बागीदौरा विधायक प्रकरण पर सांसद राजकुमार रोत ने लगाए आरोप
कहा- विधायक को षड्यंत्रपूर्वक फंसाया गया, सत्ताधारी पार्टी के प्रत्याशी की भूमिका संदिग्ध
उदयपुर 21 जून 2025। बांसवाड़ा जिले के बागीदौरा से भारत आदिवासी पार्टी (BAP) के विधायक जयकृष्ण पटेल पर रिश्वत लेने के आरोप के मामले में नया मोड़ आ गया है। बांसवाड़ा-डूंगरपुर से सांसद राजकुमार रोत ने इस मामले में बड़ा बयान देते हुए कहा कि विधायक को जानबूझकर एक सोची-समझी साजिश के तहत फंसाया गया है।
शुक्रवार को उदयपुर में उदयपुर विकास प्राधिकरण के विस्तार के विरोध में 'भील प्रदेश मुक्ति मोर्चा' के बैनर तले हुए प्रदर्शन में शामिल होने पहुंचे सांसद रोत ने दावा किया कि पार्टी की आंतरिक जांच में सामने आया है कि जयकृष्ण पटेल को षड्यंत्रपूर्वक फंसाया गया और इसमें सत्ताधारी दल के एक पूर्व प्रत्याशी की संलिप्तता भी है।
सांसद ने कहा कि फोन रिकॉर्ड के अनुसार सामने वाले व्यक्ति ने विधायक को 40 से 42 बार कॉल किए थे। उन्होंने सवाल उठाया कि एक क्षेत्रीय पार्टी के विधायक को डराकर कोई व्यक्ति रिश्वत क्यों देगा? यह सब कुछ एक नियोजित प्लानिंग और षड्यंत्र का हिस्सा था।
रोत ने यह भी कहा कि 1952 से अब तक राजस्थान में दो से ढाई हजार विधायक बन चुके हैं, लेकिन यह पहला मामला है जब किसी विधायक को इस प्रकार ट्रैप किया गया है। उन्होंने इस पूरे घटनाक्रम को राजनीति से प्रेरित और आदिवासी नेतृत्व को कमजोर करने की साजिश बताया।
राजकुमार रोत ने कहा कि इस षड्यंत्र का जवाब जनता ने पंचायतीराज के हालिया उपचुनाव में भाजपा को हराकर दे दिया है। उन्होंने कहा कि पहले भाजपा यह सीट 600 वोटों से जीत चुकी थी, लेकिन इस बार जनता ने इसे पलटते हुए भाजपा को नकार दिया।
इस मौके पर सांसद ने राज्य सरकार पर भी हमला बोला और मुख्यमंत्री से एसआई भर्ती परीक्षा के विवाद पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी स्थिति स्पष्ट करने की मांग की। उन्होंने कहा कि इस परीक्षा में गरीब आदिवासी युवाओं के साथ अन्याय हुआ है।
इसके साथ ही उन्होंने उदयपुर के सांसद मन्नालाल रावत पर भी निशाना साधा और कहा कि न तो वे आदिवासी हैं, न ही उनमें मानवता और इंसानियत है। सांसद के इस बयान से आदिवासी राजनीति में नया बवाल खड़ा हो सकता है।