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उदयपुर के डॉ. मेहरा को मिला ‘क्रिस फ्रीमेन विशिष्ट वैज्ञानिक सम्मान’

विगत 23 वर्षो से डॉ. मेहरा पर्यावरण विज्ञान के वैज्ञानिक शोध कार्यों से आम जन व युवाओं को अपनी रूचि के अनुसार जोड़ते हुए संरक्षण क्षेत्र में अपना योगदान दे रहे हैं।

 
डॉ. मेहरा को उच्च शिक्षा के क्षेत्र में कार्यरत अन्तर्राष्ट्रीय बहु-विषयक शोध प्रतिष्ठान द्वारा मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र की 75वीं वर्षगांठ पर आयोजित गुणवत्ता शिक्षा’ लक्ष्य पर आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय वेबिनार में यह सम्मान ऑनलाईन प्रदान किया गया।

उदयपुर 15 दिसंबर 2020। राजपूताना सोसायटी ऑफ नेचुरल हिस्ट्री के सलाहकार उदयपुर निवासी प्रसिद्ध पर्यावरण व पक्षी वैज्ञानिक डॉ. सत्य प्रकाश मेहरा को पर्यावरण विज्ञान के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान हेतु अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के ‘क्रिस फ्रीमेन विशिष्ट वैज्ञानिक पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

डॉ. मेहरा को उच्च शिक्षा के क्षेत्र में कार्यरत अन्तर्राष्ट्रीय बहु-विषयक शोध प्रतिष्ठान द्वारा मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र की 75वीं वर्षगांठ पर आयोजित गुणवत्ता शिक्षा’ लक्ष्य पर आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय वेबिनार में यह सम्मान ऑनलाईन प्रदान किया गया।

इन उपलब्धियों के लिए मिला सम्मान:

विगत 23 वर्षो से डॉ. मेहरा पर्यावरण विज्ञान के वैज्ञानिक शोध कार्यों से आम जन व युवाओं को अपनी रूचि के अनुसार जोड़ते हुए संरक्षण क्षेत्र में अपना योगदान दे रहे हैं। डॉ. मेहरा का जुड़ाव भारत की प्रमुख संरक्षण संस्थाओं से रहा है तथा इन्होंने परामर्शक के रूप में विश्व बैंक की पर्यावरण सम्बन्धी अन्तर्राष्ट्रीय प्रयोजनाओं में सेवाऐं भी दी है। 

वर्तमान में राजपूताना सोसायटी ऑफ नेचुरल हिस्ट्री के सलाहकार के साथ ही अग्रवाल कन्या महाविद्यालय गंगापुर सिटी के प्राचार्य के रूप में सतत् विकास लक्ष्यों को ध्यान रखकर युवाओं को औेपचारिक एवं अनौपचारिक शिक्षा के माध्यम से अनेक नवाचार कर शिक्षा के विकास तथा प्रकृति संरक्षण से जोड़ रहे हैं।

इन्होंने संरक्षण कार्यो से आमजन को जोड़कर सतत् जीविकोपार्जन हेतु अनेक क्षेत्र-विशिष्ट मॉडल का निर्माण किया है। इसके तहत आवासीय एवं प्रजाति विविधता के संरक्षण कार्यो से स्थानीय व्यक्ति को रोजगार से जोड़ा गया है। आबू पर्वत की ग्रीन मुनिया हो या केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान के बाहर की आवासीय विविधता हो, सामान्य जन को इनके सरलीकृत शोध कार्यो से संरक्षण की दिशा में कार्य करने हेतु प्रेरित किया जाता है। 

डॉ. मेहरा को पर्यावरण संरक्षण हेतु पूर्व में भी अनेक पुरस्कारों द्वारा सम्मानित किया जा चुका है एवं इनके द्वारा प्रस्तुत संस्तुतियों को नीति निर्धारकों द्वारा स्थानीय रोजगार के विकास हेतु उपयोग में लिया गया है।