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जिंक फुटबाल अकादमी ने अंडर-18 दोस्ताना मुकाबले में एफसी गोवा को हराया

जिंक फुटबाल अकादमी की टीम ने फातोर्दा के डॉन बॉस्को कॉलेज ग्राउंड पर खेले गए अंडर-18 दोस्ताना मैच में एफसी गोवा को 3-0 से हरा दिया

 
उदयपुर स्थित हिंदुस्तान जिंक की जिंक फुटबॉल अकादमी के अंडर-18 फुटबालर इस समय गोवा के एक्सपोजर टूर पर हैं

उदयपुर। जिंक फुटबाल अकादमी की टीम ने फातोर्दा के डॉन बॉस्को कॉलेज ग्राउंड पर खेले गए अंडर-18 दोस्ताना मैच में एफसी गोवा को 3-0 से हरा दिया। दोनों टीमें पहले हाफ के अधिकांश समय तक चढक़र खेलीं। हालांकि, जिंक फुटबाल अकादमी टीम ने पहले हाफ के मध्य में अपने खेल का स्तर उठाया और गोल करते हुए आगे निकल गई। यह गोल बाएं फ्लैंक से विंगर जांगमिंटांग हाओकिप द्वारा बनाए गए शानदार मूव पर हुआ। हाओकिप के पास पर स्ट्राइकर बाबर ने एक आसान गोल किया। दूसरे हाफ का खेल बिल्कुल अलग रहा। मेहमान जिंक फुटबाल टीम शुरुआत से ही हावी दिखी। लगातार अच्छा खेल रही जिंक फुटबाल टीम ने जल्द ही अपनी लीड दोगुनी कर ली। दूसरे गोल के लिए बाबर ने प्रयास किया था लेकिन गेंद गोवा के गोलकीपर से डिफलेक्ट होकर हाओकिप के पास गई और उन्होंने बिना गलती के गेंद को पोस्ट में डाल दिया।

एफसी गोवा की टीम ने मार्जिन कम करने के लिए लगातार प्रयास कर रही थी लेकिन इसी बीच जिंक फुटबाल अकादमी ने मैच खत्म होने से कुछ समय पहले तीसरा और अंतिम गोल करते हुए अपनी जीत पक्की कर ली। यह गोल मिडफील्डर संदीप मरांडी द्वारा बनाए गए मूव पर हुआ। संदीप मिडफील्ड से गेंद लेकर बॉक्स के पास पहुंचे और गेंद सुभाष डामोर को थमाई। सुभाष ने कट किया और फिर मौका मिलते ही पोस्ट पर निशाना साधा। वह गोलकीपर को छकाने में सफल रहे और इस तरह उन्होंने अपनी टीम के लिए तीसरा गोल किया।

एफसी गोवा (अंडर-18 टीम) के प्रमुख कोच गेविन अराउजो ने कहा कि जिंक फुटबाल अकादमी टीम के खिलाफ खेलना एक शानदार अनुभव रहा। मैं उनके खिलाडिय़ों की गुणवत्ता और पिच पर एक दूसरे से संवाद करने के तरीके से प्रभावित था। उनका उज्जवल भविष्य है। गुड लक।

उदयपुर स्थित हिंदुस्तान जिंक की जिंक फुटबॉल अकादमी के अंडर-18 फुटबालर इस समय गोवा के एक्सपोजर टूर पर हैं। जिंक फुटबॉल राजस्थान में एक फुटबॉल क्रांति की शुरूआत करने के लिए वेदांता हिंदुस्तान जिंक की पहल है। यह उदयपुर, राजस्थान के पास जावर में अपने मूल में प्रौद्योगिकी और डेटा विश्लेषण के साथ अपनी तरह का एक जमीनी (ग्रासरूट) स्तर पर विकास कार्यक्रम है। इसके तहत सामाजिक और सामुदायिक विकास के लिए एक उपकरण के रूप में फुटबाल का उपयोग किया जा है और यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि युवा लडक़े और लड़कियां फुटबाल के माध्यम से खुद को व्यक्त कर सकें।