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उदयपुर की 8 सीटों पर आकलन

जाने किन सीटों पर कांग्रेस भाजपा के बागी और अन्य पार्टियों ने त्रिकोणीय मुकाबले की स्थिति बनाई है

 

उदयपुर 30 नवंबर 2023। प्रदेश में सभी प्रत्याशियों का भाग्य अब ईवीएम में कैद हो  चुका है। आगामी 3 दिसंबर को मतगणना के बाद वास्तविक नतीजे सामने आ जाएंगे। लेकिन इससे पूर्व हम आपको उदयपुर की 8 सीटों के संभावित नतीजों के बारे में जानेंगे कि कौन सी सीटों पर किनके बीच है मुख्य मुकाबला। किन सीटों पर कांग्रेस भाजपा के बागी और अन्य पार्टियों ने त्रिकोणीय मुकाबले की स्थिति बनाई है। 

उदयपुर ज़िले की बात करेंगे यहाँ विधानसभा सात सीट है जिनमे उदयपुर शहर, उदयपुर ग्रामीण, मावली, वल्लभनगर, गोगुन्दा, झाड़ोल और खेरवाड़ा विधानसभा सीट पर जानेंगे स्थिति 

1. उदयपुर शहर विधानसभा सीट 

उदयपुर शहर विधानसभा सीट पर मुख्य मुकाबला भाजपा के ताराचंद जैन और कांग्रेस के गौरव वल्लभ पंत के बीच है।  पिछली बार इस सीट पर भाजपा के गुलाबचंद कटारिया विजयी रहे थे।  इस सीट दोनों ही पार्टी के कोई बागी उम्मीदवार नहीं थे इसलिए मुख्य मुकाबला भाजपा-कांग्रेस के बीच ही रहा है। भाजपा की परम्परागत सेट पर कुल मतदान 66.46% हुआ है। पिछली बार भाजपा ने यह सीट 9307 वोटो से जीती थी। गुलाबचंद कटारिया की अनुपस्थिति में अब यह मुकाबला कांटे का साबित हो रह है।  फिर भी इस सीट का झुकाव अभी भी भाजपा की तरफ ही है। हालाँकि जीत हार का फैसला चंद वोटो से ही होगा।       

इसके अलावा मैदान मे आम आदमी पार्टी से मनोज लबाना, जनता सेना के आशु अग्रवाल, भारत आदिवासी पार्टी से तुलसीराम गमेती, बहुजन मुक्ति पार्टी से नर्बदा भाटी कुंदन, इंडियन पीपुल्स ग्रीन पार्टी से भूरीसिंह,  बहुजन मुक्ति पार्टी से नर्बदा भाटी कुंदन, इंडियन पीपुल्स ग्रीन पार्टी से भूरीसिंह, डॉ दीपक अग्रवाल, प्रमोदकुमार वर्मा भी मैदान में है। जिनके खाते में कुछ ख़ास नहीं आने वाला है।  हालाँकि कांटे के मुकाबले में इन प्रत्याशियों के हासिल किये गए मत प्रभावित कर सकते है।  

2. उदयपुर ग्रामीण विधानसभा सीट 

अनुसूचित जनजाति के लिए रिज़र्व इस सीट पर भी मुख्य मुकाबला भाजपा कांग्रेस के बीच ही मुख्य मुकाबला है। भाजपा ने यहाँ से वर्तमान विधायक फूल सिंह मीणा को उम्मीदवार बनाया है जबकि कांग्रेस ने विवेक कटारा को उम्मीदवार बनाया है पिछली बार भी मुकाबला इन दोनों के बीच ही हुआ था।  इसके अतिरिक्त यहाँ से बीटीपी के अमित खराड़ी, कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया से गेबीलाल डामोर, निर्दलीय फुला उर्फ फूलचंद एवं शोभालाल गमेती भी मैदान में है। 

इस सीट पर 74.05% मतदान हुआ है। पयनी पिछली बार से करीब 2 फीसदी अधिक। अब यह बढ़ा हुआ मतदान किसके पक्ष में जाएगा यह तो नतीजे ही बताएंगे। फिर भी इस सीट पर भाजपा का पलड़ा भारी है। बीटीपी के अमित खराड़ी ने किसे नुक्सान पहुँचाया है कहना मुश्किल है। 

3. वल्लभनगर विधानसभा सीट 

मेवाड़ की सबसे हॉट सीट यहीं मानी जा रही है। यहाँ जनता सेना की वजह से हमेशा त्रिकोणीय मुकाबला होता रहा है। 2018 के चुनाव में कांग्रेस के गजेंद्र सिंह शक्तावत ने त्रिकोणीय मुकाबले में अपने निकटतम प्रत्याशी जनता सेना के महाराजा रणधीर सिंह भिंडर को हराया था। गजेंद्र सिंह शक्तावत के निधन के बाद 2021 में यहाँ उपचुनाव हुआ था जिनमे चतुष्कोणीय मुकाबला में कांग्रेस की प्रीति गजेंद्र सिंह शक्तावत ने अपने निकटतम प्रत्याशी आरएलपी के उदयलाल डांगी को 20 हज़ार से अधिक मतों से पराजित किया था, जनता सेना के महाराजा रणधीर सिंह भिंडर को तीसरे स्थान पर संतोष करना पड़ा था जबकि भाजपा के हिम्मत सिंह झाला की ज़मानत ज़ब्त हो गई थी। 

इस बार उदयलाल डांगी ने पाला बदलकर भाजपा से टिकट हासिल कर ली है। वहीँ कांग्रेस ने वर्तमान विधायक प्रीति शक्तावत को उम्मीदवार बनाया है जबकि जनता सेना के सुप्रीमो महाराजा रणधीर सिंह भिंडर ने अपनी दीपेंद्र कुंवर को उम्मीदवार बनाया है। इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला हुआ है। हर बार की तरह इस बार भी इस सीट पर मुकाबला रोचक होगा। इस त्रिकोणीय मुकाबले में कांग्रेस का पलड़ा भारी है। बता से इस सीट पर 75 फीसदी मतदान हुआ है।  
 

4. मावली विधानसभा सीट 

इस सीट से कांग्रेस ने पिछली बार के हारे हुए एवं एक बार के विधायक पुष्कर डांगी को फिर से उम्मीदवार बनाया है जबकि भाजपा ने वर्तमान विधायक धर्मनारायण जोशी का टिकट काटकर नए चेहरे केजी पालीवाल को उम्मीदवार बनाया है वहीँ भाजपा से बागी होकर कुलदीप सिंह चुण्डावत ने यहाँ राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी से ताल ठोक दी ऐसे में यहाँ देखना दिलचस्प होगा की कुलदीप सिंह मुकाबले को कितने हद तक प्रभावित करेंगे। इस सीट पर डांगी समाज और क्षत्रिय समाज निर्णायक वोटर है। इस सीट पर ज़िले में सर्वाधिक 79.12% मतदान हुआ है।  इस सीट पर कांगेस का पलड़ा भारी नज़र आ रहा है। 

 
5. खेरवाड़ा विधानसभा सीट 

अनुसूचित जनजाति रिज़र्व इस सीट पर भी मुख्य मुकाबला भाजपा कांग्रेस के बीच ही है। कांग्रेस ने यहाँ से वर्तमान विधायक डॉ दयाराम परमार को उम्मीदवार बनाया है जबकि भाजपा ने नानालाल अहारी को उम्मीदवार बनाया है।  पिछले चुनावो में भी इन दोनों के बीच मुख्य मुकाबला हुआ था जिसमे कांग्रेस के डॉ दयाराम परमार ने जीता था। भारत आदिवासी पार्टी से विनोद कुमार मीणा की मैदान में उपस्थिति नतीजों को प्रभावित करेंगी यह कहना मुश्किल है हालाँकि हालाँकि भारत आदिवासी पार्टी ने आदिवासी बाहुल्य के युवाओ को काफी प्रभावित किया है। इस विधानसभा सीट पर 71 फीसदी मतदान हुआ है। यहाँ से कांग्रेस की संभावना अधिक है।  

6. गोगुन्दा विधानसभा सीट 

अनुसूचित जनजाति रिज़र्व इस सीट पर भी मुख्य मुकाबला भाजपा कांग्रेस के बीच ही है। भाजपा ने यहाँ से वर्तमान विधायक प्रताप भील को ही उम्मीदवार बनाया है वहीँ कांग्रेस ने पिछली बार के उम्मीदवार मांगीलाल गरासिया को ही दोहराया है। पिछली बार इस सीट से भाजपा के प्रताप भील ने बाज़ी मारी थी। इसके अलावा बहुजन समाज पार्टी से दलपतराम, आम आदमी पार्टी से हेमाराम, भारत आदिवासी पार्टी से उदयलाल, कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया से लहरा, निर्दलीय प्रेमचंद गमेती तथा बत्तीलाल पुत्र हजारीलाल मीणा भी उम्मीदवार है। 

इस सीट पर 71.70 फीसदी मतदान दर्ज किया गया है। वर्तमान विधायक के एंटी इंकम्बेंसी और विधायक पर आरोपों के चलते यहाँ पर कांग्रेस की अच्छी संभावना है।  

7. झाड़ोल विधानसभा सीट 

अनुसूचित जनजाति रिज़र्व इस सीट पर भी मुख्य मुकाबला भाजपा कांग्रेस के बीच ही है। भाजपा ने यहाँ से वर्तमान विधायक बाबूलाल खराड़ी को ही उम्मीदवार बनाया है वहीँ कांग्रेस ने इस बार पूर्व विधायक हीरालाल दरांगी को उम्मीदवार बनाया है। पिछली बार इस सीट से भाजपा के बाबूलाल खराड़ी ने कांग्रेस के सुनील भजात को हराया था। 

आदिवासी बहुल इलाके में इस बार 78.55 फीसदी मतदान हुआ है।  इस सीट पर भी परम्परागत रूप से एक बार कांग्रेस एक बार भाजपा की जीत होती रही है।  इस बार यह मुकाबले में कांग्रेस की संभावना अधिक नज़र आ रही है। 

8. सलूंबर विधानसभा सीट 

अनुसूचित जनजाति रिज़र्व इस सीट पर भी मुख्य मुकाबला भाजपा कांग्रेस के बीच ही है। भाजपा ने यहाँ से अपने वर्तमान विधायक अमृतलाल मीणा को टिकट दिया है जबकी कांग्रेस ने पिछली बार के उम्मीदवार और CWC मेंबर, पूर्व सांसद और पूर्व विधायक रघुवीर सिंह मीणा पर फिर दांव लगाया है।  पिछली बार कांग्रेस से की बागी उम्मीदवार रेशमा मीणा की वजह कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा था। 

भारत आदिवासी पार्टी के जितेशकुमार मीणा के मैदान में रहने से हालाँकि नतीजों पर प्रभाव पड़ता नहीं दिखाई दे रहा है। सलूंबर के नया जिला बनवाने का लाभ रघुवीर मीणा को मिलता दिखाई दे रहा है लेकिन इस सीट पर भाजपा का पलड़ा भारी नज़र आ रहा है।     

यानि कुल मिलाकर उदयपुर ज़िले की आठ सीटों में कांग्रेस भाजपा के बीच ही मुकाबला होता दिख रहा है। जिसमे उदयपुर शहर और ग्रामीण तथा सलूंबर पर भाजपा की बढ़त की संभावना है जबकि मावली, खेरवाड़ा और झाड़ोल में कांग्रेस की बढ़त की संभावना है वही वल्लभनगर सीट पर जनता सेना ज़रूर मुकाबले में है लेकिन कांग्रेस की संभावना अधिक है वहीँ गोगुन्दा में कड़ा मुकाबला है।