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तिब्बती युवा संगठन की सर्दी ओलंपिक्स को रद्द करने के लिए भारत में बाइक यात्रा

इस यात्रा की मुख्य कारण चीन मे होने वाली ओलिम्पिक खेल आयोजन करने की योग्यहीनता को दर्शाते हुए आन्दोलन करना है

 

इस साल चीन में होने वाली ओलंपिक्स खेल को रद्ध करने की मांग और आन्दोलन करने की बात कही

इस साल 10 दिसंबर के दिन परम पावन दलाई लामा को नोबेल शान्ति पुरस्कार से सम्मानित करके 32 साल की वर्षगांठ के साथ अन्तराष्ट्रीय मानव अधिकार दिवस भी मनाया जा रहा है। इस अवसर पर तिब्बती युवा संगठन के अंग क्षेत्रीय तिब्बती युवा संगठन दिल्ली द्वारा अन्य क्षेत्र सदस्यों की भागेदारी के साथ दक्षिण भारत के बैंगलुरु से आरम्भ कर समस्त भारत बाइक यात्रा की आयोजन किया जा रहा है। इस यात्रा की मुख्य कारण चीन मे होने वाली ओलिम्पिक खेल आयोजन करने की योग्यहीनता को दर्शाते हुए आन्दोलन करना है।

तिब्बती युवा संगठन  कार्यकर्ताओं ने बताया की तिब्बत पर कब्जा करने के बाद भी चीनी कम्युनिष्ट पार्टी द्वारा तिब्बत की संस्कृति और परम्पराओं को नष्ट करने कि पूरी कोशिश की है। तिब्बती बौद्ध मन्दिरों और विभिन्न तीर्थस्थलों को भी नष्ट की है। इतना ही नहीं बल्कि तिब्बत के वातावरण को प्रदूषित और खनिज पदार्थों को अत्यधिक दोहन से जलवायु परिवर्तन पर प्रभाव देखने को मिला है। इन अत्याचारों को सहने में असमर्थ हो कर अब तक 167 तिब्बतीयों ने तिब्बत और जनता कल्याण हेतु स्वयं कि शरीर दीप जलन करके न्याय की मांग की है।

उन्होंने बताया की तिब्बत की मानव अधिकार स्थिति को बयां किया जाए तो दिनबदिन बिगडती जा रही है। चीन के नेतृत्व में न केवल तिब्बत बल्कि अन्य देशों के भूभाग भी अपने कब्जे मे लेने का प्रयास जारी है। खास कर के तिब्बत और चीन स्थित मानव अधिकार कार्यकर्ताओं पर दबाव डाला जा रहा है। उईघुर मुस्लिमो और पूर्वी तुर्की के 1.8 से 3 करोड के लोगों को शिक्षा के नाम कर एकाग्रता शिविर में शारीरिक और मानसिक के रूप से कष्ट दिया जाता है। इन दर्दनाक रहस्य को ओलंम्पिक संगठन को पेश करने बावजूद भी कुछ भी तरह के प्रभाव देखने को नहीं मिला। इन्हीं कारण को दर्शाते हुए इस साल चीन में होने वाली ओलंपिक्स खेल को रद्ध करने की मांग और आन्दोलन करने की बात कही। 

बाइक यात्रा की चार मुख्य उद्देश्य ।

1. सर्दी ओलिंपिक को रद्द किया जाना चाहिए।

2. पान्चेन लामा और अन्य तिब्बती राजनीतिक कैदीयों को जल्द रिहा किया जाये।

3. 167 स्वतन्त्र तिब्बत कार्यकर्ता जिस ने अपनी जान की कुरबानी दी है उन की मांग की सुनवाई की जाएं।

4. भारत सरकार और पूरी जनता को धन्यवाद की कृतज्ञाता व्यक्त करना। 

5.तिब्बत एक स्वतंत्र राष्ट्र था और रहेगा