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जिला कलेक्टर ने फतहसागर पर कायाकिंग एवं कैनोइंग केंद्र का निरीक्षण किया

उदयपुर भौगोलिक रूप से जल क्रीड़ा खेलों के लिए राज्य में सर्वश्रेष्ठ स्थान

 

जल क्रीड़ा अकादमी पर्यटन, रोजगार एवं प्रतिभावान खिलाड़ियों को अवसर देने में सहायक

उदयपुर । जिला कलेक्टर तारा चंद मीणा गुरुवार सुबह अचानक फतहसागर पाल पहुँचे एवं पाल पर संचालित कायाकिंग एवं कैनोइंग सेंटर का निरीक्षण किया । कलेक्टर ने कायाकिंग प्रशिक्षक निश्चय सिंह चौहान से खेल की जानकारी प्राप्त करते खिलाड़ियों की उपलब्धियों एवं भविष्य की सम्भावनाओं को समझा । जानकारी उपरांत जिला कलेक्टर ने खिलाड़ियों को प्रोत्साहन देते हुए निरन्तर अभ्यास से अंतराष्ट्रीय स्तर पर भारत का परचम फहराने की शुभकामनाएं प्रेषित करी । 

जिला कलेक्टर ने कहा कि उदयपुर की भौगोलिक स्थिति एवं वातावरण जल क्रीड़ा खेलों के लिए राज्य में सर्वश्रेष्ठ स्थान है । उदयपुर में यदि जल क्रीड़ा को प्रोत्साहन दिया जाता है तो यह पर्यटन को बढ़ाने में तो सहायक होगा ही, साथ ही ज़िले के प्रतिभावान खिलाड़ियों को राष्ट्रीय स्तर पर राज्य का प्रतिनिधित्व करने के अधिक अवसर प्रदान करेगा ।

कैनो स्प्रिंट चेयरमैन पीयूष कच्छावा ने बताया कि उदयपुर की झीलें पहाड़ो के बीच होने से यहां तेज हवा की समस्या नहीं रहती है एवं जल भी वर्षभर उपलब्ध रहता है। यह दोनों ही सुगम परिस्थितियां पूरे राज्य में कही और नहीं, इसी कारण उदयपुर के खिलाड़ियों को नियमित अभ्यास की सुविधा से राष्ट्रीय स्तर पर राज्य के प्रतिनिधित्व के अधिक अवसर प्राप्त होते है । कायाकिंग एवं कैनोइंग खेल में हाथों की ताकत से चप्पू चलाने वाली यह छोटी नावें पानी को शुद्ध रख जलीय जीव- जन्तुओं एवं वातावरण शुद्धि के लिए सहायक रहती है । 

कच्छावा ने बताया कि जिला कलेक्टर ने पदकधारी उदीयमान खिलाड़ियों की खेल उपकरण एवं अन्य सुविधाओं सम्बंधित समस्याओं को समझते हुए उन्हें नवीन खेल उपकरण, लाइफ सेविंग अप्रैटस एवं अंतराष्ट्रीय स्तर की खेल सुविधाओं के साथ जल क्रीड़ा खेल अकादमी खोलने का आश्वासन दिया।