उदयपुर में वामदलों ने डॉ अम्बेडकर के अपमान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया
जिला कलेक्टर कार्यालय के गेट पर सभा की गई
उदयपुर 30 दिसंबर 2024 । वामपंथी पार्टियों के संयुक्त आह्वान पर पार्लियामेंट में देश के गृह मंत्री अमित शाह द्वारा अपमानजनक टिप्पणी के विरोध में देशव्यापी प्रदर्शन के बतौर आज वामपंथी पार्टियों, अम्बेडकरवादी एवं जनतांत्रिक संगठनों द्वारा जिला कलेक्टर कार्यालय पर अमित शाह का इस्तीफ़ा माँगते हुए जनसभा की गई और अमित शाह का पुतला दहन किया गया।
इन पार्टियों एवं संगठनों के कार्यकर्ता कोर्ट चौराहा स्थित बाबा साहेब अंबेडकर की मूर्ति पर माल्यार्पण कर अमित शाह और बीजेपी के ख़िलाफ़ और संविधान बचाने के नारे लगते हुए जिला कलेक्टर कार्यालय तक मार्च किया गया और जिला कलेक्टर कार्यालय के गेट पर सभा की गई।
सभा को संबोधित करते हुए कार्यक्रम के संयोजक एवं भाकपा-माले के राज्य सचिव कामरेड शंकरलाल चौधरी ने कहा की अमित शाह द्वारा राज्य सभा में बाबा साहेब पर की गई अप्पतिजनक टिप्पणी महज जुबान फिसलने का मामला नहीं है बल्कि जानबूझ कर और राजनीतीक षड्यंत्र के तहत किया गया कृत्य है। हमें इनकी पोल खोलते हुए हर स्तर पर प्रतिरोध का मोर्चा खड़ा कर शिकस्त देनी होगी तभी बाबा साहेब का सम्मान और लोकतंत्र की रक्षा हो सकेगी।
जानीमानी लेखिका एवं अम्बेडकरवादी लीडर कुसुम मेघवाल ने कहा कि देश में आज फिर से मनुवाद लादने का एजेंडा चलाया जा रहा है जिसमें बाबा साहेब अंबेडकर के समता, न्याय और भाईचारे के संवैधानिक मूल्य इन ताकतों के आड़े आ रहे हैं इसलिए बाबा साहेब के सम्मान पर हमला किया जा रहा है जिसको देश की जानता कत्तई बर्दाश्त नहीं करेगी।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के जिला सचिव कामरेड राजेश सिंघवी ने कहा कि भाजपा अपना एजेंडा लागू करने के लिए ना केवल डॉ अंबेडकर जैसे सम्मानित नेताओं का अपमान कर रही बल्कि चुनाव प्रक्रिया नियमों में बदलाव कर अपारदर्शी हथकंडों से चुनाव जीतने का रास्ता खोलने की कौशिश में है क्योंकि अब जानता उनके खिलाफ खड़ी हो रही है।
संविधान संरक्षण समिति के संरक्षक गणेश लाल रायकवाल ने कहा कि आज बाबा साहेब के संविधान और लोकतंत्र पर खतरा मनुवादी ताकतों की और से है यह तो हम जानते हैं परंतु इसका मुकाबला बहुजन समाज की एकता से ही किया जाएगा जिसकी तैयारी बराबर चल रही है। संविधान की रक्षा में खड़ा होना और लोकतंत्र को बचाना हमारी जिम्मेदारी है।
भाकपा-माले के जिला सचिव कामरेड चंद्रदेव ओला ने कहा की लोकतंत्र पर हमले के ख़िलाफ़ इस लड़ाई को हमें गांव और मोहल्लों के निचले स्तरों तक ले जाना होगा तभी यह लड़ाई हम जीत पाएंगे। वरिष्ठ अधिवक्ता एवं पीयूसीएल उदयपुर के अध्यक्ष अरुण व्यास ने कहा की बीजेपी और उसके संगठन लोकतंत्र और मानवाधिकारों को हिकारत की दृष्टि से देखते रहे हैं और अब सत्ता के बल पर देश पर असंवैधानिक मनु स्मृति थोप देना चाहते हैं, यह देश इसको कभी बर्दाश्त नहीं करेगा।
इस मौके पर प्रमुख अंबेडकरवादी विचारक एवं एवीएनएल के सेवानिवृत मुख्य अभियंता एनएल सालवी, भाकपा-माले के सौरभ नरुका, आप पार्टी के पीयूष जोशी सहित काफ़ी संख्या में जनवादी संगठनों के कार्यकर्ता उपस्थित थे। अंत में एक प्रतिनिधिमंडल ने भारत की राष्ट्रपति के नाम अमित शाह को पद से बर्खास्त करने, चुनाव प्रक्रिया नियमों में किए गए संशोधनों को वापस लेने और एक देश एक चुनाव का बिल वापस लेने की मांगों का ज्ञापन जिला कलेक्टर को सौंपा गया।