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पैरों से असमर्थ होते हुए भी विमलेश निशाद ने जीते कई मेडल्स

21 वीं नेशनल स्विमिंग
 

उदयपुर 26 मार्च 2022 । नारायण सेवा संस्थान व पीसीआई के सांझे में चल रही 21 वीं नेशनल स्विमिंग में उदयपुर आए प्रयागराज (उत्तरप्रदेश) निवासी विमलेश निशाद (36 वर्ष) जन्म से ही दोनों पैरों से चलने में असमर्थ है, चलने के लिए हाथों का इस्तेमाल करते है। निराशा की बादल उनके जीवन में हर रोज ही बरसते थे.... कभी समाज के तानों के रूप में तो कभी किसी और रूप में। लेकिन कुछ कर गुजरने का जज्बा हमेशा से दिल में लिए हुए थे। 

नारायण सेवा संस्थान इनके जज्बे की कद्र करता हैं और इन्हें अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर गोल्ड मेडल जितवाने के लिए इनका मार्गदर्शन करेगा। गांव से ही यमुना नदी निकलती है जिसमें तैरकर हर रोज स्कूल जाते थे। तैराकी तो बचपन में ही सीख ली थी लेकिन कभी पैरालंपिक प्रतियोगिता के बारे में नही सोचा। एक दिन एक कोच के संपर्क मे आए तो उनसे अत्यधिक प्रभावित हुए। उस कोच के प्रशिक्षण में 6 वर्षों तक पैरा तैराकी का कठौर परिश्रम किया । आखिरकार ईश्वर ने उनकी झोली में भी खुशियां डाली।  

2009 में कोलकाता में 50 मीटर पैरा-स्विमिंग में हिस्सा लिया और पहले ही प्रयास में सिल्वर मेडल जीत लिया। जीत की खुशी ने इतना ज्यादा मोटिवेट किया कि पैरा स्विमिंग में ही अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर गोल्ड मेडल्स जीतने का दृढ़ निश्चय कर लिया। अब तक राज्य स्तरीय पैरा -स्विमिंग प्रतियोगिता में कुल 11 (सिल्वर और कांस्य) पदक जीत चुके है।