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लेपर्ड के हमले में एक महिला की मौत 

गुस्साए ग्रामीणों ने उदयपुर अहमदाबाद हाइवे जाम किया

 

उदयपुर 9 सितंबर 2024। लेपर्ड ने तीन महिलाओं पर हमला कर दिया। दो महिलाएं बचकर भाग निकलीं, लेकिन एक महिला को पकड़कर लेपर्ड जंगल में ले गया। जब महिला को ढूंढा गया तो उसका धड़ और सिर अलग-अलग मिले। लेपर्ड के बढ़ते हमले और महिला की मौत से गुस्साए ग्रामीणों ने उदयपुर-अहमदाबाद नेशनल हाईवे जाम कर दिया।

हाईवे पर शव रखकर प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों ने 51 लाख रुपए मुआवजे और लेपर्ड को गोली मारने की मांग की। घटना रविवार सुबह 8 बजे झाड़ोल थाना इलाके की है। मौके पर पर 3 थानों की पुलिस मौजूद रही। साथ ही झाड़ोल एसडीएम मणिलाल और झाड़ोल डिप्टी महावीर सिंह शेखावत ग्रामीणों से समझाइश की । डीएफओ मुकेश सैनी और एसडीएम मणिलाल तिरगर सहित अन्य अधिकारियों की ग्रामीणों के साथ चली एक घंटे वार्ता के बाद माहोल शांत हो गया है। 

मृतका के परिजनों को विभिन्न सरकारी योजना से 10 लाख रुपए का मुआवजा और परिवार के दो सदस्य को वन विभाग की नर्सरी में मजदूरी का काम देने का आश्वासन दिया। सुबह 10.30 बजे से बाधित नेशनल हाइवे 58 E शाम 4 बजे खुला।

गर्दन से घसीटकर ले गया लेपर्ड

झाड़ोल थानाधिकारी रामनिवास ने बताया कि लेपर्ड के हमले में मीराबाई (40) की मौत हुई है। मीराबाई सहित दो अन्य महिलाएं नेशनल हाईवे 58 E के पास पहाड़ी पर लकड़ियां इकठ्ठा करने गई थीं।  तभी यहां घात लगाकर बैठे लेपर्ड ने हमला कर दिया अन्य दो महिलाओं ने शोर मचाकर उसे भगाने की कोशिश भी की, लेकिन लेपर्ड मीराबाई को गर्दन से दबोच कर जंगल की ओर ले गया। सर्च के दौरान मीराबाई का शव पहाड़ी के दूसरी ओर जंगल में डेढ़ किमी अंदर नजर आया। मीराबाई के परिवार में पति और दो बच्चे हैं।

आपको बता दे कि 30 मई को राजसमंद के देलवाड़ा इलाके में लेपर्ड ढाई साल के मासूम को खा गया था। 23 जून को उदयपुर के झाड़ोल में महुआ बीनने गए लक्ष्मीलाल (55) पर लेपर्ड ने हमला कर मार डाला था। 29 जून राजसमंद के राजनगर में पैदल जा रहे मजदूर रण सिंह को लेपर्ड ने मार डाला था।

16 अगस्त को उदयपुर के फलासिया में स्कूल जा रहे 10 साल के बच्चे को लेपर्ड ने मार डाला था। 26 अगस्त को राजसमंद के राजनगर बकरियां चराने गई रकमा भील (35) को भतीजी के सामने जबड़े में दबोच कर ले गया था। 8 सितंबर को लकड़ियां इकठ्ठा करने गई मीराबाई (40) को लेपर्ड गर्दन से घसीट कर ले गया।

डीएफओ मुकेश सैनी और एसडीएम मणिलाल तिरगर सहित अन्य अधिकारियों की ग्रामीणों के साथ चली एक घंटे वार्ता के बाद माहोल शांत हो गया है। 

मृतका के परिजनों को विभिन्न सरकारी योजना से 10 लाख रुपए का मुआवजा और परिवार के दो सदस्य को वन विभाग की नर्सरी में मजदूरी का काम देने का आश्वासन दिया। सुबह 10.30 बजे से बाधित नेशनल हाइवे शाम 4 बजे खुला।