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मौसम की तरह बदलने वाले नीतीश कुमार और चंद्र बाबू नायडू के भरोसे बनेगी सरकार 

बार बार पाला बदलने का इतिहास रहा है नीतीश कुमार और चंद्र बाबू नायडू का  

 

लोकसभा चुनाव 2024 सम्पन्न हो चूका और कल 4 जून 2024 को चुनाव परिणाम भी सामने आ गया।  जनता के ऐसा जनादेश दिया है जिससे सबकी झोली में कुछ न कुछ ख़ुशी अवश्य मिली है। 543 सीटों पर हुए चुनावो में जनता ने BJP के नेतृत्व वाली NDA को 291 सीट तो Congress के नेतृत्व वाले INDIA गठबंधन को 234 मिली है वहीँ अन्य को 18 सीट मिली है जिनमे ओवैसी (AIMIM) की पार्टी को 1, आज़ाद समाज पार्टी (ASP) 1 , शिरोमिनी अकाली दल (SAD) को 1, YSRCP की 4 और 7 निर्दलीय शामिल है।       

केंद्र में सरकार बनाने के लिए 272 सीटों की जरूरत है। NDA की 291 सीटों में BJP की 240, चंद्रबाबू नायडू की TDP की 16, नीतीश कुमार की JDU की 12, शिवसेना शिंदे (SHS) की 7, LJP (रामविलास) की 5, JDS की 2, RLD की 2, JSP की 2, AGP की 1, UPPL की 1 AJSU की 1, NCP (अजित पवार) की 1, जीतन राम मांझी की HAM की 1 और अपना दल की 1 सीट शामिल है।

मौजूदा समय में सत्तारूढ़ NDA गठबंधन के पास 292 का आंकड़ा है, जो 272 के बहुमत से अधिक है। अगर JDU की 12 सीटें और TDP की 16 सीटें मिलाएं तो 28 सीटें होती हैं। यानी इन दोनों पार्टियों के बिना NDA का आंकड़ा लगभग 264 पर आ जाता है, बहुमत से आठ सीटें कम। यानि केंद्र सरकार के गठन को लेकर अब नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू पर ही दारोमदार रहेगा।

बार बार पाला बदलने का इतिहास रहा है नीतीश कुमार और चंद्र बाबू नायडू का  

दिलचस्प ये है कि नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू दोनों ही कुछ समय पहले तक केंद्र की मोदी सरकार के ख़िलाफ़ मोर्चा खोले हुए थे। नीतीश कुमार की छवि राजनैतिक जगत में पल्टीबाज़ नेता के रूप में जानी जाती है। वह किसी के भी साथ गठबंधन बनाकर सरकार का गठन कर सकते बिहार में सब ने देखा है कभी BJP के साथ मिलकर RJD के खिलाफ चुनाव लड़कर RJD के साथ मिलकर सरकार बना लेते है कभी RJD के साथ मिलकर BJP के खिलाफ चुनाव लड़कर BJP के साथ सरकार बना लेते है। बार बार पलटी मारने का इतिहास उनका जगज़ाहिर है। इसी प्रकार चंद्रबाबू नायडू भी कभी NDA के पाले में रहते है कभी कांग्रेस नीत पुराने गठबंधन UPA का हिस्सा रहे है, यानि अब BJP की आगामी सरकार की बाग़डोर दोनों ऐसे नेताओ के हाथ में है जो कभी भी किसी भी वक्त कब पाला बदल दे यह वह खुद भी नहीं जानते।       

अब अगर मान लें कि नीतीश कुमार एक बार फिर NDA छोड़कर INDIA में शामिल होते हैं तो उनके 12 सांसदों के हटने से NDA की संख्या घटकर 280 हो जाएगी। यानी NDA के पास उस स्थिति में भी सरकार बनाने के लिए पर्याप्त संख्या बल रहेगा। अब अगर ये भी मान लें कि नीतीश कुमार के बाद चंद्रबाबू नायडू NDA छोड़ दे तो उनके 16 सासंदों को हटाने के बाद NDA की सीटों की संख्या घटकर 264 हो जाएगी। यानी, मैजिक नंबर से NDA 8 सीट पीछे हो जाएगी। हालाँकि इस स्थिति में जगन मोहन रेड्डी की YSRCP के 4 सांसदों और 7 निर्दलीयों की मदद से NDA के सरकार गठन की संभावना बनी रहेगी। क्योंकि, TDP अगर NDA से अलग होती तो YSRCP के साथ आने की गुंजाइश बन सकती है।

क्या संभावना है इंडिया गठबंधन की सरकार का ?

अब INDIA गठबंधन पर आते हैं। लोकसभा चुनाव के नतीजों में INDIA को 234 सीटें मिली हैं। इनमें Congress की 99, समाजवादी पार्टी (SP) की 37, तृणमूल कांग्रेस (AITC) की 29, DMK की 22, शिवसेना (UBT) की 9, NCP (शरद पवार) की 8, RJD की 4, CPM की 4, IUML की 3, आम आदमी पार्टी (AAP) की 3, JMM की 3, JKNC की 2, VCK की 2, CPI की 2, CPI-ML की 2 और KC, RLTP, BAP, MDMK और RSP की 1 सीट शामिल है। इस तरह INDIA गठबंधन सरकार बनाने के संख्या बल से 38 सीटें पीछे है।

कहाँ से जुटाएंगे बहुमत ?

अब अगर INDIA गठबंधन केंद्र में सरकार बनाने की तरफ कदम बढ़ाता है, तो सबसे पहले उसे इन 38 सीटों का इंतजाम करना होगा। मान लीजिए कि 7 निर्दलीय और आजाद समाज पार्टी के चंद्रशेखर आज़ाद और ओवैसी का समर्थन INDIA को मिलता है, तो उसकी संख्या 234 से बढ़कर 243 हो जाएगी। यानी अभी भी बहुमत के आंकड़े से 29 सीट दूर। ऐसे में नीतीश के साथ चंद्रबाबू नायडू को भी जोड़ें तो दोनों के सांसदों की संख्या मिलने के बाद विपक्ष के पास 271 सीटें हो जाएंगी। ये संख्या 272 के आंकड़े से अभी भी 1 सीट कम है। अब इन सीट के लिए विपक्ष को अपना दल (1) और आरएलडी (2) जैसे दल को साथ लेना होगा, जिसके बाद उसके पास बहुमत का आंकड़ा बन जाएगा।