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हिन्दुस्तान जिंक द्वारा अंतर्राष्ट्रीय बधिर सप्ताह के तहत विविध आयोजन

हिन्दुस्तान जिंक के जीवन तरंग कार्यक्रम से हो रहे 700 से अधिक दिव्यांग छात्र लाभान्वित

 

उदयपुर, 26 सितम्बर । विशेष आवश्यकता वाले व्यक्तियों को सशक्त बनाने और मुख्यधारा के समाज में उनके एकीकरण को सुविधाजनक बनाने की दिशा मेंसांकेतिक भाषा की भूमिका महत्वपूर्ण है। अंतर्राष्ट्रीय बधिर सप्ताह के उपलक्ष्य मेंहिंदुस्तान जिंक द्वारा जीवन तरंग के माध्यम सेअभिलाषा विद्यालयउदयपुरबधिर सीनियर सेकेंडरी स्कूलअजमेर और सीनियर सेकेंडरी मूक बधिर विद्यालयभीलवाड़ा में मूक बधिर छात्रों के लिए गतिविधियों और जागरूकता सत्रों की एक श्रृंखला का आयोजन किया। 

400 से अधिक छात्रों, 200 से अधिक युवाओं और प्रशिक्षुओं को इसकी उत्पत्ति और महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए एनडीएस प्रशिक्षकों द्वारा सांकेतिक भाषा के इतिहास पर व्यावसायिक रूप से आयोजित सत्र दिए गए। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य छात्रों की दैनिक कार्य करनेसंवाद करने और भारतीय सांकेतिक भाषा (आईएसएलको समझने की क्षमता को बढ़ाना है। जिंक कौशल प्रशिक्षुओं और इन छात्रों के माता-पिता तक अपनी पहुंच का विस्तार करते हुए आईएसएल और बधिर समुदाय के महत्व पर जोर देते हुए संवेदीकरण सत्र भी आयोजित किए गए। इंटरैक्टिव सत्रों को छात्रों की उत्साहपूर्ण भागीदारी के साथ क्विजड्राइंग प्रतियोगिताओंकहानी कहने और खेल सहित आकर्षक गतिविधियों को सम्मिलित किया गया।

हिंदुस्तान जिंक अपने जीवन तरंग कार्यक्रम के माध्यम से विविध पृष्ठभूमि के विशेष योग्यजन बच्चों को समान अवसर प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह कौशल वृद्धि कार्यक्रम मुख्य रूप से स्कूलों को मजबूत करनेदृष्टिबाधित बच्चों तक प्रौद्योगिकी पहुंच प्रदान करनेशिक्षकों के लिए भारतीय सांकेतिक भाषा प्रशिक्षणकंप्यूटर साक्षरताअंग्रेजी भाषा-उन्मुख कौशल और मासिक धर्म स्वास्थ्य और स्वच्छता पर कार्यशालाओं की पेशकश करने पर केंद्रित है। अब तक इस कार्यक्रम में नामांकित 700 दृष्टि और श्रवण बाधित बच्चों में सेलगभग 600 ने समर्पित पाठ्यक्रम के माध्यम से भारतीय सांकेतिक भाषा (आईएसएलमें सफलतापूर्वक दक्षता हासिल कर ली है।