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डॉ. गोपीसुंदर बने वाटर बर्ड्स के नए प्रधान संपादक

डॉ. सुंदर भारत के नेचर कंजर्वेशन फाउंडेशन के क्रेन्स एंड वेटलैंड्स प्रोग्राम के वैज्ञानिक हैं

 
आर्द्रभूमि और जल पक्षी संरक्षण में उनके विभिन्न विषयों पर लगभग 50 पत्र प्रकाशित हुए हैं

उदयपुर। इन दिनों उदयपुर में प्रवासरस इंटरनेशनल क्रेन फाउंडेशन व नेचर कंजर्वेशन फाउण्डेशन के पक्षी विज्ञानी डॉ. के.एस.गोपीसुंदर को अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त इंटरनेशनल जर्नल ऑफ वॉटरबर्ड बायोलॉजी के नए प्रधान संपादक के रूप में नियुक्त किया गया है।

इस संबंध में वाटर बर्ड सोसाइटी ने डॉ. गोपी सुंदर सूचित करते हुए बताया है कि उत्तरी अमेरिका के बाहर पहले प्रधान संपादक के रूप में उनके जुड़ने से जलपक्षी संरक्षण में अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों के साथ अधिक व्यापक रूप से जुड़ने के अवसर प्राप्त होंगे।  

डॉ. सुंदर भारत के नेचर कंजर्वेशन फाउंडेशन के क्रेन्स एंड वेटलैंड्स प्रोग्राम के वैज्ञानिक हैं और आईयूसीएन स्टॉर्क, आइबिस और स्पूनबिल स्पेशलिस्ट ग्रुप के सह-अध्यक्ष हैं। डॉ. गोपीसुंदर जलपक्षी संरक्षण, परिदृश्य, शहरी और आर्द्रभूमि पारिस्थितिकी के साथ-साथ मानव और वन्यजीव परस्पर क्रियाओं में अनुभव को प्राप्त है और आर्द्रभूमि और जल पक्षी संरक्षण में उनके विभिन्न विषयों पर लगभग 50 पत्र प्रकाशित हुए हैं। 

डॉ. गोपीसुंदर वर्तमान में वाटर बर्ड सोसाइटी काउंसिल के सदस्य होने के साथ ही इंटरनेशनल क्रेन फाउंडेशन के सदस्य भी हैं। डॉ. गोपीसुंदर की नियुक्ति से समूचे मेवाड़ के साथ देश प्रदेश के पर्यावरण प्रेमियों में हर्ष व्याप्त है।