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"माँ, मैं तेरा इंतज़ार करूँगी, कभी तो तू मुझे आवाज़ लगाना..."

 
Mother's Day note contributed by Mariam Jawariya Behera.

माँ, तू अगलें जन्म में मेरी माँ बन के आना...

तू चली गई, सब बदल गया...

अब न साँस लेने मे मज़ा आता है, न बात करने मे...

अब न खाने मे वो स्वाद है, न किसी के आने मे...

जो चीज़ अच्छी लगती थी, अब बेमानी लगती है...

अब न गुमने मे वो मज़ा आता है, न थम जाने मे...

अब न जीत मे वो मज़ा आता है, ना हार जाने मे...

अब न जीने मे वो मज़ा है, न मर जाने मे।

Happy Mother’s Day Meri Maa Shireen Jawariya...एक ऐसी इंसान, एक वो सोच, जिसने हार नहीं मानी।

मैंने अपनी माँ को थकते हुए, थमते हुए नहीं, सिर्फ़ भागते हुए देखा है। घर के लिए भागते हुए, बिज़नेस के लिये भागते हुए, मेरे लिए भागते हुए और दुसरो के लिए भागते हुए देखा है। जहां कुछ नहीं था, वहाँ पूरा बिज़नेस सेटअप करते हुए देखा है। जहां एक छोटी सी दर्ज़ी (Tailoring) की दुकान थी, वहाँ दो व्यापारिक प्रतिष्ठान (Shireen Garments & Shireen Enterprises) को बनते हुए देखा।

वो सिर्फ़ ख़ुद नहीं उठी, उसने कितनों को अपने साथ कदम से कदम मिला कर चलना सिखाया और ज़िन्दगी में कुछ कर दिखना सिखाया। कई औरतों को उठाया, काम देकर, काम सिखाकर, प्रोत्साहन देकर, सक्षम बनाकर उठाया। कई संगठन और संस्थानों को सक्षम बनाने मे मदद की शिरीन ने।

जो उसने किया, वो आज भी लोग याद करते है। अवार्ड तो मिला, लेकिन रिवॉर्ड रोल मॉडल का मिला.. एक औरत होते हुए, 30 साल तक बहुत कुछ कर गई और बहुत कुछ सीखा गई। जिस उम्र में लोग घूमते फिरते हैं, उसने बीमार होते हुए भी मेहनत की। और भी कई साल ऐसी मेहनत वह आराम से कर लेती, मगर किडनी की बिमारी से लड़ते लड़ते आखिर हार गई।

कहते है माँ के बाद मासी होती है, जो हर पल साथ है, माँ का एक एहसास बनकर, प्यार बनकर। मेरी एक मासी (Sayeeda Raj) ने माँ को ज़िंदगी दी, अपनी Kidney देकर, तो दूसरी मासी ने माँ को सम्भाल कर रखा।  मेरी इन सब मासियों को जो मेरी माँ हैं, रशीदा, सईदा, ज़ेहरा, बिलकिस, नालिनी बेहैरा, इन सब को हैप्पी मदर्स डे। माँ, मैं तेरा इंतज़ार करूँगी, कभी तो तू मुझे आवाज़ लगाना।

This Mother's Day note was contributed by Mariam Jawariya Behera as a tribute on Mother's Day to her late mother Shireen Jawariya.