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वींकेड कर्फ्यू से नहीं बनी बात तो होगी ओर सख्ती, जान है तो जहान है- गहलोत

वीकेंड लॉकडाउन नहीं लगाना चाहते लेकिन लोग लापरवाह हो गए थे, लोगों का जीवन और गरीबों की अजीविका बचाना सरकार की पहली प्राथमिकता

 
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक महीने पहले प्रतिदिन 250 केस थे, अब 7 हजार हो गए है। कोरोना यह मिजाज बेहद चिंताजनक

राजस्थान में कोरोना अपना फिर से विकराल रुप ले रहा है। हमने सोचा भी नहीं था कि जो स्थिति पिछले साल थी अब स्थिति उससे भी ज्यादा चिंताजनक होगी। राजस्थान में कोरोना महामारी के मामलों में फिर से बढ़ोतरी हो रही है। महामारी के बढ़ते मामलों को देखते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 16 अप्रैल शाम 6:00 बजे से 19 अप्रैल सोमवार सुबह 5:00 बजे तक प्रदेश में कर्फ्यू लगाया गया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोरोना की स्थिति को देखते हुए शुक्रवार रात को प्रदेश के नाम संदेश जारी किय़ा।

राजस्थान के मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों का जीवन और गरीबों की अजीविका बचाना सरकार की पहली प्राथमिकता है। जान से बढ़कर कुछ नहीं है। जान है तो ही जहान है। वीकेंड लॉकडाउन नहीं लगाना चाहते लेकिन लोग लापरवाह हो गए थे। मास्क लगाना छोड़ दिया। शादी में भी 500 से ज्यादा संख्या में मौजूद हो रहे थे। यदि जान बचाने के लिए ओर सख्ती करनी पड़ी तो हम वो भी करेंगे। हालाँकि राजस्थान में कोरोना की स्थिति अभी दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, यूपी, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र से बेहतर है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि एक महीने पहले प्रतिदिन 250 केस थे, अब 7 हजार से अधिक हो गए है। कोरोना यह मिजाज बेहद चिंताजनक एवं खतरनाक है। इस बार दूसरी लहर सबसे ज्यादा बच्चों और युवाओं को संक्रमित कर रही है। जबकि पहली लहर में बुजुर्ग ज्यादा संक्रमित हो रहे थे। उन्होंने कहा कि तकलीफ उसको ज्यादा है जो दिहाड़ी पर काम करता है और रोज सुबह शाम काम करके मज़दूरी अर्जित कर अपने और अपने परिवार के लिए रोटी का इंतज़ाम करता है। 

एक तरफ मुख्यमंत्री आमजन से अपील कर रहे है सभी वेक्सीन लगवाए जबकि वास्तविकता यह है की केंद्र में वैक्सीन की कमी है और वह राज्यों को नहीं भेज रहे है। यह एक गंभीर चिंता का विषय है।