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देश ही नहीं विदेश में भी मुरीद है लेकसिटी के कलाकार एम ए हुसैन के

सफल होने के लिए किसी उस्ताद की जरुरत नहीं होती केवल मेहनत चाहिए, मेहनत से किया गया काम कयामत तक जिंदा रहता है- आर्टिस्ट एम.ए. हुसैन

 

लेकसिटी के नाम से मशहूर उदयपुर यहां की झीलों और भव्य इमारतों के कारण से ही नहीं जाना जाता है। बल्कि यहां की मिट्टी में उम्दा कलाकार भी जन्म लेते है। इन कलाकार की बदौलत ही स्थान विशेष का नाम देश व दुनिया में शुमार होता है। यह पढ़कर आप भी हैरान होंगे। कि ऐसा कौनसा कलाकार है जिसने कतर तक अपनी कलाकारी की छाप छोड़ दी है। 

जी हां तो हम बात कर रहे है उदयपुर शहर के एक कलाकार ऐसा भी है जिनके हाथ की जादुई कलाकारी के मुरीद दुबई तक है। दरअसल इन कलाकार के हाथ कैनवास पर इतनी तेजी से चलते है कि वो आसानी से किसी की भी पोट्रेट तैयार कर देते है। इस अदभुत शख्सियत का नाम उदयपुर के आर्टिस्ट एम.ए. हुसैन है। उदयपुर के आर्टिस्ट एम.ए.हुसैन की पेंटिंग इस साल दुबई में सबसे महंगी पेंटिंग्स में अपनी जगह बनाने में कामयाब हुई।

दुबई के इंडियन कॉन्स्युलेट स्थित यूएई टॉलरेंस वीक - 2021 के तहत डॉ. रोमित पुरोहित और पेंट ब्रश आर्ट कम्युनिटी की संस्थापक व सीईओ सोनल पुरोहित द्वारा आयोजित इंद्रधनुष एंड इंटरनेशनल ग्रुप ऑफ़ आर्ट एग्जिबिशन एंड वर्क शॉप में उदयपुर के आर्टिस्ट एम.ए. हुसैन की पेंटिंग इस साल दुबई में बिकी सबसे महंगी पेंटिंग्स में अपनी जगह बनाने में कामयाब हुई।

पेंटिंग का शौक बचपन से रहा 

उदयपुर टाइम्स से बात करते हुए कलाकार एम.ए. हुसैन ने बताया कि कला का शौक उन्हें बचपन से ही था। जब वह 10 साल की उम्र के थे तब से ही वह ताजियों की जालियां डिजाइन किया करते थे। सिर्फ पेंटिंग्स ही नहीं स्पोर्ट्स में भी वह नेशनल लेवल स्तर के फुटबॉलर रह चुके है। राजस्थान पुलिस की सीआईडी शाखा में अपने सेवाए देते हुए वह 1987 से 1992 में एयरपोर्ट सिक्योरिटी की टीम में रहे। यही नहीं पुलिस की सेवाओं में रहते वह कई वीआईपी और राजीव गाँधी से लेकर नरेंद्र मोदी जैसे वीवीआईपी की सुरक्षा में तैनात रह चुके है।

एम.ए. हुसैन की पेंटिग्स वुमन एम्पावरमेंट, अरेबिक केलीग्राफी, एबसट्रेक्ट, म्यूजिशियन पर बनाई गई है। वह अपना आइडियल विश्व प्रसिद्द पेंटर एम.एफ. हुसैन को मानते है। जब उनसे कहा गया कि आप सफलता को किस रुप में देखते है तो उन्होंने बड़ी आसानी से जवाब दिया कि आपका अख़लाक ही आपकी पहचान है। क्योंकि अख़लाक अंहकार को खत्म कर देता है। जब आप सफलता प्राप्त कर लेते है तो आप में अंहकार आ जाता है। लेकिन इस अंहकार में ही आपकी सबसे बड़ी असफलता छुपी होती है। उन्होंने कहा कि आज का युग जल्दी से जल्दी मंज़िल को पाना चाहता है। लेकिन सफलता तभी प्राप्त होगी जब वह मेहनत करे। उसे किसी उस्ताद की जरुरत नहीं होगी।

 

उन्होंने बताया की मेहनत से किया गया काम कयामत तक जिंदा रहता है। उन्होंने कहा कि एक प्रिंट या फोटो ज़्यादा देर तक नहीं चलती है लेकिन एक पेन्टिंग कई सदियों तक लोगों के ज़हन में जिंदा रहती है। एम.ए. हुसैन ने कहा कि कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता। आज के युवाओ को सबसे ज्यादा मेहनत करने की जरुरत है। आज कल के दौर में जो पेंन्टिंग बनाई जा रही है। वो पेंन्टिंगस टेम्परेरी होती है। पेन्टिंग तो ऐसी होनी चाहिए जो आपको सोचने पर मजबूर कर दें कि एक कलकार द्वारा क्या प्रदर्शित किया गया है।