अर्थ के डॉ. अरविंदर सिंह का NLU बेंगलुरु में चयन
शिक्षा, प्रबंधन और न्याय का अनोखा संगम
उदयपुर 11 जून 2025। अर्थ डायग्नोस्टिक के सीईओ डॉ. अरविंदर सिंह को भारत के सर्वश्रेष्ठ विधि संस्थानों में से एक, नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी बेंगलुरु में उपभोक्ता कानून संरक्षण (कंस्यूमर प्रोटेक्शन) कार्यक्रम में प्रवेश मिला है। जो की एक अत्यंत गर्व का क्षण है।
डॉ. अरविंदर सिंह के पास पहले से ही सर्वाधिक 168 डिग्री व डिप्लोमा का वर्ल्ड रिकॉर्ड बना हुआ है। यह चयन न केवल उनके व्यक्तिगत शैक्षणिक सफर की उपलब्धि है, बल्कि यह जीवन में आगे बढ़ते रहने के लिए प्रेरणा भी है। इस कोर्स के द्वारा डॉ. अरविंदर सिंह आमजन तथा डॉक्टर्स के कानूनी अधिकारों तथा साथ क्वालिटी सर्विसेज का अध्ययन करने के साथ जागरूकता भी बढ़ाएंगे।
डॉ. अरविंदर सिंह वर्तमान में 59 देशों में मेडिकल लॉ और कम्युनिकेशन कोर्स पढ़ा रहे हैं और विद्यार्थियों को कानून, नैतिकता और संवाद कौशल में सशक्त बना रहे हैं। एनएलयू बेंगलुरु में उनका चयन इस बात का प्रमाण है कि वे सिर्फ विचार नहीं करते, बल्कि सामाजिक बदलाव को क्रियान्वित करने के लिए निरंतर प्रयासरत रहते हैं। उनको अमेरिका के प्रतिष्ठित ऑनलाइन एजुकेशन प्लेटफार्म यूडमी द्वारा प्रीमियम इंस्ट्रक्टर का दर्ज़ा प्राप्त है।
एनएलयू में उनका चयन केवल एक शैक्षणिक उपलब्धि नहीं, बल्कि एक व्यापक उद्देश्य की पूर्ति की ओर एक मजबूत कदम है। जहां वे उपभोक्ता कानून, चिकित्सक-पेशेंट संबंध और स्वास्थ्य सेवा में जवाबदेही को नए स्तर पर ले जाने की तैयारी में हैं। ऐसे समय में जब चिकित्सा क्षेत्र में कानूनी चुनौतियाँ लगातार बढ़ रही हैं, यह शिक्षा उन्हें नीति निर्माण, शैक्षणिक नवाचार और सामाजिक जागरूकता के हर स्तर पर प्रभावी भूमिका निभाने में सक्षम बनाएगी। शिक्षित भारत की मुहिम में अहम भूमिका निभाते हुए हिंदी माध्यम के विद्यार्थियों को निःशुल्क इंग्लिश कोर्स भी प्रदान कर रहे हैं।
डॉ. अरविंदर सिंह पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल डॉक्टर होने के साथ आईआईएम गोल्ड मेडलिस्ट, ऑक्सफ़ोर्ड तथा हार्वर्ड से विशेषज्ञता प्राप्त कर चुके एकमात्र चिकित्सक हैं। उनके द्वारा लंदन में इंटरनेशनल बोर्ड ऑफ़ एजुकेशनल एक्सीलेंस की स्थापना भी की गयी है जिसका उद्देश्य उच्च शिक्षा तथा ट्रेनिंग्स प्रदान करना है। डॉ. अरविंदर सिंह को ब्रिटिश संसद, ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और टेडक्स जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों से सम्मान मिल चुका है। उनका यह नया शैक्षणिक अध्याय न केवल उनकी बौद्धिक क्षमता का प्रमाण है, बल्कि यह भारत और विश्व भर में स्वास्थ्य सेवा में न्याय और उत्तरदायित्व की नई सोच को जन्म देगा।