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वल्लभ नगर से हमेशा जुड़ी रहेगी यादें

अपनी स्कूली शिक्षा उदयपुर शहर के सेंटपॉल से की थी। साथ ही सुखाड़िया यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया था।  गजेन्द्र सिंह शक्तावत का क्रिकेट से बेहद लगाव रहा है। और वह एक पूर्व क्रिकेटर भी रह चुके थे

 
विधायक गजेंद्र सिंह शक्तावत को इलाज के दौरान ही कोरोना संक्रमण भी हो गया था, लेकिन उन्हाेंने कोरोना को हरा दिया था, उनकी कोरोना जांच रिपोर्ट निगेटिव आ गई थी। लेकिन, निधन के बाद उनके पार्थिव शरीर की जांच की गई तो वह पॉजिटिव मिले। अब उनका अंतिम संस्कार कोरोना प्रोटोकॉल के तहत होगा।

उदयपुर के वल्लभनगर से विधायक गजेंद्र सिंह शक्तावत का दिल्ली में सुबह 5 बजे निधन हो गया। 48 वर्ष के शक्तावत ILBS  अस्पताल में भर्ती थे। विधायक गजेंद्र सिंह की वल्लभनगर से कई यादें जुड़ी हुई है। वहां के लोग उनके काम और व्यवहार को कभी नहीं भूलेगें। 

विधायक गजेंद्र सिंह शक्तावत के पिता स्वर्गीय गुलाब सिंह शक्तावत कांग्रेस के प्रदेश स्तर के कद्दावर नेता एवं राजस्थान के गृहमंत्री रह चुके है। इस प्रकार राजनीती उन्हें विरासत में मिली।  2006 में पिता के निधन के बाद 2008 में कांग्रेस से चुनाव लड़े और पहली बार वल्लभ नगर के विधायक बने। साल 2013 में वह चुनाव हार गए। वल्लभनगर में काम करते रहने से 2018 में फिर से विधायक बन गए।  वहीं पार्टी ने उन्हें संसदीय सचिव की भी जिम्मेदारी दी थी।

स्वर्गीय गजेंद्र सिंह शक्तावत  उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा उदयपुर शहर के सेंटपॉल से की थी। साथ ही सुखाड़िया यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया था।  गजेन्द्र सिंह शक्तावत का क्रिकेट से बेहद लगाव रहा है। और वह एक पूर्व क्रिकेटर भी रह चुके थे। उन्होंने रणजी ट्रॉफी में सर्विसेज क्रिकेट टीम और रेलवे क्रिकेट टीम के लिए भी खेला था। वह दलीप ट्रॉफी में भी खेले।  

1999-2004 तक अशोक गहलोत सरकार में राजस्थान राज्य खेल परिषद के अध्यक्ष रहे थे। विधायक गजेंद्र सिंह शक्तावत के परिवार में उनकी पत्नी, दो बेटियां, और एक बेटा है। विधायक गजेंद्र सिंह शक्तावत को इलाज के दौरान ही कोरोना संक्रमण भी हो गया था, लेकिन उन्हाेंने कोरोना को हरा दिया था । उनकी कोरोना जांच रिपोर्ट निगेटिव आ गई थी। लेकिन, निधन के बाद उनके पार्थिव शरीर की जांच की गई तो वह पॉजिटिव मिले। अब उनका अंतिम संस्कार कोरोना प्रोटोकॉल के तहत होगा।