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उदयपुर की नाज़नीन अली को प्रयागराज में सुभद्रा कुमारी सम्मान से अलंकृत किया गया

"मेरा वतन मेरी मुहब्बत जान मेरी हिंद है; रहती कहीं भी हूं मगर पहचान मेरी हिंद है" - नाज़नीन अली नाज़

 

प्रयागराज, रविवार 21 नवंबर 2021 को प्रयागराज स्थित हिंदुस्तानी अकादमी में गुफ्तगू साहित्यिक संस्थान द्वारा आयोजित एक भव्य कार्यक्रम "गुफ्तगू साहित्य समारोह 2021" के अंतर्गत देश के प्रमुख साहित्यकारों को सम्मानित किया गया। 

कार्यक्रम में कुवैत में निवासरत उदयपुर की नाज़नीन अली 'नाज़' को हिंदी - उर्दू भाषा एवं साहित्य के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रचार और प्रसार के लिए सुभद्रा कुमारी सम्मान से अलंकृत किया गया। नाज़नीन अली को उनकी लेखनी और विदेश में रहते हुए हिंदुस्तानी संस्कृति की मशाल जलाए रखने के लिए इस सम्मान से सम्मानित किया गया। ज्ञात रहे नाज़नीन अली हिंदी और उर्दू में कविता, गज़ल, नज़्म और कहानी लिखती है।

कार्यक्रम के दौरान हुए मुशायरे में नाज़नीन अली ने अपने तारूफी शेर से अपने देश के प्रति अपनी मोहब्बत का इज़हार कुछ यूं किया 

मेरा वतन मेरी मुहब्बत जान मेरी हिंद है
रहती कहीं भी हूं मगर पहचान मेरी हिंद है 

वहीं अपनी नज़्म कलम से उन्होंने महफ़िल का दिल लूट लिया। इसके अलावा अकबर इलाहाबादी, कुलदीप नैयर, सीमा अपराजिता और कैलाश गौतम सम्मान से भी देश के उत्कृष्ट साहित्यकारों और पत्रकारों को सम्मानित किया गया। 

कार्यक्रम की अध्यक्षता पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी ने की और पुलिस महानिरीक्षक डीआईजी सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। कमरुल हसन सिद्दीकी, मासूम राशिदी, प्रिया श्रीवास्तव सहित देश भर से प्रतिष्ठित साहित्यकारों और वरिष्ठ पत्रकारों की उपस्तिथि में कार्यक्रम संपन्न हुआ।