सीएमएचओ डॉ दिनेश खराड़ी होंगे राज्य स्तर पर सम्मानित
प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान कार्यक्रम के अंतर्गत मिलेगा विशिष्ट अवार्ड
उदयपुर, 24 मार्च. जिले का चिकित्सा एवम् स्वास्थ्य विभाग सीएमएचओ डॉ दिनेश खराड़ी के नेतृत्व में नित नए मुकाम हासिल कर रहा है। हाल ही में विभाग द्वारा टीबी उन्मूलन को लेकर किए उत्कृष्ट कार्य को राज्य स्तर पर सम्मान मिलने के बाद अब विभाग ने एक और गौरव हासिल किया है। गर्भवती महिलाओ की प्रसव पूर्व जांच हेतु संचालित प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान कार्यक्रम के अंतर्गत निर्धारित मानकों में दो मानकों पर जिले ने दूसरे स्थान पर रहते हुए ये गौरव हासिल किया है।
प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान कार्यक्रम के अंतर्गत स्वास्थ्य केंद्रों पर आयोजित किए जाने वाले सत्रों में निर्धारित लक्ष्य के विरुद्ध 81% सत्र आयोजित कर जिले ने राज्य में दूसरा स्थान अर्जित किया है। इसी प्रकार जिले के भबराना प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ने भी 1366 महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच कर प्रदेश में द्वितीय स्थान प्राप्त किया है। जिले द्वारा किए गए इस उत्कृष्ट कार्य की बदौलत सीएमएचओ डॉ दिनेश खराड़ी को 29 मार्च को स्वास्थ्य भवन जयपुर में आयोजित कार्यक्रम में आई प्लेज फॉर नाइन अचीवर अवार्ड के अंतर्गत विशिष्ट अवार्ड से सम्मानित किया जा रहा है। इसके साथ ही भबराना पीएचसी प्रभारी को भी इस कार्यक्रम के अंतर्गत संस्था द्वारा किए गए उत्कृष्ट कार्य हेतु टीम अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा।
ज़िले के चिकित्सा महकमे को मिलने वाले इस सम्मान पर जिला कलेक्टर श्री ताराचंद मीणा ने सीएमएचओ डॉ दिनेश खराड़ी के साथ साथ जिले की पूरी मेडिकल टीम को बधाई दी है। उन्होंने कहा की जिले के लिए ये गौरव की बात है की ग्रामीण इलाको में सुरक्षित एवम् संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने हेतु जुटी मेडिकल टीम के कार्य को राज्य स्तर पर सराहा जा रहा है।
फ्लैगशिप योजनाओं के क्रियान्वन में प्रगति भी सराहनीय
मुख्य चिकित्सा एवम् स्वास्थ्य अधिकारी डॉ दिनेश खराड़ी ने बताया की सुरक्षित प्रसव एवम् मातृ व शिशु मृत्यु को कम करने के लिए हर माह की 9 तारीख को आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में स्त्री रोग विशेषज्ञ द्वारा गर्भवती महिलाओ की प्रसव पूर्व नियमित समय अंतराल में 4 बार एएनसी चैकअप किया जाता है जिसमे एनीमिया, उच्च रक्तचाप, मधुमेह, एचआईवी इत्यादि की जॉच की जाती है ताकि समय रहते उचित उपचार द्वारा मां एवम् बच्चे में होने वाली जटिलताओं को कम किया जा सके।