×

उदयपुर के अनुराग बाबेल का IFS में चयन

परिवार में खुशी की लहर, बधाई देने वालों का लगा तांता

 

उदयपुर, 10 मई 2024। उदयपुर के अनुरोग बाबेल पुत्र रमेश-सरोज बाबेल का Indian Forest Service (IFS) इंडियन फॉरेस्ट सर्विस में चयन हुआ है। उनकी ऑल इंडिया में 55वीं रेंक आई है। इस बारे में खबर मिलते ही घर और परिवारजनों में खुशी की लहर दौड़ गई और बधाइयां देने वालों का तांता लग गया। 

अनुराग अभी बेंगलूरू में हैं व एक कंपनी में जॉब कर रहे हैं। अनुराग पिछले तीन साल से दिल्ली में रह कर IAS की तैयार कर रहे थे। अनुराग ने दो बार 2020 और 2021 में IAS प्रिलिम्स दिया व 2022 में प्रिलिम्स के साथ ही मैन्स क्लियर कर लिखित परीक्षा में शामिल हुए। यहां पर बहुत कम नंबरों से इंटरव्यू से चूक गए। इस बार भी उन्होंने प्रिलिम्स क्लियर किया व इसके साथ ही IFS इंटरव्यू के लिए भी एलिजिबल होते हुए इंटरव्यू क्रेक किया और Indian Forest Service (इंडियन फोरेस्ट सर्विस) के लिए चुने गए। 

मूल रूप से डूंगला चित्तौड़गढ़ निवासी अनुराग बाबेल उदयपुर में सेक्टर-4 में सर्वोत्तम कॉम्प्लेक्स कॉलोनी में रहते हैं। उनके पिता रमेश बाबेल महाराणा भूपाल चिकित्सालय में सीनियर नर्सिंग स्टाफ व मां सरोज बाबेल गृहिणी हैं। अनुराग ने अपनी सफलता का श्रेय कठोर परिश्रम, गुरूजनों का सही मार्गदर्शन और बड़े-बुजुर्गों के आशीर्वाद को दिया है। 

उन्होंने कहा कि कड़ी मेहनत का कोई विकल्प नहीं होता। लगातार प्रयास करने से सफलता अवश्य मिलती हैं, असफलताओं से कभी निराश नहीं होना है व हमेशा सकारात्मक मानसिकता रखते हुए मेहनत करते जाना है। उनका लक्ष्य है IFS बनकर निचले तबके में बड़ी मुश्किल से रोजमर्रा का जीवन जीने वाले लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के प्रयास अपनी ओर से करें। 

अनुराग उदयपुर में दसवीं कक्षा तक गुरू नानक स्कूल सेक्टर-4 में पढे व बारहवीं तक की शिक्षा सेंट्रल एकेडमी स्कूल से प्राप्त की। उसके बाद दयानंद सागर कॉलेज बेंगलूरू से बीटेक कंप्यूटर साइंस में की। बीटेक करने के बाद लगभग 20 महीने तक सिम्फनी टैलेंट कंपनी में जॉब किया।

इस दौरान उन्हें लगा कि सिविल सर्विसेज की तैयार करनी चाहिए ताकि सोसायटी पर बेहतरी का लार्जर इंपेक्ट डालने वाला प्रयास किया जा सके। ऐसे में जॉब को छोड़ कर फरवरी 2020 में सिविल सर्विसेज की तैयारी करने दिल्ली चले गए। मगर वहां जाते ही कोविड महामारी के कारण लॉकडाउन लग गया। पहला अटेम्प्ट एक साल बाद देने का मन था मगर कोविड के कारण एगजाम की डेट लगातार तीन बार आगे बढ़ गई। पहले प्रयास में सलेक्शन नहीं हुआ। उसके पांच महीने बाद दूसरा अटेम्प्ट में प्रिलिम्स क्लियर किया। तीसरे प्रयास में मैन्स तक पहुंचा। अच्छा स्कोर था मगर इंटरव्यू कॉल नहीं आया। चौथे प्रयास में 2023 में फिर एग्जाम दिया और यहां प्रिलिम्स में कटऑफ से अधिक मॉर्क्स आने पर फोरेस्ट के कटऑफ में सलेक्शन हुआ। 

अनुराग ने बताया कि इससे पहले मैं हर बार फॉरेस्ट भरता था मगर प्रिलिम्स में कटऑफ तक नहीं पहुंचने पर वहां तक नहीं पहुंच पाता। इस बार जैसे सपना सच हो गया। मगर मैन्स में केवल दो महीने का समय था व दो नए सब्जेक्ट पढ़ने थे। फॉरेस्ट्री और जियोलॉजी। दिल्ली में हम पांच जनों के ग्रुप ने साथ मिलकर पढ़ाई की व जी-जान लगा दी। सब्जेक्ट को बांट कर बारीकी से पढ़ा।  उससे काफी हैल्प भी मिल गई। सिविल्स वाला जीएस का पेपर कॉमन मिल गया व अन्य सब्जेक्ट भी काम आ गए। उसके बाद मेरा मैन्स में सलेक्शन हो गया। इंटरव्यू से पहले लगा था कि काफी समय हो गया है तो अब कहीं पर जॉब कर लेनी चाहिए। एक से डेढ़ महीने आईटी में आने की तैयारी की और वापस नौकरी ज्वाइन कर ली। उस दौरान तैयारी जारी रखी। कुछ मॉक इंटरव्यू भी दिए व पुराने वर्षों के मॉक इंटरव्यू देखे। आईएफएस के लिए मेरा इटरव्यू सुमन शर्मा बोर्ड में था। रेड सी और इटरनेशनल रिलेशन आदि के बारे में सवाल पूछे गए। रेफरेंस के लिए टाइम्स ऑफ इंडिया और द हिन्दू को प्रिफर करता हूं।

यह पुस्तकें रही सहयोगी

प्रिलिम्स में लक्ष्मीकांत की पॉलिटी, स्पेक्ट्रम की मॉर्डन हिस्ट्री, एनवायरमेंट के लिए एनसीआरटी और शंकर, करेंट अफेयर्स के लिए न्यूजपेपर और विजन एकेडमी की मंथली मैग्जीन, इकॉनोमी व अन्य के लिए राउ के ऑनलाइन मेटेरियरल और एनसीईआरटी। मैन्स में हैंड रिटर्न नोट्स का सहयोग रहा।