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सलूंबर विधानसभा-इस सीट पर रघुवीर मीणा का भविष्य दांव पर है 

अब तक हुए 16 चुनावो में 9 बार कांग्रेस, 6 बार भाजपा, 1 बार स्वतंत्र पार्टी और 1 बार जनता पार्टी ने जीत दर्ज की है

 

राज्य के चुनावी इतिहास में अब तक सलूंबर सीट से जिस पार्टी की जीत होती है, उसी पार्टी की सरकार राज्य में बनती आई है।  हालाँकि पिछली बार यह मिथक टूट चूका है। 2018 में जब राज्य में कांग्रेस पार्टी ने जीतकर राज्य में सरकार बनाई थी लेकिन सलूंबर सीट से भाजपा के प्रत्याशी अमृत लाल मीणा ने मेवाड़ के बड़े नेता और आदिवासी नेता रघुवीर को शिकस्त दी थी। 

1952 से लेकर 2018 तक सलूंबर में हुए चुनावो में कांग्रेस ने 9 बार, भाजपा ने 6 बार जीता दर्ज की है।  1962 में स्वतंत्र पार्टी के मावा मीणा ने जीत दर्ज की थी जबकि 1977 में मावा मीणा ने जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव जीता था। 

एआईसीसी के सदस्य और उदयपुर लोकसभा सीट से सांसद रह चुके रघुवीर मीणा ने यहाँ से 2008 में चुनाव जीता था।  उसके बाद 2009 में उदयपुर से लोकसभा सांसद का चुनाव जीतने के बाद खाली हुई इस सीट पर रघुवीर मीणा की पत्नी बसंती देवी उपचुनाव में जीती थी।  उसके बाद 2013 में 2018 में भाजपा की टिकट पर अमृत लाल मीणा ने इस सीट पर विजय हासिल की थी। 

पिछले विधानसभा चुनाव में रघुवीर मीणा को हार का सामना कर पड़ा था। सलूंबर विधानसभा क्षेत्र में पड़ने वाली सराड़ा क्षेत्र की 10 साल से प्रधान रह चुकी रेशमा मीणा ने निर्दलीय ताल ठोककर रघुवीर मीणा के लिए मुश्किल खड़ी कर दी थी।  2018 का विधानसभा चुनाव हारने के बाद भी कांग्रेस ने रघुवीर मीणा को उदयपुर लोकसभा सीट की टिकट दी थी लेकिन इस बार भी रघुवीर मीणा को भाजपा के अर्जुन लाल मीणा के सामने शिकस्त का मुंह देखना पड़ा था। 

आगमी विधानसभा चुनाव के लिए भी सलूंबर विधानसभा से कांग्रेस नेता व पूर्व सांसद रघुवीर सिंह मीणा, उनकी पत्नी पूर्व विधायक बसंती के साथ ही उनके सामने पिछले चुनाव में बागी चुनाव लड़ चुकी रेशमा मीणा ने भी दावेदारी पेश की है। रघुवीर मीणा इस सीट से कांग्रेस से प्रबल दावेदार है ऐसे में इस सीट को जीतना रघुवीर मीणा के राजनैतिक भविष्य को बचाये रखने के सामान है। 

सलूंबर का सबसे बड़ा मुद्दा इस कस्बे को जिला बनाने का था।  कांग्रेस सरकार ने इस वर्ष को सलूंबर को नया जिला बना दिया है ऐसे में रघुवीर मीणा के पास कांग्रेस की इस उपलब्धि को मतदाता तक पहुँचा कर रास्ता तय करना थोड़ा बहुत आसान हो गया है लेकिन रेशमा मीणा की दावेदारी और भीतरघात की समस्या का उपाय उन्हें खोजना होगा। वहीँ पिछले चुनाव में सलूंबर नगर पालिका में भाजपा काबिज़ थी इस बार सलूंबर नगर पालिका में कांग्रेस का राज है।  

सलूम्बर विधानसभा सीट का 92.48 फीसदी हिस्सा ग्रामीण और 7.52 फीसदी हिस्सा शहरी है। इस विधानसभा में कुल आबादी का 55.07 प्रतिशत आबादी अनुसूचित जनजाति की है। जबकि 5.21 प्रतिशत आबादी अनुसूचित जाति की है। आदिवासी आबादी के बाद सबसे बड़ी आबादी पटेल समाज की है फिर राजपूत, ब्राह्मण, मुस्लिम और अन्य जातियां हैं।