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न्यूज पेपर एजेंट का पुत्र फरदीन बना डॉक्टर

कठिन मेहनत व दृढ़ संकल्प से मिली सफलता

 

उन्होंने अपनी इस कामयाबी में सबसे बड़ा हाथ माता-पिता का बताया, जिन्होंने अपनी सीमित आय और तमाम तरह के अभावों के बीच कठिन रास्तों से गुजरते 5 साल अपने पुत्र को प्रशिक्षण दिलवाया।

उदयपुर। मूलतः भलवाड़ा निवासी फरदीन खान ने उदयपुर के आरएनटी मेडीकल काॅलेज से मात्र 21 वर्ष की उम्र एमबीबीएस की डिग्री हासिल कर कम उम्र में डाॅक्टर बनने का दर्जा प्राप्त किया।

फरदीन के पिताजी मोहम्मद फैयाज खान भीलवाड़ा में न्युूज पेपर एजेन्ट है जिन्होंने अपने पुत्र की मेडीकल काॅलेज की पढाई को लेकर मन में दृढ़ संकल्प को पूरा करने में सहयोग किया और फरदीन ने भी अपने पिताजी की मेहनत को जाया नहीं होने दिया और अंततः उन शब्दों को साकार कर दिया जिसमें कहा जाता है कि यदि मन में दृढ़ संकल्प और इरादे मजबूत तो जिंदगी में कोई बाधा आपको आगे बढ़ने से नहीं रोक सकती।  

फरदीन ने बताया कि शुरूआत में उन्हें 5 साल की ट्रेनिंग और भीलवाड़ा से उदयपुर जाने का क्रम पहाड़ जैसा लग रहा था लेकिन जब नीट पास करके ट्रेनिंग का नंबर आया तो मन में डॉक्टर बनने की उमंग ने जीवन में ऐसी तरंग भर दी कि देखते ही देखते 5 साल गुजर गए और आज एमबीबीएस की डिग्री ने उनकी जिंदगी बदल दी। 

उन्होंने बताया कि उन्होंने इस दौरान ना कोई ट्यूशन ना कोई कोचिंग क्लासेस ज्वाॅइन की। जीवन में बस पढ़ाई -लिखाई के सिवाय कोई मकसद नहीं था। मन में बस एक ही संकल्प था कि  जीवन में डॉक्टर बनकर पीड़ित मानवता की सेवा करनी है। फरदीन का यह सपना तब पूरा हुआ जब उसे यह खबर लगी कि उसका फाइनल ईयर फर्स्ट डिवीजन से पास किया। 

उन्होंने अपनी इस कामयाबी में सबसे बड़ा हाथ माता-पिता का बताया, जिन्होंने अपनी सीमित आय और तमाम तरह के अभावों के बीच कठिन रास्तों से गुजरते 5 साल अपने पुत्र को प्रशिक्षण दिलवाया। इस बीच तीन बड़ी बहने आफरीन,फरीन और नसरीन ने फरदीन को आगे बढ़ने और पढ़ने के लिए हमेशा प्रेरित किया तीन बहनों का सबसे छोटा इकलौता भाई फरदीन ने अपनी इस कामयाबी का श्रेय अपने माता पिता के साथ सुभाष नगर भीलवाड़ा स्थित आलोक विद्यालय के संस्थापक गोवर्धन भट्ट को दिया। जिन्होंने पढ़ाई के प्रारंभिक काल में उसे शिक्षा का महत्व बताया और पढ़ाई के लिए प्रेरित किया।