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Festive Season में खरीदारी की होड़ में इन बातों को रखे ध्यान 

साइबर धोखाधड़ी के मामलों में लगातार तेजी देखी जा रही है

 

उदयपुर 20 अक्टूबर 2023। त्योहारी सीजन का आगाज हो चुका है। नवरात्र चल रहा और अगले महीने नवंबर में दिवाली, धनतरेस और छठ का पावन त्यौहार है। बाज़ार में त्यौहारों को लेकर तैयारी हो चुकी है। वहीं, लोगों की नज़र शॉपिंग पर है तो दुकानदारों की नज़र ग्राहकों पर है। बाज़ार से लेकर ऑनलाइन तक कई तरह के छूट दिए जा रहे है। खुदरा विक्रेता, ब्रांड, ई-कॉमर्स अपने ग्राहकों को केशबैक ऑफर के साथ और भी कई तरह की छूट दे रहे है।

इन ऑफर और प्रमोशन का एक ही लक्ष्य है  ग्राहकों को अपनी तरफ खींचना । ताकि खरीदार ऑफर देखकर आकर्षित हो सके, लेकिन आपको इन ऑफर के जाल में फंसने से खुद को बचाना है। खरीदारी करते समय सावधानी बरते। साइबर धोखाधड़ी के मामलों में लगातार तेजी देखी जा रही है। साइबर क्रिमिनल्स के पास लोगों की मेहनत की कमाई लूटने के कई तरीके और एडवांस होती टेक्नोलॉजी का गलत फायदा उठाकर इन्होंने अपना आंतक और बढ़ा दिया है।

इन बातों का रखें विशेष ध्यान

  • ई मेल पर भेजे गए हाइपरलिंक पर क्लिक करने से बचें।
  • कोई भी नया एप डाउनलोड करने से पहले भी उसे चेक कर लें।
  • एंटीवायरस सॉफ्टवेयर को अपडेट करें ।
  • कंपनी की मुख्य वेबसाइट पर ही विजिट करें। एड के साथ लिखी साइट को क्लिक करने से बचें।
  • जब आप यूआरएल में लॉक आइकन को चेक करेंगे, तो आपको साइट का सिक्योरिटी लेवल पता चल जाएगा। यदि वेबसाइट के यूआरएल में सिक्योर मोड (https) में नहीं है तो वहां से शॉपिंग ना करें।
  • रेलवे स्टेशन या एयरपोर्ट (सार्वजनिक वाई-फाई) से खरीदारी और किसी प्रकार की लेन-देन ना करें।
  • अगर आपको किसी अनजान नंबर से कॉल या मैसेज आता है, जो पैसों की मांग करे तो उसे तुरंत ब्लॉक कर दीजिए।
  • आपके बैंक अकाउंट से किसी भी तरह का अनचाहा विड्रॉअल होता है तो तुरंत अपने बैंक को सूचना दीजिए।

वेबसाइटों की करे जांच 

खरीदारी की होड़ में उतरने से पहले वेबसाइटों या एप्स पर मिल रहे ऑफर को अच्छे तरह से जान ले और समझ ले। उसके बाद ही खरीदे।  बड़ी व प्रतिष्ठित वेबसाइट व एप के नाम से मिलते-जुलते नाम की वेबसाइट व एप बना लिए गए हैं। इनके नाम से लोगों के सोशल मीडिया अकाउंट्स पर सेल और डिस्काउंट के मैसेजेज भेज रहे हैं। क्लिक करने से बैंक अकाउंट की डिटेल बदमाशों तक पहुंच जाती है और वे राशि ट्रांसफर कर लेते हैं। भुगतान के बाद सामान भी नहीं मिलता।

नो-कोस्ट ईएमआई को जान ले 

यह सुनने में काफ़ी आकर्षक हो सकती है, लेकिन इस ऑप्शन को चुनने के पहले एक बार सोच जरूर ले। नो-कोस्ट ईएमआई किसी को केवल चीज की कीमत का भुगतान करने की अनुमति देती है। ध्यान रखे की कुछ में एक्स्ट्रा फीस भी शामिल रहती है, जेसे प्रोसेसिंग फीस । इस बात को ध्यान में  रखे की नो-कोस्ट ईएमआई में ब्याज पूरी तरह से माफ नहीं किया जाता है, खासकर ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर। बैंक ब्याज लगाते है,लेकिन सेलर छूट की पेशकश कर सकता है। इसलिए बेहतर है की  ग्राहक ऑप्शन चुनने से पहले उस नियमों और शर्तों की जांच अवश्य करे। 

आइए जानते है साइबर एक्सपर्ट का क्या कहना है ?

साइबर एक्सपर्ट श्याम चंदेल के अनुसार फेस्टिव सीजन में लोगों के पास तमाम कंपनियों के मैसेज आने शुरू हो जाते हैं। ये कंपनियां गैजेट्स, फैशन और इलेक्ट्रॉनिक आइटम पर कुछ ज्यादा ही छूट ऑफर करती हैं। इनमें बहुत सारी कंपनियां फ्रॉड होती हैं। ये कंपनियां मैसेज के साथ एक लिंक भी भेजती हैं। जब आप इस लिंक को क्लिक करते हैं तो आपसे सामने बड़े-बड़े आइटम्स पर जबरदस्त छूट के ऑफर दिखाई देते हैं। ऑफर्स देखकर कुछ लोग इन वेबसाइट पर पेमेंट करके सामान का ऑर्डर कर देते हैं लेकिन बाद में पता चलता है कि वे लुट गए ।