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शिक्षकों से लगातार गैर शैक्षणिक कार्य लिए जाने के विरोध में उतरे शिक्षक

राजस्थान शिक्षक एवं पंचायती राज कर्मचारी संघ ने एसडीएम के माध्यम से मुख्य सचिव को भेजा ज्ञापन

 

उदयपुर। राजस्थान शिक्षक एवं पंचायतीराज कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों ने संघ के प्रदेश अध्यक्ष शेरसिंह चौहान एवं प्रांतीय महामंत्री राजेश शर्मा के आहान पर शिक्षकों से लिए जा रहे विभिन्न प्रकार के गैर शैक्षणिक कार्यों के विरोध में एसडीएम कार्यालय पर प्रदर्शन कर आज गिर्वा उपखंड अधिकारी प्रतिभा वर्मा के द्वारा सरकार को  ज्ञापन भेजा।

ब्लॉक अध्यक्ष गिर्वा प्रेम बैरवा ने बताया कि मुख्य सचिव को प्रेषित ज्ञापन में लिखा है कि राजकीय विद्यालयों में विद्यार्थियों के सुचारू शिक्षण कार्य हेतु शिक्षकों को बीएलओ कार्य से पूरी तरह मुक्त किया जाए तथा मिड डे मील, दूध वितरण जैसे अनेक प्रकार के लिए जा रहे अशैक्षणिक कार्यों से पूरी तरह मुक्त कर इनकी जिम्मेदारी अन्य विभाग के कर्मचारियों को तथा एजेंसियों को सौंपी जाए।

ज्ञापन में विभिन्न स्कूलों के संस्था प्रधान ,पोषाहार प्रभारी, एकल अध्यापक, ग्रामीण क्षेत्रों से शहरी व नगरपालिका क्षेत्रों पर लगाये गए बीएलओ, एक ग्राम पंचायत में दूरस्थ दूसरी ग्राम पंचायतों के शिक्षकों को बीएलओ के रूप में लगाया गया है, ऐसे सभी कार्मिकों को बीएलओ के दायित्व से मुक्त कराया जाए। तथा प्रशासनिक एवं शिक्षा अधिकारियों की ओर से अपने-अपने कार्यालयों में लिपिकीय कार्य हेतु लगाए गए ऐसे सभी शिक्षकों को उनके मूल विद्यालयों के लिए कार्य मुक्त करवाये जाने का आग्रह किया है।

संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि सरकार की ओर से समय-समय पर जारी आदेशों के तहत 10 वर्षीय जनगणना, निर्वाचन तथा आपदा प्रबंधन के कार्यों के अतिरिक्त शिक्षकों को किसी भी गैर शैक्षणिक कार्य में नहीं लगाने के आदेश जारी किए हुए हैं। लेकिन उच्चतम न्यायालय तथा राज्य सरकार के ऐसे सभी जारी आदेशों को दरकिनार कर वर्तमान में शिक्षकों को उनके मूल कार्य से विमुख करअनेक प्रकार के गैर शैक्षणिक कार्यों में लगाकर बहुउद्देशीय कर्मचारी बना दिया गया है। हालत यह हैं कि राज्य भर में जिला एवं उपखंड स्तर पर विभिन्न आला अधिकारियों की ओर से शिक्षकों को आए दिन गैर शैक्षणिक कार्यों में लगातार लगाने से स्कूलों में विद्यार्थियों का शिक्षण कार्य और परीक्षा परिणाम प्रभावित हो रहा है। 

संघ की ओर से समय-समय पर विभिन्न ज्ञापन धरना प्रदर्शन के माध्यम से शिक्षकों से  लिए जा रहे गैर शैक्षणिक कार्यों से मुक्त करने का आग्रह किया जाता रहा है लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है। राज्य के विभिन्न उपखंड अधिकारियों के द्वारा निर्वाचन विभाग की ओर से जारी दिशानिर्देशों को दरकिनार कर अन्य विभाग के कर्मचारियों की बजाय अधिकतर शिक्षकों को ही मनमाने तरीक़े से बीएलओ लगाया जाता है और उन्हें तरह-तरह के नोटिस एवं धमकी देकर प्रताड़ित भी किया जाता है। यही नहीं स्कूलों में भी शिक्षकों पर मिड डे मील ,दूध वितरण, साक्षरता, ई  ग्राम प्रभारी , आए दिन विभिन्न प्रकार की सरकारी डांक सूचनाओं के आदान-प्रदान के आंकड़ों में उलझा कर शिक्षण  कार्य से दूर किया जा रहा है, जिससे शिक्षकों में भारी असंतोष है। 

प्रदर्शन व ज्ञापन के दौरान प्रदेश अध्यक्ष शेर सिंह चौहान, नवीन व्यास, सतीश जैन, भैरूलाल कलाल, चन्द्रशेखर परमार, ललित पालीवाल, हितेन्द्र दवे, हरिश चितौड़ा, सुरेश खंड़ा रिया, महेश वर्मा, सैयद हुसैन, साधना पांडे, धनेश्वरी वैष्णव, ममता डिड़वानिया, प्रेमलता पूर्बिया, सुरेश पटेल, शीतल जैन, मुकेश चौबीसा, केशुलाल चौधरी, सत्यवीर चौधरी आदि शामिल थे।