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नेहरु गार्डन देख पर्यटक खुद को महसूस कर रहे है ठगा सा 

बदहाली का शिकार नेहरु गार्डन

 

यूआईटी ने रिनोवेशन की बात तो कह दी है लेकिन कब ? 

कोरोना काल के चलते कई महीनों से बंद नेहरु गार्डन को यूआईटी द्वारा पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है। नेहरु गार्डन के खुलने के बाद यहां पर्यटकों आवाजाही भी शुरु हो गई है। साथ ही पर्यटकों को लुभाने के लिए शाम के समय आकर्षण लाइटिंग भी की जा रही है। लेकिन जब पर्यटक यहां पहुंचते तो यहां पहुंचकर कुछ अलग ही मंज़र उनको दिखाई देता है। चारों तरफ घास का मैदान नज़र आता है। नेहरु गार्डन में जो फव्वारे लगे हुए वो भी बंद पड़े है।

इन सभी अव्यवस्थाओं के चलते पर्यटक वापस निराश लौट रहे है। पर्यटकों का कहना है कि इतना पैसा देने के बाद नेहरु गार्डन में न तो साफ-सफाई है न ही रख रखाव। शौचालय के दरवाज़े टूटे है। वहां पर उगी घास के बीच सांप देखकर पर्यटक जिनके साथ बच्चे भी होते वह डर जाते है।

नेहरू गार्डन के अंदर का नज़ारा

 

वहीं बोट संचालक अशोक कुमार का कहना है कि यूआईटी की ओर से नेहरु गार्डन की देखभाल के लिए कोई ध्यान नहीं दिया जाता है। पर्यटक भी यहां से जाते है तो अच्छा महसूस नहीं करते है। पहले नेहरु गार्डन जाने के लिए टिकट के लिए पर्यटकों की लंबी कतारें लगती थी। लेकिन अब हाल यह है कि 1 दिन के केवल 100 से 200 लोग ही यहां आ रहे है। और वह भी वहां से लौटकर खुद को ठगा महसूस करते है। 

यूआईटी करेगी नेहरु गार्डन में 10 करोड़ खर्च

यूआईटी सचिव अरुण हसीजा ने नेहरू गार्डन का जल्द रिनोवेशन की बात तो कही है। अब फतहसागर झील में बने नेहरु गार्डन की दशा को सुधारने के लिए यूआईटी की 10 करोड़ खर्च किए जाएंगे। इसके तहत फव्वारे, लाइटिंग, फुटफाथ और कैफेटेरिया को सही किया जाएगा। अब यह कार्य कब शुरू होगा और कब पूरा होगा इसका तो फ़िलहाल कुछ अता पता नहीं लेकिन तब तक पर्यटकों को यहां से बैरंग ही लौटना पड़ेगा।