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डाक टिकट संग्राहक पुष्पा खमेसरा का नाम गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज

354 देशों के पक्षियों पर 7 हजार से अधिक टिकटों के लिए मिला गौरव

 
श्रीमती खमेसरा ने बताया कि उनके पास दुनियाभर के विभिन्न विषयों के लाखों दुर्लभ व सामान्य टिकटों का संग्रह है।

उदयपुर 7 सितंबर 2021। शहर की ख्यातनाम डाक टिकट संग्रहकर्ता श्रीमती पुष्पा खमेसरा का नाम  गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में सम्मिलित किया गया है। श्रीमती खमेसरा को यह उपलब्धि 354 देशों के पक्षियों पर आधारित 7 हजार 250 डाक टिकटों के विशाल संग्रह को प्रदर्शित करने के विशेष रिकॉर्ड को कायम करने के लिए प्राप्त हुई है।

श्रीमती खमेसरा ने बताया कि उनके पास दुनियाभर के विभिन्न विषयों के लाखों दुर्लभ व सामान्य टिकटों का संग्रह है। इनमें प्रमुख रूप से विश्व की प्रथम डाक टिकट (1840) एवं भारत की प्रथम डाक टिकट (1852), वही स्वतंत्र भारत की 1947 से वर्तमान समय तक डाक विभाग द्वारा निकाली गई विभिन्न डाक टिकट का संग्रह इनके पास है। 

साथ ही स्वतंत्र भारत के पूर्व क्वीन विक्टोरिया, एडवर्ड सब्सम, जार्ज पंचम व षष्टम के शासनकाल की डाक टिकटें, भारतीय रियासत चंबा, ग्वालियर, पटियाला आदि की डाक टिकट, विदेशों में कोरिया, कंबोज, कांगो में भारतीय शांति सेनाओं द्वारा दी जाने वाली सेवाओं के समय उपयोग में आने वाली डाक टिकटें, आजाद हिंद फौज की डाक टिकटें फूलों और तितलियों, खेलकूद, जीव जंतु व पक्षियों पर ही 14 हजार टिकटों का विशाल संग्रह है।

उनके द्वारा संग्रहित टिकट इतिहास, प्रमुख व्यक्तियों, राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय घटनाओं, भूगोल, पादप, जंतु जगत, कृषि विज्ञान, स्मारक, सैनिक, योद्धा, वैज्ञानिक, अस्त्र-शस्त्र, परिवहन आदि की रोचक जानकारियां उपलब्ध कराती है। श्रीमती खमेसरा ने बताया कि उनके इस संग्रह में उनके पति रवि खमेसरा व पुत्र प्रशांत खमेसरा का भी विशेष योगदान है। उन्होंने विभिन्न शहरों में इन डाक टिकटों की प्रदर्शनी लगाकर एक विशिष्ट पहचान बनाई है।