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देखे वीडियो - लेकसिटी के युवक ने अहमदाबाद मे डूबते बालक की जान बचाई 

लेकसिटी के कयाकिंग केनाइंग कोच निश्चय सिंह चौहान ने अहमदाबाद के रिवर फ्रंट में डूब रहे लड़के को बचाया

 

आत्महत्या के प्रयास में कूदा था बालक 

एक कहावत है की 'डूबते हुए को तिनके का सहारा'  जब कोई व्यक्ति या जानवर किसी नदी या तालाब में गिर जाता है। तब वह उस पल अपनी जान बचाने के लिए सोचता है कि काश मुझे भी कोई एक सहारा मिल जाए, और इस बीच उसे ऐसा कुछ मिल जाता है जो उसके लिए बहुत फायदेमंद और सहारा बन जाता है। 

लेकसिटी के कयाकिंग केनाइंग कोच निश्चय सिंह चौहान ने कहावत को चरितार्थ करते अहमदाबाद (गुजरात) के रिवर फ्रंट नहर में नाबालिग लड़के की जान बचाई गई जो आत्महत्या के लिए पानी में कूद गया था लेकिन सही समय पर उसने बचा लिया वह अब सुरक्षित हैं ।

वीडियो में आप देख सकते है कैसे एक डूबते हुए इंसान क़ो एक तिनके का सहारा मिल गया।

दरअसल कोच निश्चय सिंह चौहान गाँधी नगर में स्थित स्वर्णिम गुजरात यूनिवर्सिटी के तत्वाधान में एक वाटर स्पोर्ट्स कायाकिंग एवं कैनोइंग खेल जो एक बोट रेस का खेल होता हैं उसी खेल का शिविर का आयोजन अहमदाबाद के रिवर फ्रंट नहर में किया गया था। उस शिविर में भाग लेने के लिए व गुजरात में वाटर स्पोर्ट्स क़ो प्रमोशन देने के लिए उन्हें एक प्रशिक्षक के रूप में निमंत्रण दिया गया था। 

कोच निश्चय सिंह चौहान ने बताया की "इसी बीच ज़ब मैं खिलाड़ियों क़ो प्रशिक्षण देते समय बोट के माध्यम से वहा प्रशिक्षण दें रहा था। तभी मुझसे लगभग 25 मीटर दूर एक 17 वर्षीय बालक पानी में डूबता हुआ दिखा, जो आत्महत्या के प्रयास से नहर में सरदार पूल से नीचे कूद गया और डूबनें लगा। इसी बीच मैं जल्द से जल्द नौका क़ो स्वयं चला कर उस बालक के पास समय पर पहुंच गया जहा उस बालक नें मुझे हड़बड़ी मैं इतना जकड लिया और मुझे थोड़ी बहुत चोट भी लगी।"  

Coach Nishchay Singh Chouhan

निश्चय सिंह चौहान और जिस बोट क़ो चला कर उस बालक तक पंहुचा, वो बोट एक रेसिंग बोट होती हैं जिसमे आम इंसान 5 सेकंड के लिए भी नहीं बैठ सकता हैं वह अनियंत्रित बोट होती हैं जिसमे बैठ के शरीर का संतुलन बनाना भी काफ़ी कठिन होता हैं। उसके बाद भी उसने उस बोट पर अपना नियंत्रण किया संतुलन बनाया। उसने ठान ली थी कि उस बालक की जान क़ो बचाना हैं। और उस बालक क़ो सही समय पर नौका के माध्यम से पानी से बाहर निकाल लिया।  फ़िलहाल बालक को वहां स्थित अस्पताल में इलाज के लिए भेज दिया गया है और अब वह सुरक्षित हैं और अपने घर परिवार के साथ हैं।