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उदयपुर की अरवा तुर्रा पहली भारतीय महिला जिसने FAA से किया मास्टर्स

इटली में बनाई पारंपरिक चाय केतली आर्ट
 

उदयपुर 23 अगस्त 2024। शहर की बहुआयामी कलाकार अरवा तुर्रा ने इटली कि फ्लोरेंस एकेडमी ऑफ़ आर्ट्स (Florence academy of Arts) से मास्टर्स इन स्टूडियो आर्ट्स पूरा किया है। यह पहली बार है जब किसी भारतीय महिला ने इस स्कुल से मास्टर्स किया है। 

अरवा ने बताया कि उन्होंने अपनी पेंटिंग में रूरल इंडिया कि पहचान को सामने लाने के लिए पारंपरिक चाय कि केतली को चुना। केतली को हु-ब-हू बनाने के लिए उदयपुर से चाय कि केतली मंगवाई और आयल पेंट से इसको बनाया। पेंटिंग में पत्तियों को भी दर्शाया गया है, जो तुलसी की पत्तियों का भी प्रतीक हैं, बैकग्राउंड में दक्षिण भारत में लेपाक्षी मंदिर की दीवारों पर पाई जाने वाली लेपाक्षी पेंटिंग नामक प्राचीन भारतीय पेंटिंग की है। 

अरवा ने बताया कि उनकी मास्टर्स कि पढाई कि शुरुआत कोविड काल में हुई थी ऐसे में पहला साल घर से ही पढाई कि जब वो श्रीलंका रहती थी। उसके बाद दुसरे साल फ्लोरेंस एकेडमी ऑफ़ आर्ट्स कि अमेरिका के न्यू जर्सी ब्रांच से 1 साल कि पढाई कि और आखिरी तीसरे साल फ्लोरेंस इटली से अपनी पढाई पूरी की है। 

अरवा के अलावा मास्टर्स में अमेरिका, यूरोप,साउथ ,अफ्रीका सहित अन्य देशो से भी स्टूडेंट्स थे। यहाँ उन्हें यहाँ मोर्डेन या कंटेम्पररी आर्ट के बजाय 16 वीं, 17 वीं शताब्दी के आर्टिस्ट द्वारा कि जाने वाली क्लासिकल आर्ट को बनाना था। अरवा ने इसके लिए चाय कि केटली को चुना चूँकि चाय हर भारतीय की जीवनशैली में एक बहुत ही आवश्यक पेय है और रूरल इंडिया कि पहचान को भी दर्शाती है।