पुष्पेंद्र के भारतीय अंडर-19 वर्ल्ड कप टीम में चयन पर उनके कोच मनोज चौधरी से उदयपुर क्रिकेट पर बातचीत
अंडर-19 क्रिकेट वर्ल्ड कप के लिए भारतीय टीम की घोषणा हो चुकी है। इस टीम में उदयपुर में स्थित वंडर क्रिकेट एकडेमी, उदयपुर के ऑलराउंडर खिलाड़ी पुष्पेंद्र सिंह का चयन हुआ है। पुष्पेंद्र सिंह उदयपुर के दूसरे खिलाडी है जो इंडिया टीम के लिए चयनित किए गए हैं। इससे पहले उदयपुर के अशोक मेनारिया 2008 में अंडर-19 वर्ल्ड कप और आईपीएल में राजस्थान रॉयल्स की टीम में खेल चुके हैं। वह घरेलु रणजी टीम में राजस्थान के कप्तान भी बने थे। हाल ही पुष्पेंद्र का चयन अंडर-19 कैंप के लिए हुआ था। वे कैंप में चयनित होने वाले प्रदेश से इकलौते खिलाड़ी है।
उदयपुर के उभरते क्रिकेट खिलाडी पुष्पेंद्र सिंह और वंडर क्रिकेट एकेडमी के मुख्य कोच मनोज चौधरी से उदयपुर में क्रिकेट के भविष्य को लेकर उदयपुर टाइम्स ने बातचीत की जिनके के मुख्य अंश इस प्रकार है :
UT: पुष्पेंद्र को बॉलिंग ऑलराउंडर के रुप में देखते है या बेटिंग ऑलराउंडर के रुप में?
Manoj: मैं उसको बॉलिंग ऑलराउंडर के रुप में देखता हूं। अगर आज के दौर में देखा जाए तो बॉलिंग और बेटिंग दोनों ऑलराउंडर्स की मांग ज्यादा है। पुष्पेंद्र राजस्थान के लिए बॉलिंग और बेटिंग दोनों क्षेत्र में अच्छा परफॉर्म कर रहे है।
UT: भविष्य में पुष्पेंद्र के आगे बढ़ने के क्या अवसर है ?
Manoj: बहुत अवसर हैं। एक बोलिंग ऑलराउंडर कि क्या अहमियत है, वह हम कुछ सालों से चल रहे T20 टूर्नामेंट्स और वन-डे टूर्नामेंट्स में देख ही रहे हैं।जुनियर इंडिया टीम ही नहीं, पुष्पेंद्र की प्रमुख ताकत उसे एक प्रतिस्पर्धी खिलाड़ी बनाती है, जिसके पास वरिष्ठ टीम के लिए एक व्यापक खिलाड़ी बनने का कौशल है। हमारी इच्छा है कि पुष्पेंद्र ही नहीं लेकसिटी के अन्य बच्चे भी सीनियर टीम इंडिया के लिए खेलें।
UT: क्या उदयपुर में एक क्रिकेटर बनने के लिए पर्याप्त मात्रा में कोचिंग और संसाधन उपलब्ध हैं?
Manoj: क्रिकेटर बनने का रास्ता ज्यादा लंबा नहीं है, लेकिन मुश्किल भरा रास्ता है। इसमें मेहनत है, लगन है, जुनून की हद तक खेल में खो जाने की ज़रुरत है। उदयपुर में सभी संसाधन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। मैंने 25 साल का सफर कोच के रुप में गुज़ारा है। सभी संसाधन उपलब्ध होने के साथ बेहद ज़रूरी है उस जूनून को ग्रांउड लेवल पर लाना। यदि हमारी मेहनत नहीं होती तो कभी संभव नहीं होता की हम उदयपुर से इतने खिलाड़ी तैयार कर सकते थे। उदयपुर छोटा शहर होने के बावजूद भी यहां के खिलाड़ी बेहतरीन प्रदर्शन करके अपना नाम रोशन कर रहे है।
UT: एक खिलाड़ी के लिए फिटनेस कितनी ज़रुरी है।
Manoj: क्रिकेट अंतरराष्ट्रीय गेम है इसलिए इसकी पॉपुलैरिटी अन्य देशों की अपेक्षा भारत में काफी अधिक है। फिटनेस सभी खेलों का महत्वपूर्ण हिस्सा है। उसी तरह क्रिकेट खेलते समय शक्ति, फिटनेस, मनोबल भी काफी आवश्यकता होती है। अगर आप नॉर्मल लाइफ स्टाइल जीते हैं तो भी आपको फिटनेस पर ध्यान देना चाहिए।
UT: उदयपुर के क्रिकेटरों का भविष्य क्या है?
Manoj: कहते हैं कि खेलने और सीखने की कोई उम्र नहीं होती, क्रिकेटर बनना मुश्किल है, लेकिन नामुमकिन नहीं। उदयपुर में जिस तरह से सभी बच्चे आगे बढ़ रहे है, बल्कि लड़कियां भी क्रिकेट खेलने में आगे है। यदि पिछले साल में क्रिकेट का 2 या 3 साल का ग्राफ देखा जाए तो धीरे-धीरे ऊपर बढ़ रहा है। हम 2-3 साल में अंडर-19 में राजस्थान में 2 बार चैपिंयन बने है। 1 बार रनर-अप भी रहे हैं। वहीं सीनियर चैंपियनशिप में भी हम जीते है। अंडर-16 के भी रनर-अप रहे हैं।
पहली बार जब हम वुमन क्रिकेट टीम लेकर गए तो हमने सेमीफाइनल खेला। कल भी बीकानेर में टूर्नामेंट खेला गया उसमें भी हमारी टीम को कामयाबी हासिल हुई है। इन सब का सबसे बड़ा उदाहरण के तौर पर देख तो पुष्पेंद्र सिंह है जिन्हें अगले माह वेस्ट इंडीज में होने वाले अंडर-19 वर्ल्ड कप के लिए स्टैंडबॉय के तौर टीम इंडिया में शामिल किया गया है।