'भारत सुरक्षा यन्त्र' एक टच रहित मेटल डिक्टेटर है जो 05 फ़ीट की दूरी से ही शरीर का तापमान पढ़ लेता है यदि शरीर का तापमान 99 फॉरेनहाइट से जयादा है तो उसी व्यक्ति का कोरोना टेस्ट किया जाता है। इससे जांच केंद्र पर होने वाली अनावश्यक भीड़ से बचने के साथ साथ सोशल डिस्टंटिंग का काम यन्त्र खुद ब खुद करता है साथ ही साथ डॉक्टर का अनावश्यक समय ख़राब नहीं होता है। इस प्रकार डॉक्टर, नर्स, सुरक्षाकर्मी व कोरोना वारियर्स कोई भी सस्पेक्ट के संपर्क में नहीं आता है। इस यन्त्र की सबसे खास बात है कि इसको बनाने में बहुत मामूली खर्च आता है।
उदयपुर 22 अप्रैल 2020 । विश्वव्यापी महामारी कोरोना के संकट को दूर करने के लिए सभी लोग अपना कुछ न कुछ योगदान दे रहे है। कोई तकनीकी रूप से तो कोई आर्थिक रूप से तो कोई मानवीय रूप से इस देश व समाज का भला कर रहे हैं। गिट्स भी आर्थिक एवं तकनीकी रूप से इस योगदान में पीछे नहीं है।
वैश्विक महामारी कोरोना से उतप्न्न समस्याओ से लड़ने के लिए भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय एवं अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद् नई दिल्ली की ओर से आयोजित प्रतियोगिता 'समाधान' में 14 अप्रैल तक सुझाव मांगे गए थे। जिसके परिणामो की घोषणा मानव संसाधन विकास मंत्रालय की इनोवेशन सेल पर की गयी।
संस्थान के निदेशक डॉ विकास मिश्र ने बताया कि गीतांजली इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्निकल स्टडीज एवं लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी पंजाब के संयुक्त तत्वाधान में बने विश्वव्यापी महामारी कोरोना से लड़ने की तकनीकी 'भारत सुरक्षा यन्त्र' एक टच रहित मेटल डिक्टेटर है जो 05 फ़ीट की दूरी से ही शरीर का तापमान पढ़ लेता है यदि शरीर का तापमान 99 फॉरेनहाइट से जयादा है तो उसी व्यक्ति का कोरोना टेस्ट किया जाता है। इससे जांच केंद्र पर होने वाली अनावश्यक भीड़ से बचने के साथ साथ सोशल डिस्टंटिंग का काम यन्त्र खुद ब खुद करता है साथ ही साथ डॉक्टर का अनावश्यक समय ख़राब नहीं होता है। इस प्रकार डॉक्टर, नर्स, सुरक्षाकर्मी व कोरोना वारियर्स कोई भी सस्पेक्ट के संपर्क में नहीं आता है। इस यन्त्र की सबसे खास बात है कि इसको बनाने में बहुत मामूली खर्च आता है।
संसथान के वित्त नियंत्रक बी एल जांगिड़ के अनुसार इस यन्त्र को एल पी यू के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ अजय श्रीराम कुशवाहा व असिस्टेंट प्रोफेसर गिरीश कुमार के निर्देशन में गिट्स के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग की छात्रा ज्योतिका पंवार व इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के पूर्व छात्र अभय सिंह गहलोत एवं लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी पंजाब के विद्यार्थी मेहुल कंसारा, सुकृति चटर्जी व सिद्धांत श्रीवास्तव ने मिलकर तैयार किया है।