{"vars":{"id": "74416:2859"}}

टिकट न मिलने पर फूट-फूटकर रोने लगे नेताजी 

सलूंबर विधानसभा टिकट न मिलने पर नरेंद्र मीणा नाराज़ 

 

सलूंबर विधानसभा उप चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी द्वारा टिकट नहीं मिलने से नाराज भाजपा नेता नरेन्द्र मीणा रविवार को एक सभा में पहुंचते ही फूट-फूटकर रोने लगे। कार्यकर्ता और समर्थकों ने उन्हें गले लगाते हुए संभालने का प्रयास किया लेकिन वे रोते रहे। अपने आंसू नहीं रोक पाए।

इसके बाद सभा में संबोधित करते हुए नरेन्द्र मीणा ने दिवंगत भाजपा विधायक अमृतलाल मीणा की पत्नी शांता देवी मीणा को उम्मीदवार बनाए जाने को लेकर कहा कि भाजपा पार्टी का ही कोई सदस्य या कार्यकर्ता आता तो अच्छा रहता लेकिन, आप क्यों एक ही घर में इसे समेट रहे हो। नरेन्द्र मीणा ने कहा कि अब समाज के चुनिंदा व्यक्तियों से राय लेकर जो निर्णय किया जाएगा। उसे आलाकमान को भेजेंगे। आलाकमान को इस पर पुनर्विचार करना चाहिए।

इस पूरी घटना के बाद आज सोमवार को नरेंद्र मीणा को मिले समर्थन को देखते हुए मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने उनसे जयपुर में मुलाकात की।  जिसके बाद उसने वीडियो जारी करते हुए कहा कि कोई भी किसी भी तरह की गलतफहमी न रखे।  इस दौरान उनके साथ विमान में पूर्व मंत्री श्रीचंद कृपलानी और वल्लभनगर विधायक उदयलाल डांगी मौजूद रहे। 

आलाकमान 24 घंटे में निर्णय बदले, नहीं तो हम निर्णय लेंगे: मीणा

नरेन्द्र मीणा ने कहा कि सलूंबर विधानसभा उपचुनाव में जैसे ही भाजपा टिकट की घोषणा हुई। इससे यहां के कार्यकर्ता और जनता में दुख की लहर चल पड़ी। आज सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने मुझे निमंत्रण देकर यहां बुलाया। यहां हमने निर्णय लिया कि एक बार फिर आलाकमान पर विश्वास जताते हुए उन्हें टिकट पर पुनर्विचार के लिए 24 घंटे का समय दिया जाए।

21 अक्टूबर तक हम निर्णय बदलने का इंतजार करेंगे। अगर निर्णय नहीं बदलता है तो सलूंबर की जनता जो कहेगी वह करूंगा। मीणा बोले, कल रात को भाजपा नेता श्रीचंद कृपलानी का मेरे पास फोन आया। उन्होंने सीएम से बात कराने के लिए बोला। लेकिन मैंने उन्हें कहा कि सलूंबर की जनता जो कहेगी। मैं वहीं करूंगा।

भाजपा ने सहानुभुति कार्ड चला

भाजपा ने उपचुनाव में दिवंगत विधायक अमृतलाल मीणा की पत्नी शांता देवी को टिकट देकर सहानुभूति कार्ड चला है। पिछले कई उपचुनाव में सहानुभूति कार्ड कारगर रहा है। पिछली बार राजसमंद में विधायक किरण माहेश्वरी के निधन के बाद उनकी बेटी दीप्ति माहेश्वरी को टिकट दिया। वह उपचुनाव भी जीती और अभी विधायक हैं। कांग्रेस राज में हुए उपचुनाव के दौरान कांग्रेस और बीजेपी ने दिवंगत विधायकों के बेटे-बेटियों को टिकट दिया और वह चुनाव जीते।