरू की परन्तु शिक्षकों ने एकता दिखाते हुए काउंसलिंग का पूर्ण रूप से बहिष्कार किया इन शिक्षकों ने सुबह 8.30 बजे से लेकर देर रात 08:00 बजे तक डाइट परिसर के बाहर कॉउंसलिंग का बहिष्कार करते हुए धरना जारी रखा। 

चौहान ने बताया कि अधिकारियों को हठधर्मिता छोड़कर इन पीड़ित शिक्षकों की समस्याओं को जानकर एक साथ सभी 760 शिक्षकों की काउंसलिंग करवानी चाहिए। काउंसलिंग बहिष्कार में चौहान के साथ रमेश थोरी नरेंद्र अवाना पूनमाराम विश्नोई रामावतार गुर्जर अभिषेक शर्मा विजेंद्र चौधरी महावीर गुर्जर ललिता चौधरी मीना गुप्ता सतीश जैन नवीन व्यास शुभम चौधरी आदि शामिल थे