कम उम्र में ब्लैक बेल्ट का तमगा प्राप्त करने वाली झाड़ोल की लता
बालिका शिक्षा के साथ-साथ कराटे सीखने के लिए भी प्रेरित कर रही है
जीवन में कितनी भी परेशानी क्यों न हो, यदि आपके अंदर हौसला है और मंजिल को पाने की ललक है, तो फिर कोई मुश्किल आपका रास्ता नहीं रोक सकती है। इस बात को साबित कर दिखाया है झाड़ोल तहसील के एक छोटे से गांव आवरड़ा की रहने वाली लता पंडिया ने। 20 वर्षीया लता तमाम मुश्किलों को पार करके कम उम्र में ब्लैक बेल्ट का तमगा हासिल करने वाली झाड़ोल तहसील की पहली बालिका है। लता का कहना है कि आज के बदलते दौर में बालिकाओं को आत्मनिर्भरता के लिए आत्मरक्षा बेहद जरूरी है। इसके लिए लड़कियों को आगे आना चाहिए। वे अपने क्षेत्र में बालिकाओं को बालिका शिक्षा के साथ-साथ कराटे सीखने के लिए भी प्रेरित कर रही है।
रेसलिंग ग्रेपलिंग में राष्ट्रीय स्वर्ण पदक जीता
लता पंडिया ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओं और बेटी को कराटे सिखाओं’ के संदेश को लेकर सभी क्षेत्रीय बालिकाओं को प्रेरित कर रही है। वह खुद भी मार्शल आर्ट व ग्रेपलिंग में अभ्यास कर रही है। लता ने स्प्रिचुअल मार्शल आर्ट एकेडमी झाड़ोल (उदयपुर) से प्रशिक्षण प्राप्त कर 2021 में रेसलिंग ग्रेपलिंग में राष्ट्रीय स्वर्ण पदक जीता और एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की। इसके बाद हाल ही में आयोजित बेल्ट परीक्षा समारोह में भी शानदार प्रदर्शन कर कराटे आर्ट में ब्लैक बेल्ट हासिल किया। लता की इस उपलब्धि से पूरे गांव सहित परिवारजन में हर्ष है।
साथ ही वे स्नातक तृतीय वर्ष की छात्रा है। वह झाड़ोल में कराटे कोच सेंसेई तुषार मेहता से प्रशिक्षण प्राप्त कर रही है। लता का कहना है कि उसे प्रोत्साहित करने में उसके माता-पिता का महत्वपूर्ण योगदान रहा। जिसकी वजह से यह उपलब्धि उसने हासिल की। लता के माता-पिता कृषि का कार्य करते है।